छपी-अनछपी: रिजर्वेशन 50% से अधिक करने की वकालत, शिक्षा लाभ का जरिया नहीं: सुप्रीम कोर्ट
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। EWS रिज़र्वेशन को सुप्रीम कोर्ट में सही क़रार दिए जाने के बाद अब इस बात पर बहस तेज़ हो गयी है कि आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मांग में शामिल हो गए हैं। आज के अधिकतर अखबारों के लीड यही है। बक्सर में चल रहे हिन्दू संत सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख के बयान को भी अखबारों ने प्रमुखता दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में बेतहाशा ट्यूशन फीस के बारे में टिप्पणी की है कि शिक्षा को लाभ का जरिया नहीं बनाएं। यह खबर भी सब जगह है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है आरक्षण 50% से बढ़े, जातीय गणना हो ताकि कोटा मिल सके: नीतीश। नीतीश का यही बयान जागरण और प्रभात खबर में भी लीड है। प्रभात खबर ने लिखा है: 50% से बढ़े आरक्षण का दायरा, देश स्तर पर हो जातीय गणना। मंगलवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत का आरक्षण तो पहले से ही हो गया था। हमलोगों ने भी कहा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे कर दिया है। यह तो ठीक ही हुआ है। लेकिन, बाकी जो है, जरूरी है कि एक बार जातीय आधारित जनगणना देश में ठीक से हो जाए। दूसरी बात है कि जो आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत का है, उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति को उनकी आबादी के अनुसार मिलता है, लेकिन ओबीसी और ईबीसी को आरक्षण उनकी आबादी के अनुरूप नहीं मिल पाता है। इसलिए जब सवर्णों का 10 प्रतिशत हो गया है तो अच्छा है, पर अब 50 प्रतिशत की सीमा बढ़नी चाहिए।
जागरण में पहले पेज पर एक सुर्खी है: शिक्षा मुनाफा कमाने वाला व्यापार नहीं, सुप्रीम कोर्ट। (तस्वीरः सौनज्य टाइम्स आॅफ इंडिया।) यह मामला आंध्र प्रदेश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस का है जिस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा मुनाफा कमाने वाला व्यापार नहीं है। ट्यूशन फीस हमेशा वहन करने योग्य होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए निजी मेडिकल कॉलेज की अपील खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ बढ़ी फीस की रकम वापस करने के हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा बल्कि अपीलकर्ता निजी कॉलेज व आंध्र प्रदेश सरकार पर ढाई ढाई लाख जुर्माना लगाया। यह आदेश जस्टिस एम आर शाह और सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिया है।
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: मोहन भागवत बोले हमारा काम पुरुषार्थ, नारेबाजी नहीं। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि हमारा कार्य पुरुषार्थ व कर्म करना है, नारेबाजी व जोश में होश खोना नहीं। लिहाजा मनोकामना पूर्ण होने के लिए कर्म व पुरुषार्थ करना आवश्यक है। श्रीराम कर्म भूमि न्यास सिद्धाश्रम बक्सर के तत्वावधान में आयोजित सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन के अध्यक्ष व बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए भागवत ने कहा कि धर्म के लिए कर्म करना चाहिए, खुद के लिए अथवा किसी से डरकर नहीं। जागरण में भी भागवत का बयान पहले पेज पर है: दुनिया समर्थवान भारत की ओर देख रही है, तैयार हो जाएं। भास्कर की सुर्खी है: संत बोले- पीओके वह अक्साई चीन हमारा होना चाहिए, भागवत ने कहा संतों की इच्छा पूरी होगी।
प्रभात खबर मैं बिकता एयरपोर्ट के बारे में खबर है कि उसके लिए अगले माह टेंडर होगा। टेंडर की राशि लगभग ₹900 करोड़ तक जाने का अनुमान है। इस एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को 108 एकड़ जमीन दी है।
हिन्दुस्तान में पहले पेज पर राज्य कैबिनेट के फैसले की खबर है: बिहार में 534 कनीय अन्वेषक समेत 759 नए पदों पर होगी बहाली। जूनियर इन्वेस्टिगेटर के यह पद 534 प्रखंडों में होंगे।
विधायकों की सालाना वेतन में 1.2 लाख रुपए सालाना की वृद्धि की खबर प्रभात खबर ने पहले पेज पर दी है। उन्हें कर्ज लेने के लिए 10 लाख रुपए से अधिक मिल सकेंगे और रेलवे कूपन की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दी गई है। पूर्व विधायकों की पेंशन को भी बढ़ाया गया है।
भास्कर ने अपनी दूसरी सबसे बड़ी खबर की सुर्खी लगाई है: नया डीजीपी कौन! रेस में आलोक राज व आर एस भट्टी।
प्रभात खबर ने अपने अंदर के पेज पर एक खबर दी है: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य के 18 सौ अस्पतालों को बंद करने की चेतावनी दी।
भारत एक दिसंबर से जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस आयोजन का प्रतीक चिह्न, थीम और वेबसाइट लॉन्च की। इस मौके पर उन्होंने कहा, भारत ने ‘एक सूर्य, एक दुनिया और एक ग्रिड’ के संकल्प के साथ अक्षय ऊर्जा क्रांति का आह्वान किया था और अब जी-20 में भी हमारा मंत्र ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ है। यह खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है।
प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: अल्टीमेटम के 60 दिन पूरे, अस्पतालों में कई काम अधूरे। अखबार ने बिहार अपने 38 रिपोर्टरों से 38 जिलों के अस्पतालों की पड़ताल की है जिसमें यह बात सामने आई है कि 40 से 45% डॉक्टर अब भी समय पर अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। 75% अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनाए गए हैं लेकिन इसमें कोई काम नहीं कर रहा है। इसी तरह शौचालय की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि लगभग सभी अस्पतालों में जांच और दवाओं की सूची लगा दी गई है।
अनछपी: मेडिकल कॉलेज में बेतहाशा फीस के बारे में सुप्रीम कोर्ट का दिया गया देश कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। हालांकि यह आदेश प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के बारे में है लेकिन ध्यान से देखा जाए तो यह अन्य प्राइवेट कॉलेजों पर भी लागू होता है। कई प्राइवेट इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की फीस भी अत्यधिक है। हैरत की बात यह है कि फीस बढ़ोतरी की मंजूरी राज्य सरकारों द्वारा दी जाती है और यह किस आधार पर दी जाती है यह पता नहीं चल पाता। फीस पर नियंत्रण जरूरी है और इसके लिए जब राज्य सरकार ही सही कदम नहीं उठाती तो सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचता है। इस सिलसिले में यह बात भी महत्वपूर्ण है कि प्राइवेट कॉलेजों के साथ-साथ सरकारी कॉलेजों की फीस भी बहुत ज्यादा बढ़ी है। आईआईटी और इस तरह के अन्य संस्थानों में इतनी ज्यादा फीस है कि भारत का औसत आदमी इसे चुकाने में किसी तरह सक्षम नहीं है। भारत सरकार के उच्च शिक्षण संस्थानों में हर साल 20 से 30% फीस वृद्धि की जाती है, संसाधन कम किए जाते हैं और छात्रों की संख्या बढ़ा दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत सरकार को भी इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
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