छ्पी-अनछपी: गया शहर का नाम गया जी हुआ, एमपी के डिप्टी सीएम के बिगड़े बोल
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नीतीश सरकार के अनुसार “गया के पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के मद्देनजर गया शहर का नाम गया जी किया गया है।” मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने सेना के बारे में बिगड़े बोल का इस्तेमाल किया है। गुजरात समाचार के मालिक को गिरफ्तार किया गया हालांकि बाद में उन्हें जमानत दी गई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में उछाल आया है।
और जानिएगा कि तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम करने पर मंथन चल रहा है।
पहली ख़बर
जागरण के अनुसार गया शहर को अब गया जी के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने गया शहर के पौराणिक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के मद्देनजर इसका नाम गया जी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को भी मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में 69 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने बताया कि गयाजी नामकरण के साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि बोधगया जहां निरंतर पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, वहां एक बौद्ध ध्यान और अनुभव केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। साथ ही राजस्व बढ़ेगा और लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे। स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के तहत बौद्ध ध्यान और अनुभव केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 165.4 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत की गई है।
अब मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम के बिगड़े बोल
भास्कर के अनुसार कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की शर्मनाक टिप्पणी के बाद अब डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा विवादों में घिर गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देवड़ा ने शुक्रवार को जबलपुर में एक कार्यक्रम में कहा, “प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहेंगे और पूरा देश, देश की सेना व सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक हैं।” कांग्रेस ने इसे सेना का अपमान बताते हुए देवड़ा को बर्खास्त करने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि देवड़ा ने सैनिकों को पीएम के चरणों में मस्तक बताया। वहीं, देवड़ा ने सफाई दी, “मेरा अभिप्राय था कि देश की सेना ने जो पराक्रम किया है उसके लिए देश की सेना के चरणों में पूरे देश की जनता नतमस्तक है, इसे तोड़ मरोड़ कर बताया गया है।”
रक्षा कंपनियों के शेयरों में उछाल
प्रभात खबर के अनुसार पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का असर भारतीय रक्षा कंपनियों के शेयरों पर भी दिखा। इन कंपनियों के शेयरों ने करीब 35% से अधिक की छलांग लगाई है। शुक्रवार को बीएसई पर कोच्चि शिपयार्ड का शेयर 35%, पारस डिफेंस का शेयर 18.900%, डाटा पेटर्न्स 9.25%, एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स 7.10%, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स 5.4 0%, मिश्र धातु निगम 4.63%, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स 3.87% व भारत डायनामिक्स का शेयर 1.9% चढ़ा।
गुजरात समाचार के मालिक गिरफ्तार, जमानत पर रिहा
हिन्दुस्तान के अनुसार एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को समाचार पत्र गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह को स्वास्थ्य आधार पर 15 दिन की अंतरिम जमानत दे दी। ईडी ने बाहुबली को शुक्रवार तड़के गिरफ्तार किया था।
बाहुबली की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार की आलोचना की थी। गुजरात समाचार के एक कर्मी ने बताया कि ईडी ने अहमदाबाद में जीएसटीवी परिसर की 36 घंटे तक तलाशी ली। हालांकि, एजेंसी ने अपनी कार्रवाई के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक अखबार की नहीं, पूरे लोकतंत्र की आवाज दबाने की एक और साजिश है। गुजराती समाचार चैनल जीएसटीवी के डिजिटल सेवाओं के प्रमुख तुषार दवे ने कहा कि ईडी ने तड़के बाहुबली शाह को हिरासत में लिया।
रूस-यूक्रेन में युद्ध विराम पर तुर्की में मंथन
हिन्दुस्तान के अनुसार रूस, यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के बीच शुक्रवार को पहली बार सीधी वार्ता हुई, जो दो घंटे से भी कम चली। बैठक में युद्धविराम पर चर्चा और 1000 कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी। तुर्किये के इस्तांबुल शहर में हुई इस वार्ता में यूक्रेन का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव ने किया। रूस की ओर से पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेदिंस्की शामिल हुए। इस्तांबुल के डोलमाबाचे पैलेस में दोपहर को शुरू हुई बैठक में तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों से युद्धविराम का आह्वान किया। फिदान ने कहा, युद्ध में बड़े पैमाने पर लोगों की जान जा रही है, इसलिए ये जरूरी है कि युद्ध विराम जल्द से जल्द लागू हो।
कुछ और सुर्खियां:
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो नई याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार किया
- पटना से गुवाहाटी और हैदराबाद के लिए डायरेक्ट फ्लाइट सर्विस 1 जून से
- मधुबनी में भारतीय सीमा में घुसे चीनी नागरिक के साथ दो नेपाली गिरफ्तार
- गीतकार गुलजार और संस्कृत विद्वान रामभद्राचार्य को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार
अनछपी: अपनी सेक्यूलर छवि लिए परेशान रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 साल तक बिहार में जगहों का नाम बदलने की मांग के खिलाफ जो बांध बनाया था वह 16 मई को टूट गया। सरकार के पास इसके लिए किसकी मांग आई थी यह तो पता नहीं चला लेकिन इतना जरूर है कि सरकार ने गया का नाम बदलकर गया जी कर दिया। यह भी नहीं मालूम हो सकेगा कि खुद नीतीश कुमार इस फैसले से कितने खुश हैं लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार पर भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा पूरी तरह हावी है और वह बिल्कुल बेबस हो चुके हैं। यह वही नीतीश कुमार हैं जिनसे कभी बख्तियारपुर का नाम बदलने के लिए कहा गया था तो उन्होंने इसे टाल दिया था। नाम बदलने की नीति के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकारें बदनाम रही हैं लेकिन अब इस बदनामी में नीतीश कुमार भी शामिल हो गए हैं। इस समय ऐसा लग सकता है कि केवल गया का नाम गया जी किया गया है और उसमें कोई सांप्रदायिकता की बात नहीं है लेकिन हिंदुत्व और सॉफ्ट हिंदुत्व में यही फर्क होता है। हिंदुत्व में सीधे हमला किया जाता है सॉफ्ट हिंदुत्व में थोड़ा मरहम पट्टी के साथ। यह बात तो कोई भी आसानी से समझ सकता है कि नाम बदलने का यह काम चुनाव के मद्देनजर किया गया है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह यहीं तक रुकेगा? भारतीय जनता पार्टी के कोटे से उपमुख्यमंत्री बने सम्राट चौधरी इससे पहले सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं और किसी को कोई ताज्जुब नहीं हो अगर इसका नाम भी बदल दिया जाए। और इसके बाद जो सिलसिला शुरू होगा उसे पर माथा पीटने के अलावा और कुछ नहीं किया जा सकेगा।
479 total views