छ्पी-अनछपी: एमयू के पूर्व वीसी की 2.66 करोड़ की अवैध कमाई, अब्दुल्लाह जेईई मेन में बिहार टॉपर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। ईडी ने मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व विषय राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ 2.66 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की चार्जशीट दाखिल की है। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन में अब्दुल्लाह बिहार के टॉपर बने हैं। हिंदू और मुसलमान की सुरक्षा पर भारत और बांग्लादेश ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। बिहार सरकार 70000 जगहों में जाकर 2 करोड़ महिलाओं से संवाद करेगी।

और, जानिएगा कि अमेरिका 1000 से अधिक छात्रों के वीजा पर क्यों रोक लगा रहा है।

पहली ख़बर

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी ने आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद, उनके बेटे अशोक कुमार, भाई अवधेश प्रसाद और उनसे कथित रूप से जुड़े प्यारी देवी स्मारक कल्याण ट्रस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 15 अप्रैल को पटना में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के सामने आरोप पत्र दाखिल किया गया और अदालत ने उसी दिन संज्ञान लिया। इस मामले में कुलपति के रूप में सितंबर 2019 से नवंबर 2021 के बीच काम करने के दौरान 2 करोड़ 66 लाख 99 हजार 591 रुपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

अब्दुल्लाह बिहार टॉपर

भास्कर के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार रात 12:30 बजे जी में 2025 के नतीजे जारी कर दिए। कुल 250326 छात्रों को जी एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई घोषित किया गया है। जनवरी और अप्रैल के सेशन को मिलाकर कुल 24 अभ्यर्थियों को 100 परसेंटाइल मिले जिनमें दो छात्राएं हैं। पिछली बार 56 अभ्यर्थियों ने 100 परसेंटाइल हासिल किया था। बिहार के टॉपर अब्दुल्ला बने हैं जिन्हें 99.9945499 परसेंटाइल मिले हैं। हालांकि उनके बारे में और जानकारी नहीं मिल पाई है।

हिंदू और मुसलमान की सुरक्षा पर भारत और बांग्लादेश में भिड़ंत

जागरण के अनुसार भारत में शुक्रवार को बंगाल हिंसा पर बांग्लादेशी अधिकारियों की टिप्पणियों को खारिज कर दिया और ढाका से कहा कि वह खुद को पाक साफ दिखाने के बजाय अपने यहां हिंदू समेत अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह बयान बाजी बांग्लादेश और भारत के बीच समानता स्थापित करने का एक कपट पूर्ण प्रयास है जहां आपराधिकृत करने वाले लोग खुले आम घूमते हैं। पिछले सप्ताह बांग्लादेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत और बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया था कि वह भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए। यह बयान मुर्शिदाबाद दंगे के बाद आया था।

70 हजार जगहों में होगा महिला संवाद

हिन्दुस्तान के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को महिला संवाद का शुभारंभ किया। सरकार संवाद के माध्यम से महिलाओं का सुझाव और उनकी समस्याओं को जानेगी। आगे किस प्रकार की योजना और नीति की जरूरत है, इस पर महिलाओं से अधिकारी चर्चा करेंगे। अगले दो महीने में राज्य के 70 हजार स्थानों पर महिला संवाद होगा। इसमें दो करोड़ से अधिक महिलाएं भाग लेंगी।

मेदांता दुष्कर्म मामले का मुल्ज़िम गिरफ्तार

हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) स्थित मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एयर होस्टेस से दुष्कर्म करने के आरोप में एसआईटी ने शुक्रवार को अस्पताल के तकनीशियन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार तकनीशियन की पहचान 25 वर्षीय दीपक के रूप में हुई है। वह मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। बीते पांच महीने से वह मेदांता अस्पताल में नौकरी कर रहा था। उसे शनिवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि छह अप्रैल को वह वेंटिलेटर पर भर्ती एयर होस्टेस के हाथ पर बैंड का साइज लेने गया था।

अमेरिका एक हजार से अधिक छात्रों के वीजा पर रोक लगायी

प्रभात खबर के अनुसार अमेरिका में 1024 विदेशी छात्रों के वीजा पर हाल के हफ्तों में रोक लगा दी गई है। इसके बाद कई छात्रों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमे दायर करके दलील दी है कि सरकार ने उनसे अमेरिका में रहने की अनुमति अचानक वापस ले ली है। अमेरिका में रहने की कानूनी अनुमति वापस लेने के संघीय सरकार के फैसले के कारण सैकड़ों छात्रों के सामने हिरासत में लिए जाने और निर्वासित किए जाने का खतरा पैदा हो गया है। इन छात्रों में हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे निजी विश्वविद्यालयों, मैरीलैंड विश्वविद्यालय व ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी जैसे बड़े सार्वजनिक संस्थानों और कुछ छोटे महाविद्यालय के छात्र शामिल हैं। इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं।

कुछ और सुर्खियां:

  • भारत के विरोध के बाद श्रीलंका ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास से इनकार कर दिया
  • यमन के हूती इलाके में तेल बंदरगाह पर अमेरिका के हमले में 74 की मौत
  • छपरा में रील बनाने के चक्कर में ट्रेन से कट दो किशोरों की मौत
  • सुप्रीम कोर्ट ने नासिक की दरगाह को गिरने पर अंतरिम रोक लगाई, हाई कोर्ट से जवाब तलब
  • 22 अप्रैल को पटना में 5000 स्कूली बच्चे अपने अभिभावकों के साथ दिखेंगे एयर शो

अनछपी: मुस्लिम विरोध के लिए बदनाम रहने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हिंदू मुसलमान रिश्तों पर उस तरह के नफरती बयान नहीं देते जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बदनाम रहे हैं। इसका मतलब यह भी नहीं है कि राजनाथ सिंह आरएसएस की विचारधारा से अलग हैं लेकिन उनके बयानों में थोड़ी बहुत मर्यादा जरूर रहती है। राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में, जिसे औरंगाबाद के नाम से जाना जाता है, एक दिन पहले कहा कि भारत के मूल आदर्श कभी भी इस्लाम विरोधी या मुस्लिम विरोधी नहीं रहे हैं। उनकी इस बात से कैसे इंकार किया जा सकता है लेकिन यह सवाल जरूर किया जा सकता है कि क्या इतिहास की वह बात महज इतिहास नहीं हो गई है और आज के दिनों में भारत में इस्लाम और मुसलमान दोनों का बहुत ही भयानक तरीके से विरोध होता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे आदर्श इस्लाम और मुस्लिम विरोधी बिल्कुल नहीं थे। उन्होंने हकीम खान सूरी का नाम लिया और कहा कि उन्होंने मुगलों के खिलाफ हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप का साथ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेवा में भी मुस्लिम समुदाय के लोग थे। उन्होंने बताया कि शिवाजी के सबसे भरोसेमंद अंगरक्षक मदारी नाम का एक मुस्लिम युवक था। यह सारी बातें इतिहास से साबित होंगी ही लेकिन क्या वह इन बातों को आरएसएस के विचारकों के सामने रख पाते हैं? क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं कहते कि वह भी इन बातों को लोगों के बीच ले जाएं? इन बातों के बावजूद राजनाथ सिंह का बयान पूरी तरह से विवाद से खाली हो ऐसा तो नहीं हो सकता। इसलिए वह भी आरएसएस के दूसरे विचारकों की तरह मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर सवाल खड़े करते हैं। उनके सवालों का इतिहास के पन्नों से जवाब ढूंढा जाना चाहिए लेकिन इसके बहाने मुसलमान और इस्लाम पर हमला करने की प्रवृत्ति को रोकना भी जरूरी है। माननीय राजनाथ सिंह को इस बात का जवाब भी देना चाहिए कि आखिर जब हमारे इतिहास में इस्लाम और मुसलमान का विरोध नहीं है तो आज के दौर में भारत में सबसे ज्यादा हमला इस्लाम और मुसलमान पर क्यों होता है? वह चाहें तो इस बारे में अंतर सामुदायिक वार्ता भी कर सकते हैं और जो बातें आज के भारतीय समाज के लिए सही हों उसे आगे बढ़ा सकते हैं।

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