छपी-अनछपी: ‘इंडिया’ का सवाल- प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? हेमंत सोरेन को ईडी का समन
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए। इससे जुड़ी खबरें सभी अखबारों के पहले पेज पर हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।
जागरण की पहली खबर है: अविश्वास प्रस्ताव चर्चा में मणिपुर रहा केंद्र बिंदु। भास्कर की सुर्खी है: INDIA प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? NDA हर 15 दिन में मंत्री कर रहे हैं दौरा। लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का केंद्र बिंदु मणिपुर की हिंसा ही रही। हालांकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ने अन्य कई मुद्दों समेत चीन की घुसपैठ तक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौन रहने पर सवाल उठाए और भाजपा के राष्ट्रवाद पर भी हमला किया। सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि एक इंडिया की बात करने वाली केंद्र सरकार ने दो मणिपुर बना दिए हैं। गठबंधन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया है ताकि मणिपुर और चीन पर प्रधानमंत्री का मौन व्रत तुड़वा सकें। इस अविश्वास प्रस्ताव में 3 दिन में करीब 18 घंटे चर्चा होगी।
आरोपों की बौछार
कांग्रेस नेता गोगोई ने चर्चा के दौरान केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आखिर मणिपुर क्यों नहीं गए। उन्हें वहां के हालात पर बोलने के लिए 80 दिन क्यों लगे। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को क्यों नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री के वक्तव्य के लिए लाना पड़ा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पूछा कि सरकार के कितने मंत्रियों ने राज्य का दौरा कर वहां की जनता का हाल जाना। विपक्ष पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि वर्षों तक सत्ता में रहकर की गई कांग्रेस की लापरवाही और खराब नीतियों के चलते मणिपुर का आज यह हाल हुआ है। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल प्रस्ताव लाने के लिए अफसोस करेंगे।
प्रधानमंत्री ने किसे कहा घमंडिया
जागरण की खबर है: प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन को बताया घमंडिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) खुद अविश्वास से भरा हुआ है। उन्होंने कहा, अपने घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए विपक्ष उनके नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्ष को जमकर आड़े हाथ लिया। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन को ‘घमंडिया’ करार दिया और दिल्ली सेवा बिल पर मतदान में सेमीफाइनल जीत के लिए पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को बधाई दी।
सोरेन को समन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में ईडी ने समन किया है। उन्हें 14 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के रांची जोनल कार्यालय बुलाया गया है। हिन्दुस्तान के अनुसार हेमंत सोरेन को यह समन ईडी से जुड़े जमीन घोटाले के ईसीआईआर संख्या 25/23 में किया गया है। जानकारी के मुताबिक, ईडी ने रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मामले में इस साल 9 फरवरी और 15 फरवरी को रांची के बड़गाई अंचल का सर्वे किया था। इसके अलावा कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस कार्यालय का भी सर्वे किया गया था। इसके बाद ईडी ने 13 अप्रैल व 24 अप्रैल को जमीन घोटाले में छापेमारी की थी। जमीन घोटाले में सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर के यहां छापेमारी के दौरान कई सारे दस्तावेज ईडी को मिले थे। उस छापे के बाद ईडी ने जमीन मालिकों और सरकारी पदाधिकारियों का बयान दर्ज किया था। ईडी ने जांच में आए तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन किया है।
एक और कफ सीरप पर अलर्ट
भारत में बननेवाली दवाओं तथा कफ सीरप पर पिछले कुछ महीनों में लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में निर्मित एक और कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है तथा इसे घातक बताया है। डब्ल्यूएचओ ने भारतीय दवा कंपनी, फोर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज द्वारा निर्मित सिरप कोल्ड आउट (पैरासिटामोल और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट) के एक बैच का उल्लेख किया है, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1) की मात्रा अधिक पाई गई जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। इससे मौत भी हो सकती है।
केरल में यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध
जागरण की खबर है: केरल विधानसभा में समान नागरिक संहिता के विरुद्ध प्रस्ताव पारित। केरल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र की भाजपा सरकार से देश में समान नागरिक संहिता लागू नहीं करने का आग्रह किया गया है। इससे पहले गत फरवरी में मिजोरम विधानसभा ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के किसी भी कदम का विरोध करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। केंद्रीय मंत्री सी मुरलीधरन ने केरल विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव पारित किए जाने पर हैरानी जताई है। इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने समान नागरिक संहिता के विरुद्ध सदन में एक प्रस्ताव पेश किया और उसे केंद्र का एकतरफा और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि संघ परिवार ने जिस समान नागरिक संहिता की कल्पना की है वह संविधान के अनुरूप नहीं है बल्कि यह हिंदू शास्त्र मनुस्मृति पर आधारित है।
प्रवासी मज़दूरों की मौत पर मुआवजा
दुर्घटना में मृत्यु होने पर प्रवासी मजदूरों के परिजनों को अब दो लाख रुपये अनुदान मिलेगा। अभी तक अनुदान की राशि एक लाख रुपये थी। इस योजना के दायरे में बिहार के बाहर रह रहे करीब 40 लाख प्रवासी मजदूर आएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
कुछ और सुर्खियां
- पटना में गाड़ी चलाते हुए फोन पर बात की तो ₹5000 जुर्माना लगेगा
- राहुल गांधी गुजरात से मेघालय तक एक नई पदयात्रा करेंगे
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 5 साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
- मणिपुर में पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई
- जीविका दीदियों को अब शहरी क्षेत्रों में भी काम करने की जिम्मेदारी मिली
- हरियाणा में मुस्लिम समुदाय का बहिष्कार करने की अपील के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
अनछपी: एक तरफ संसद में मणिपुर हिंसा पर बहस जारी है तो दूसरी ओर यह खबर भी आई है कि मणिपुर पुलिस ने अर्द्धसैनिक बल 9वीं असम राइफल्स पर एफआईआर दर्ज कराई है। मणिपुर पुलिस ने असम राइफल पर विष्णुपुर जिले में 5 अगस्त को जनजातीय चरमपंथियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया है। हद तो यह है कि मणिपुर बीजेपी ने प्रधानमंत्री को एक मेमोरेंडम दिया है जिसमें असम राइफल्स की जगह किसी और बल को तैनात करने की मांग की गई है। असम राइफल्स पर तटस्थता बरतने में असफल होने का आरोप भी लगाया गया है। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले असम राइफल्स पर यह आरोप मणिपुर पुलिस ने तब लगाया है जबकि केंद्र और मणिपुर दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जिसे प्रधानमंत्री डबल इंजन की सरकार कहते थकते नहीं है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मणिपुर केंद्र बिंदु बना हुआ है लेकिन इसके बावजूद वहां के हालात बेहद खराब और दुखद हैं। पहले वहां जो हिंसा और महिलाओं के खिलाफ बर्बरता की गई वह तो अपनी जगह है ही अब असम राइफल्स पर स्थानीय पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज कराने से यह बात स्पष्ट होती है कि वहां आपसी सामंजस्य की कितनी कमी है। हालांकि असम राइफल्स द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है लेकिन यह गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी शर्मनाक स्थिति है जो खुद हिंसा के दौरान मणिपुर का दौरा कर चुके हैं। मणिपुर की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के बावजूद डबल इंजन की सरकार बिल्कुल शंटिंग में खड़ी है और ऐसा लगता है कि पूरा मामला उसके हाथ से निकल चुका है। सरकार को चाहिए कि असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर पर उचित कार्रवाई करे और आपसी टकराव से मणिपुर को बचाए।
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