छपी-अनछपी: विपक्षी बैठक के लिए कई बड़े नेता आज पटना आएंगे, योग दिवस पर बड़े प्रोग्राम

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने के उद्देश्य से पटना में 23 जून को होने वाली बैठक के लिए कई बड़े नेता आज (22 जून को) यहां पहुंचेंगे। इससे संबंधित खबर सभी जगह है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की खबरों को सबसे ज्यादा प्रमुखता मिली है। पटना में ही चल रही जी- 20 की बैठक से संबंधित खबर भी अहम है।

भास्कर की खबर है: केजरीवाल, ममता, स्टालिन, मान, महबूबा, डी राजा, दीपंकर आज आएंगे…कल सीएम हाउस में बैठक। अखबार लिखता है कि भाजपा मुक्त भारत का तरीका ढूंढने के लिए गैर भाजपा दलों के नेता गुरुवार से यहां जुड़ेंगे। उनकी बैठक 23 जून को है। इसमें 17 पार्टियों के नेता रहेंगे। पार्टियां खुद की खातिर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय कर सकती हैं। बातचीत की खास लाइन भाजपा व उसके सहयोगियों के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का एक ही उम्मीदवार देने की होगी। ‘भाजपा हराओ’ का संकल्प पारित होगा। बैठक मुख्यमंत्री आवास में होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, भाकपा महासचिव डी राजा तथा भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य गुरुवार को पटना आएंगे। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को पटना पहुंचेंगे।

योग पर प्रोग्राम

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: योग पूरी दुनिया को जोड़ने का काम कर रहा: पीएम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व किया। इस दौरान योग सत्र में सर्वाधिक देशों की भागीदारी का विश्व कीर्तिमान भी बना। इसे गिनीज बुक में दर्ज किया गया। कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, योग दुनिया को एक साथ लाने का काम कर रहा है।

योग डिप्लोमेसी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: यूएन में योग डिप्लोमेसी, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बना विश्व रिकॉर्ड। अखबार के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने योग को सही मायने में विश्वव्यापी तथा कॉपीराइट व पेटेंट से मुक्त बताया। योग सत्र में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों राजनयिकों और 180 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

भारत…मैन्युफैक्चरिंग हब

भास्कर की खबर है: अमेरिकी कंपनियों के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत; मस्क की टेस्ला भी आने को तैयार। अख़बार लिखता है कि दुनिया की नजरें भारत और अमेरिका के बीच संभावित रक्षा, नवीन ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में होने वाले करार पर टिकी है। सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में बड़े करार हो सकते हैं। इस क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी कंपनी माइक्रोन के सीईओ संजय मेहरोत्रा के साथ प्रधानमंत्री की 1 टू 1 मीटिंग है। इस दौरे के बाद भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए मैन्युफैक्चरिंग का नया हाफ बन सकता है। इसके तहत जेट इंजन की मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में हो सकती है।

मस्क की मजबूरी

हिन्दुस्तान की खबर है: भारत में सबसे ज्यादा संभावनाएं: मस्क। अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख अमेरिकी हस्तियों से मुलाकात की। इसमें टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क भी शामिल रहे। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद एलन मस्क ने कहा कि किसी भी अन्य बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मोदी से मुलाकात के बाद पत्रकारों ने जब सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के मालिक मस्क से कंपनी के पूर्व मालिक तथा सीईओ जैक डोर्सी के भारत सरकार के खिलाफ हाल ही में लगाए आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ट्विटर के पास स्थानीय सरकार की बात मानने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है अन्यथा वह बंद हो जाएगा। हम केवल किसी भी देश में कानूनों का पालन कर सकते हैं। हम इससे अधिक कुछ नहीं कर सकते हैं।

जी-20 बैठक में सामाजिक सुरक्षा

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: जी-20 देश असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। जी-20 के अंतर्गत पटना में हो रहे एल-20 (लेबर) शिखर सम्मेलन में खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा कैसे सुनिश्चत कराई जाये, इस पर विमर्श होगा और एक सार्थक पहल होगी। साथ ही महिला कामगारों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराना और इनकी भागीदारी बढ़ाना भी विचार का अहम मुद्दा होगा। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर गुरुवार को दस बजे ज्ञान भवन में सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

बच्चों किताबें नहीं मिलीं

भास्कर की खबर है: पढ़ाई शुरू हुए 80 दिन बीते पर आठवीं तक के 68 लाख बच्चों को नहीं मिली किताब। अखबार लिखता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के हाथ में किताब आते-आते सत्र का आधा समय बीत जाता है। सेशन शुरू होने के महीने अप्रैल में ही हर हाल में बच्चों को किताब दिलाने का शिक्षा विभाग का दावा इस बार भी फेल हो गया। 2023-24 शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 80 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब भी लगभग 68 लाख बच्चों को हाथ में किताब नहीं पहुंची है। इस साल राज्य में बच्चों को किताब खरीदने के लिए पैसे के बदले किताब ही दी जा रही है। किताब नहीं मिलने का सबसे बड़ा कारण है कि प्रिंटर्स द्वारा अभी तक गर्मी की छुट्टी के पहले लगभग 65% पुस्तक ही जिलों को भेजी गई थी। उम्मीद की जा रही है कि गर्मी की छुट्टी के बाद वंचित बच्चों को किताबें मिलेंगी।

सेंसेक्स का रिकॉर्ड

सेंसेक्स के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने की खबर सभी जगह है। हिन्दुस्तान लिखता है कि अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेतों से घरेलू शेयर बाजारों ने बुधवार को रिकॉर्ड तेजी दिखाई। सेंसेक्स सात महीने बाद सर्वकालिक उच्चस्तर को छूते हुए 63,588.31 अंक पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी भी 1,856.85 अंक के अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 260.61 अंक उछलकर अपने उच्चस्तर पर पहुंचा। हालांकि, बाद में यह नीचे आ गया। फिर भी यह 63,523.15 के उच्चस्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 40.15 चढ़कर बंद हुआ। इसने 18,875.90 का उच्चतम स्तर छुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसेक्स का उच्चतम स्तर पर पहुंचना शेयर बाजारों में वैश्विक तेजी के अनुरूप है।

कुछ और सुर्खियां

  • अमित शाह से मिले जीतन राम मांझी, एनडीए में शामिल होने का ऐलान
  • केंद्र के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन अंतिम वेतन का 45% करने पर विचार
  • भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का 24 जून का बिहार दौरा रद्द, झंझारपुर में था कार्यक्रम
  • दिल्ली में नीतीश कुमार को मार डालने की धमकी मिली, धमकी देने वाला बेगूसराय का
  • पटना का चिड़ियाघर आज अपनी स्थापना की गोल्डन जुबली मनाएगा
  • हिंसा के लंबे दौर के बाद अमित शाह ने मणिपुर पर बुलाई सर्वदलीय बैठक

अनछपी: बिहार में 68 लाख बच्चों को किताब नहीं मिलने की खबर मामूली नहीं है लेकिन हमारे समाज में यह आम बात ही मानी जाती है। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी वैसे तो राजनीति के बहुत से मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करती है लेकिन शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उसके नेता भी कुछ खास नहीं बोलते-करते। भाजपा का पूरा जोर सांप्रदायिक मुद्दों पर रहता है इसलिए उसके बारे में यह शिकायत भी नहीं की जा सकती कि उसने शिक्षा पर क्यों ध्यान नहीं दिया। लेकिन सोचने की बात यह है कि बिहार के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिलना हमारे समाज के लिए मुद्दा क्यों नहीं बन पाता? शिक्षा के क्षेत्र में कई गैर सरकारी संस्थाएं भी काम करती होंगी लेकिन उनकी ओर से भी शायद ही इस ओर ध्यान दिलाया जाता हो। सच्चाई तो यह है कि अखबारों में भी इस बारे में कभी कभार अंदर के पन्नों पर खबर दी जाती है। राजनीतिक दलों के छात्र संगठन और शिक्षकों के संगठन भी कभी इस मुद्दे को उठाते नजर नहीं आते हैं। ऐसे में स्कूल के शिक्षकों पर पढ़ाई में कमी की शिकायत करने का औचित्य नहीं रह जाता। हो सकता है कि उन लाखों लड़कों- लड़कियों में से कुछ ने पुरानी किताब ली हो लेकिन अक्सर विद्यार्थी बिना किताब के कैसे पढ़ते होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राहत की बात यह है कि यह उम्मीद की जा रही है कि गर्मी के छुट्टी के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो उन बच्चों को किताबें मयस्सर हो सकेंगी। शिक्षा विभाग के लिए जरूरी है कि वह इतने दिनों तक बच्चों को किताब नहीं मिलने के मामले की सख्ती से जांच करें और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाएं ताकि आइंदा बच्चे किताबों के बिना स्कूल जाने के लिए मजबूर न हों।

 

 

 

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