छपी-अनछपी: तनिष्क आरा में दिनदहाड़े 25 करोड़ की लूट, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के घर ईडी का छापा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आरा में तनिष्क शोरूम से दिनदहाड़े 25 करोड़ की लूट हुई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर ईडी का छापा पड़ा है। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा संसद में उठाया गया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि आपत्तियों के बाद वक़्फ़ संशोधन विधेयक और सख्त हो गया है। होली और जुमा को लेकर भाजपा के विधायक के बिगड़े बोल पर सियासी पारा चढ़ा।

और, जानिएगा कि पटना सिटी में एक दूल्हे को दहेज नहीं बल्कि हर्ष फायरिंग की वजह से किया गया गिरफ्तार।

भास्कर के अनुसार आरा के तनिष्क शोरूम में सोमवार को लूट हुई। मात्र 17 मिनट में 8-9 हथियार बंद लुटेरों ने 25 करोड़ रुपए के सोने-हीरे के गहने और ₹50000 नकद लूट लिए। लूटोर ने दो सिक्योरिटी गार्ड को पिस्तौल के बल पर बंधक बनाकर उनकी राइफल और कारतूस भी छीन ली। सुबह 10:25 से 10:42 तक लुटेरों ने शोरूम के दोनों फ्लोर पर करीब 25 स्टाफ को पिस्तौल दिखाकर बंधक बनाया और कुछ स्टाफ को घुटनों के बाल बिठाया। दो स्टाफ की पिटाई भी की। दो बार गोली चलाने की धमकी भी दी। लुटेरे अपने साथ झोले और रस्सी लेकर आए थे। लुटेरे चार झोलों में गहने भरकर फरार हो गए। लूट की सूचना के बाद पुलिस ने लुटेरों का पीछा किया। बड़हरा के पास पुलिस ने लुटेरों को घेर लिया। एनकाउंटर में दो लुटेरों को घायल कर गिरफ्तार कर लिया। एसपी श्रीराज ने बताया कि लुटेरों के पास से दो पिस्टल, 10 कारतूस और एक करोड़ के गहने बरामद हुए। तनिष्क स्टोर के मैनेजर आशुतोष कुमार ने बताया कि करीब 25 करोड़ रुपए के गहने लूटे गए हैं।

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी का छापा

प्रभात खबर के अनुसार ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और उनके बेटे के ठिकानों पर सोमवार को छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि धन शोधन जांच के तहत कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थल ठिकानों, चेतन के कथित सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों समेत 14 ठिकानों पर छापे मारे गए। ईडी ने कहा कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं इसलिए उसे परिसर पर भी छापेमारी की गई। सूत्रों ने बताया कि 8 घंटे तक चली तलाशी के दौरान करीब 30 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। इधर छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ईडी के कर्मियों के वाहनों पर कथित तौर पर पथराव किया।

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा संसद में उठा

जागरण के अनुसार संसद के बजट सत्र में दूसरे चरण के पहले ही दिन यानी सोमवार को विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र, हरियाणा और बंगाल सहित कई राज्यों में वोटर लिस्ट और मतदाता पहचान पत्र में कथित हेरफेर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए वोटर लिस्ट में गंभीर विसंगतियों पर चर्चा होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में विपक्ष की ओर से मतदाता सूची पर सवाल उठाए जा रहे हैं, इन पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में मतदाता फोटो पहचान पत्र और वोटर लिस्ट की विसंगतियों पर चर्चा का नोटिस खारिज होने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।

वक़्फ़ संशोधन बिल और सख्त हुआ: बोर्ड

हिन्दुस्तान के अनुसार वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ पांच करोड़ से अधिक मुसलमानों की ओर से संयुक्त संसदीय समिति को ई-मेल भेजने के बावजूद केन्द्र सरकार अपने रुख पर पुनर्विचार करने को तैयार नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन की कड़ी निंदा की है। एआईएमपीएलबी के महासचिव एम फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने सोमवार को निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीसी ने मुस्लिम समुदाय की आपत्तियों और विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 44 संशोधनों को खारिज करते हुए सतही संशोधन करते हुए विधेयक को और सख्त बना दिया है।

होली और जुमा पर बचौल के बिगड़े बोल

हिन्दुस्तान के अनुसार भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के बयान पर सोमवार को सियासी पारा गरम रहा। पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने अपने ढंग से उनके बयान की व्याख्या की। जदयू ने जहां भाजपा विधायक के बयान को निजी विचार कहकर खारिज करने की कोशिश की तो राजद ने कहा कि सरकार में दम नहीं है कि वह भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई कर सके। दरअसल, सोमवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने एक धर्म विशेष को लेकर टिप्पणी की। उनका कहना था कि एक साल में 52 जुमे की नमाज आती है। होली साल में एक बार ही आती है। चूंकि मुस्लिम समुदाय को रंग से लगाव नहीं है। ऐसे में अगर वे जुमे की नमाज के लिए बाहर निकलेंगे तो संभव है कोई उनको रंग डाल दे। इसलिए अगर उन्हें रंग-अबीर से बचना है तो बेहतर होगा कि वे घर में ही रहें।

हर्ष फायरिंग में दूल्हा गिरफ्तार

जागरण के अनुसार पटना सिटी की चौक थाना पुलिस ने चौक शिकारपुर आरओबी के नीचे कृषि फार्म के पास अपनी ही शादी में हर्ष फायरिंग करने वाले दूल्हे रोहित सिंह के वायरल वीडियो की जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस दूल्हे को पिस्तौल उपलब्ध कराने वाले उसके चचेरे भाई की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस के अनुसार पिछले 5 मार्च को शादी में बीच सड़क पर दूल्हे द्वारा ताबड़तोड़ हर्ष फायरिंग करने का वीडियो, फोटो और मैसेज मिला था। पुलिस को छानबीन में पता चला की वीडियो में फायरिंग करने वाला व्यक्ति दूल्हा रोहित सिंह ही था।

कुछ और सुर्खियां:

  • झारखंड के गढ़वा जिले के गांव में पटाखे की थोक दुकान में आग लगने से तीन बच्चों समय पांच की मौत
  • मार्क कार्नी होंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, लेंगे जस्टिन ट्रूडो की जगह
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिनों की मॉरीशस यात्रा पर
  • रूस ने जासूसी का आरोप लगाकर दो ब्रिटिश राजनयिकों को किया निष्कासित
  • न्यूयॉर्क जा रही यर इंडिया की उड़ान में बम की अफवाह, मुंबई वापस
  • जेईई मेन के अप्रैल सेशन की परीक्षा 2 से 9 अप्रैल के बीच होगी

अनछपी: बिहार में अपराध की प्रमुख घटनाओं में आरा के तनिष्क शोरूम में हुई लूट की घटना भी शामिल हो गई है। इस लूट के बाद बिहार में अपराध पर सरकारी नेताओं के दावे और मीडिया के रवैया पर भी चर्चा जरूरी है। नीतीश कुमार सरकार की खास बात यह है कि यह पहले तो इस बात से ही इंकार करती है कि बिहार में अपराध है और अगर यह मान भी ले तो सरकारी नेता कहते हैं कि अपराध संगठित नहीं है और इसके बाद यह दावा भी करते हैं कि घटना के बाद अपराधियों को पकड़ा जाता है। आरा की लूट से पूर्णिया में कुछ महीनों पहले तनिष्क रूम में लूट की घटना भी ताजा हो गई हालांकि अखबारों ने इसकी चर्चा नहीं की। असल में यह शोध का विषय है कि सन 2005 की नीतीश सरकार के बाद से बिहार में आम बैंक, ग्रामीण बैंक, फाइनेंशियल कंपनी और जेवरों के शोरूम में लूट की कितनी घटनाएं हुई हैं। इस तरह की लूट की घटनाओं के बाद भी यह दावा करना कितना हास्यास्पद लगता है कि बिहार में संगठित अपराध नहीं है। जहां तक अपराध के बाद अपराधियों को पकड़ने का सवाल है तो अगर सरकार और अधिकारी इसका डेटा जारी करें तो लोगों में विश्वास बढ़ेगा। एक और दिलचस्प बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी जब नीतीश कुमार सरकार से बाहर होती है तो वह लूट की इन घटनाओं को जंगल राज बताती है लेकिन जब वह खुद सरकार में शामिल होती है तो ऐसी घटनाओं के बाद थोथी दलील पेश करती है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेता इन मुद्दों को उस जोरशोर से तरह नहीं उठाते जैसा विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता उठाते हैं और लोगों में यह एहसास जगाते हैं कि बिहार में जंगल राज है। इस तरह की लूट की घटनाओं को मीडिया में भी मैनेज किया जाता है। आरा की लूट की घटना को एक अखबार में दूसरे नंबर पर जगह दी गई है। 2005 से पहले अगर ऐसी घटना होती थी तो अखबारों में बैनर हेडलाइन लगती थी लेकिन आज किसी भी अखबार में ऐसा देखने को नहीं मिला। अखबार वाले पहले पुरानी घटनाओं की भी लिस्ट देते थे लेकिन आज के अखबारों से वह लिस्ट भी गायब है। ऐसे में वैकल्पिक मीडिया की जिम्मेदारी और भूमिका बढ़ जाती है।

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