छपी-अनछपी: मोदी-बाइडन की खूब चर्चा लेकिन ओबामा की बात गायब, पटना में आज विपक्षी नेताओं का महजुटान

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आज के अखबारों में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की मुलाक़ात को ज़बर्दस्त चर्चा मिली है लेकिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की बात को बिल्कुल जगह नहीं दी गईं है। बीबीसी के अनुसार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अगर उनकी बात भारतीय प्रधानमंत्री से होती तो वे मुस्लिम अल्पसंख्यकों की हिफ़ाज़त का ज़िक्र करते। पटना में आज यानी 23 जून को हो रही विपक्षी दलों की बैठक को प्रमुखता दी गयी है।

पहले ओबामा की बात।

विख्यात अमेरिकी जर्नलिस्ट क्रिस्चियन अमनपोर ने ओबामा से सवाल किया, “बाइडन इस वक्त अमेरिका में मोदी का स्वागत कर रहे हैं जिन्हें ऑटोक्रेटिक या फिर अनुदार डेमोक्रेट माना जाता है। किसी राष्ट्रपति को ऐसे नेताओं के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए?” भारत और मोदी पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा, “हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा काबिले-ज़िक्र है। अगर मेरी मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप (नस्लीय) अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े। ये भारत के हितों के विपरीत होगा।”

ये बातें भी अनछपी

बीबीसी के अनुसार अमेरिका की कुछ संस्थाओं और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी मोदी की अमेरिका यात्रा पर सख़्त टिप्पणियां की हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस यात्रा के दौरान अमेरिका और भारत को दोनों देशों में मानवाधिकार मामलों की ख़राब हालत पर बात करनी चाहिए। संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में वृद्धि हुई है. इसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा भी शामिल हैं। बीते कुछ सप्ताह से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा का असर भी मोदी की यात्रा के दौरान दिख सकता है। अमेरिका में भारतीय मूल के कुकी और मैतेई प्रवासियों ने मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ मोदी का विरोध करने का फ़ैसला किया है। कोलिशन फ़ॉर रीक्लेमिंग इंडियन डेमोक्रेसी (सीआरआईडी) ने स्टेट डिनर और अमेरिकी संसद के संयुक्त सदन में भाषण का मौक़ा देकर पीएम मोदी को वैधता प्रधान करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के ख़िलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। सीआरआईडी अमेरिका में रह रहे हिंदू, मुस्लिम, इसाई, दलित आदि समूहों का एक नागरिक संगठन है।

लोकतंत्र की बातें

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र: मोदी। भारत और अमेरिका संबंधों के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा तकनीक हस्तांतरण समेत अन्य अहम मुद्दों पर सहमति बनी। साझा बयान के बाद मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है। दोनों देश मिलकर आगे बढ़ेंगे। साझा बयान में बाइडन ने कहा कि हम सेमीकंडक्टर, एआई, क्वांटम, दूरसंचार, हरित ऊर्जा समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ेगा और व्यापार में नई शुरुआत होगी। कट्टरवाद और सीमा पार आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई जरूरी है। दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान पर भी बात हुई।

अल्पसंख्यकों पर सवाल का गोल जवाब

एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया गया कि अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है। इस पर मोदी ने कहा कि हमारी सरकार संविधान के आधार पर लोकतंत्र के मूल्यों को लेकर चलती है। हमने सिद्ध किया है कि हमारी सरकार लोकतंत्र को लेकर जीती है। जब हम लोकतंत्र को लेकर जीते हैं, तब भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता। भारत में किसी तरह का भेदभाव नहीं है। न ही धर्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न अन्य किसी आधार पर।

नए युग की शुरुआत

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: भारत अमेरिका रिश्तों में नए युग की शुरुआत। अख़बार लिखता है कि गुरुवार को व्हाइट हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता ने भारत व अमेरिका के रिश्तो में एक नए युग की शुरुआत कर दी है। पहली बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे पीएम मोदी का बाइडन प्रशासन ने ऐसा स्वागत किया है जैसा हाल के वर्षों में किसी दूसरे वैश्विक नेता का नहीं किया गया है। पिछले 2 दिनों में 3 चरणों में राष्ट्रपति बाइडन से मोदी की मुलाकात के बाद दोनों देशों की तरफ से रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार व अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में सहयोग की बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इनमें भारत में अमेरिकी कंपनी जी एयरोस्पेस की तरफ से युद्धक विमान का इंजन बनाने से लेकर माइक्रोन की तरफ से भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट लगाने व अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग तक की घोषणा शामिल है।

अमेरिका-इंडिया नए एआई

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है अमेरिका इंडिया नए एआई: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात 1:40 बजे से अमेरिकी संसद को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि एक अन्य एआई (AI) यानी अमेरिका इंडिया में अहम विकास हुआ है। ये नए एआई हैं। भारत पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। जल्द तीसरी होगा जब भारत बढ़ता है तो दुनिया बढ़ती है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के सरकारी आवास पर पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

पटना की विपक्षी एकता की बैठक

जागरण की पहली खबर है: मिशन 2024 के लिए आज विपक्ष का मंथन। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: महाजुटान: ममता समेत चार राज्यों के मुख्यमंत्री पटना पहुंचे। भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: ‘भाजपा मुक्त भारत’ का रोड मैप आज तय होगा… ममता बोलीं- हम सब साथ लड़ेंगे। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की महाजुटान शुक्रवार को पटना में होगी। इसमें करीब 16 दलों के नेताओं के जुटने की संभावना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर हो रही विपक्षी एका की यह पहली बैठक होगी। मबजूत विपक्षी एकजुटता के लिए बैठक 11:30 बजे शुरू होगी और शाम 4 बजे तक चलेगी। विपक्षी एकता के लिए गुरुवार को ही चार राज्यों के मुख्यमंत्री पटना पहुंच गए। इनमें तृणमूल नेता व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और डीएमके प्रमुख व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन शामिल हैं। महबूबा मुफ्ती, डी राजा और दीपंकर भट्टाचार्य भी पहुंचे।

टाइटन के सभी सवारों की मौत

भास्कर की छोटी सी खबर है: टाइटन के सभी सवारों की मौत। अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए जाते समय रविवार को लापता हुए सबमर्सिबल टाइटन के सभी 5 सवारों की मौत हो चुकी है। टाइटन संचालित करने वाली कंपनी ओशनगेट ने गुरुवार को देर रात इसकी पुष्टि कर दी है। टाइटन की खोज कर रहे अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने कहा है कि रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल से टाइटन समरसेबल के मलबे का पता चला। अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने बताया कि यह टाइटैनिक के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। टाइटन में पाकिस्तानी अरबपति और उनके बेटे समेत 5 लोग सवार थे।

कुछ और सुर्खियां

  • मंत्री व जदयू नेता विजेंद्र चौधरी के नजदीकी कारू सिंह के 25 ठिकानों पर आयकर छापे
  • शिवहर में 7 मिनट में 27 लाख तो मोतिहारी में बदमाशों ने लूटा 18.71 लाख
  • विश्व में 61 फ़ीसदी असंगठित क्षेत्र के लोगों का सामाजिक बीमा नहीं
  • मणिपुर में फिर गोलीबारी, 2 जवान घायल
  • दरभंगा में कार सवार चार लोगों को गोली मारी तीन की मौत
  • तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच खूनी संघर्ष, 20 घायल
  • मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन कार्यालय में तैनात लिपिक सुबोध कुमार के पास आय से 2.3 करोड़ की अधिक संपत्ति

अनछपी: चीन से मिल रही चुनौतियों के बीच अमेरिका अपने उन लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी कर रहा है जिसका वह दम भरता है। राष्ट्रपति बाइडन इस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवभगत में लगे हुए हैं। भारत और अमेरिका के बीच कई व्यापारिक समझौते दोनों देशों के हित में हैं। लेकिन व्यापारिक हितों के कारण बाइडन प्रशासन मोदी सरकार के अलोकतांत्रिक फैसलों के बारे में सवाल करने से हिचक रहा है। मोदी सरकार के बारे में अल्पसंख्यक समूहों की शिकायत रही है कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और उन्हें सांस्कृतिक रूप से भी दबाया जा रहा है। सीएए और एनआरसी जैसे कानूनों से धार्मिक भेदभाव पर होने वाले सवाल को प्रधानमंत्री मोदी ने गोल मटोल जवाब देकर टाल दिया। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्पष्ट रूप से भारत में अल्पसंख्यकों और मुसलमानों के अधिकारों की बात उठाई लेकिन भारतीय मीडिया ने उनका लगभग बहिष्कार कर दिया। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों को भी भारतीय मीडिया ने पूरी तरह से ब्लैक आउट कर दिया। सरकार में शामिल लोग अक्सर कहते हैं कि भारत में प्रेस पर कोई पाबंदी नहीं तो फिर सवाल यह है कि ऐसी खबरें भारतीय अखबारों और दूसरे माध्यमों से गायब क्यों रहती हैं? सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा को सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रचार प्रसार के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी को एक महान वैश्विक नेता के रूप में पेश किया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि भारत की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति अमेरिका को यह सम्मान देने के लिए मजबूर करता है। भारतीय मीडिया प्रधानमंत्री मोदी के बारे में यह सवाल नहीं उठाता कि जो नेता रूस और यूक्रेन के बीच शांति की बात करता है वह मणिपुर में हिंसा को रोकने की बात क्यों नहीं करता? दूसरे अवसरों की तरह प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा ने भारतीय मीडिया के पिछलग्गुपन को उजागर किया है।

 

 

 

 

 

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