छ्पी-अनछ्पी: ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार, पुल गिरने में 11 इंजीनियर सस्पेंड
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी बुरी तरह हार गई और वहां लेबर पार्टी की सरकार बनी है। बिहार में 6 पुलों के गिरने के मामले में 11 इंजीनियर सस्पेंड किए गए हैं। राजद के स्थापना दिवस पर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने दावा किया है कि बिहार में राजद की सरकार बनेगी और अगस्त में केंद्र की सरकार गिर जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि नीट यूजी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं हैं।
आज के अखबारों की यह प्रमुख खबरें हैं।
प्रभात खबर के अनुसार ब्रिटेन में शुक्रवार को आये आम चुनाव के परिणाम में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार मिली है और वह सत्ता से बाहर हो गई है। 14 साल बाद लेबर पार्टी ने सत्ता में वापसी की है। पार्टी की करारी हार के बाद भारतवंशी ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं लेबर पार्टी के 61 साल के किएर स्टार्मर ब्रिटेन के 98वें प्रधानमंत्री बनाए गए। इस आम चुनाव में लेबर पार्टी ने कुल 650 में से 412 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के खाते में केवल 121 सीटें आईं। सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत होती है। लेबर पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले 207 सीटों का फायदा हुआ। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी को 223 सीटों का नुकसान हुआ। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सुनक ने चुनाव में अपनी पार्टी की हर की जिम्मेदारी लेते हुए कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का पद छोड़ने का ऐलान किया।
पुल गिरने के मामले में 11 इंजीनियर सस्पेंड
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है कि सीवान और सारण जिले में एक साथ छह पुल गिरने के बाद जल संसाधन विभाग ने 11 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन्हें इन पुलों के गिरने का प्रथम द्रष्टया दोषी माना गया है। यही नहीं, इन पुलों के संवेदक को भी फिलहाल कोई काम नहीं दिये जाने का निर्णय भी लिया गया है। शुक्रवार को विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने मुख्य सचिवालय सभागार में प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई उड़नदस्ता द्वारा जांच के बाद दी गयी रिपोर्ट के आधार पर की गयी है। निलंबित किये गये अभियंताओं में दो कार्यपालक अभियंता, चार सहायक अभियंता और पांच कनीय अभियंता शामिल हैं।
अगस्त में केंद्र सरकार गिर जाएगी: लालू
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद राजद की सरकार बनेगी। वहीं, अगस्त में केंद्र सरकार गिर जाएगी। केंद्र में सबसे कमजोर सरकार है। यह कुछ दिनों की मेहमान है क्योंकि जनता के जनादेश का पालन नहीं किया गया। श्री प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार विधानसभा का चुनाव मजबूती से लड़ेंगे। उन्होंने लोगों के बीच जाकर काम करने को कहा। श्री प्रसाद शुक्रवार को वीरचंद पटेल पथ स्थित प्रदेश कार्यालय में राजद के 28वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
नीट-यूजी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं: केंद्र
भास्कर के अनुसार केंद्र सरकार और एनटीए ने नीट यूजी परीक्षा को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए। उन्होंने उम्मीदवारों, कोचिंग संस्थानों और अभिभावकों की याचिकाओं पर जवाब दिया है कि नीट परीक्षा रद्द कर री-नीट कराना उन लाखों छात्रों के साथ नाइंसाफी होगी जिन्होंने पूरी ईमानदारी से मेहनत कर परीक्षा दी है। केंद्र के अनुसार पेपर सीमित इलाके में लीक होने की पुष्टि हो सकी है। 571 शहरों के 4750 केंद्रों पर 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने यह परीक्षा दी है। केंद्र के अनुसार इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं है। नीट संबंधी सभी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को होगी।
राहुल गांधी हाथरस पहुंचे, पीड़ितों से मिले
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह घटना को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते, लेकिन प्रशासन की ओर से चूक हुई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पीड़ितों के लिए बिना देरी के अधिकतम मुआवजा जारी करने का आग्रह किया।राहुल गांधी ने कहा कि हाथरस प्रकरण को संसद में उठाते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से पीड़ितों का मुआवजा राशि बढ़ाने की अपील की। दो
कुछ और सुर्खियां
- मुजफ्फरपुर में एक ही रात दो एटीएम काट 50 लाख रुपए से अधिक की चोरी
- बिहार के कई जिलों में बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत
- सीवान में दो बच्चों संग ट्रेन के आगे कूद कर महिला ने दी जान तीन
- मुजफ्फरपुर कलेक्टरेट परिसर में बुजुर्ग ने पेट्रोल से खुद को लगाई आग, तीन डिसमिल जमीन पर कब्जे से था परेशान
- कोसी और सीमांचल की प्रमुख नदियों का फिर बढ़ा जलस्तर
- लखनऊ और कोलकाता स्थित सहारा इंडिया के 6 कार्यालयों पर ईडी का छापा, 2.98 करोड़ कैश बरामद
अनछ्पी: ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में हारने और जीतने वाले नेताओं के बयान पढ़ने के बाद यह एहसास होता है कि कैसे उस देश ने लोकतंत्र में विनम्रता बरकरार रखी है। इस मामले में दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच होने वाली तू-तू, मैं-मैं का ध्यान आता है। भारत में पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे के लिए कैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं इसे कौन नहीं जानता। सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए हार को जीत और जीत को हार बताना भारत में आम बात मानी जाती है। हाल ही में संपन्न हुए संसदीय चुनाव में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया उसकी बहुत से लोगों ने आलोचना की। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस के दूसरे प्रधानमंत्रियों के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल करती है और जैसे ओछे आरोप लगाती है, वह बहुत आपत्तिजनक माना जाता है। उधर अमेरिका में राष्ट्रपति बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट में जिस निचले स्तर की भाषा का प्रयोग हुआ वह बेहद अफसोसनाक माना गया। इस लिहाज से देखा जाए तो ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और नए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के एक दूसरे के लिए दिए गए बयान काबिल-ए-तारीफ हैं। अपनी पार्टी की हार के बाद जिस शालीनता से ऋषि सुनक ने ‘आई ऐम सॉरी’, कहा क्या भारत में उसकी मिसाल मिल सकती है? यही नहीं उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री किएर स्मार्टर की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सफलताओं को पूरा देश साझा करेगा। उधर स्टार्मर ने भी ऋषि सुनक की तारीफ की। उन्होंने कहा, “हमारे देश के लिए ब्रिटिश एशियाई प्राइम मिनिस्टर की उपलब्धियों को कम कर नहीं आंका जा सकता।” उन्होंने सुनक के समर्पण और कठोर परिश्रम की तारीफ की। ऐसा नहीं है कि दोनों में तीखी बहस नहीं हुई बल्कि चुनाव के दौरान दोनों ने एक दूसरे की कमियां गिनाईं लेकिन चुनाव के बाद सब कुछ सामान्य हो गया। अब जरा देवेश चंद्र ठाकुर को याद कीजिए जो जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से सांसद बनने के बाद तल्खी भुला नहीं पाए और साफ तौर पर कहा कि वह मुसलमान और यादवों का काम नहीं करेंगे। या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बालक बुद्धि’ वाली बात याद कीजिए जो उन्होंने राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल की थी। यह कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि भारत के नेता ब्रिटेन के लोकतंत्र से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
421 total views