छपी-अनछपी: इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बवाल, पटनायक से नीतीश की मुलाक़ात में पॉलिटिक्स नहीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी और इसके बाद बवाल की खबर सभी जगह प्रमुखता से ली गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की है लेकिन दोनों का कहना है कि इसमें पॉलिटिक्स पर बात नहीं हुई। यह खबर पहले पन्ने पर है। हिंसाग्रस्त मणिपुर से 142 बिहारी छात्रों के पटना पहुंचने की खबर भी अहम है। मुजफ्फरनगर के दंगों के दौरान गैंग रेप करने वाले दोषियों की सजा की खबर अखबारों ने दबा दी है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान गिरफ्तार, जमकर बवाल। भास्कर ने लिखा है पाक सेना पर टूट पड़ी अवाम। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: इमरान की गिरफ्तारी से सुलगा पाकिस्तान। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मंगलवार को कोर्ट परिसर से गिरफ्तारी के बाद पूरा देश सुलग उठा। कार्रवाई से आक्रोशित इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने सैन्य परिसरों सहित कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। हालात बेकाबू होते देख सरकार ने पूरे देश में धारा 144 लागू कर दी। साथ ही सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। सूत्रों ने कहा, पूरे घटनाक्रम पर भारत नजर बनाए हुए है। इस्लामाबाद के आईजी ने एक बयान में कहा कि इमरान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है।

पूरे पाकिस्तान में बवाल

हिन्दुस्तान की खबर है: कराची से क्वेटा तक भारी बवाल। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को पूरे देश में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कराची से क्वेटा तक हिंसक प्रदर्शन हुए। कराची, लाहौर, पेशावर और अन्य शहरों पर में पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुईं। कराची में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

आईएसआई की गुलामी से मौत बेहतर: इमरान

इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी से पहले जारी दूसरे वीडियो में कहा कि उन पर कोई मामला नहीं है। उनके अनुसार, “वे मुझे जेल में डालना चाहते हैं, मैं इसके लिए तैयार हूं। आईएसआई मेरा कत्ल कराना चाहती है।” उन्होंने कहा कि इनकी गुलामी से तो मौत बेहतर है। पाकिस्तान में जम्हूरियत दफ्न हो चुकी है। “हो सकता है कि इसके बाद मुझे आपसे मुखातिब होने का मौका न मिले। कौम मुझे 50 साल से जानती है। मैं संविधान के खिलाफ नहीं गया, न कोई कानून तोड़ा।”

नीतीश-नवीन मुलाकात

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश नवीन मुलाकात में नए नहीं पुराने संबंधों की बात, गठजोड़ पर चर्चा तक नहीं। हिन्दुस्तान ने लिखा है: नवीन पटनायक से मिले नीतीश, बोले- गठबंधन पर नहीं हुई बात। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिले। इसे राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा दलों की एकजुटता की जारी मुहिम का हिस्सा माना गया हालांकि पटनायक ने मीडिया से कहा कि किसी एलायंस पर कोई बात नहीं हुई। उनके साथ खड़े देश का कहना था कि आप लोग पॉलिटिकल बात की चिंता मत कीजिए हम लोगों का संबंध इतना गहरा है कि पॉलिटिकल बात सोचने की जरूरत ही नहीं है।

जातीय गिनती पर जल्द सुनवाई नहीं

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: जातीय गणना पर हाई कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार। जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई की राज्य सरकार की अपील को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने जातीय गणना से जुड़े पांच मामलों पर एकसाथ मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि पहले से तय समय तीन जुलाई को ही इसकी सुनवाई की जाएगी।

मुज़फ्फरनगर गैंग रेप के दोषियों को सज़ा

जागरण में छोटी सी खबर है मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को 20-20 साल की सजा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगों के दौरान एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 2 लोगों को 20 साल की सजा सुनाई है। आरोपी पीड़िता के गांव के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। एक आरोपित की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। 7 सितंबर 2013 को जिले में सांप्रदायिक दंगे के दौरान शामली जिले के एक गांव की महिला से उसी गांव के 3 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस की सुनवाई रोजाना चल रही थी।

ट्रंप यौन शोषण मामले में दोषी

हिन्दुस्तान ने खबर दी है: डोनाल्ड ट्रंप यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार पाए गए। न्यूयॉर्क की एक जूरी ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 1990 के दशक के मध्य में एक अमेरिकी पूर्व पत्रिका स्तंभकार के यौन उत्पीड़न के लिए उत्तरदायी थे। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जूरी के नौ सदस्यों ने एक नागरिक मुकदमे के बाद फैसला किया कि पूर्व राष्ट्रपति ने ई. जीन कैरोल से दुष्कर्म नहीं किया, लेकिन उसे बदनाम करने के लिए उन्हें उत्तरदायी पाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप को कैरोल को कुल 50 लाख डॉलर के नुकसान का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।

पायलट-गहलोत झगड़ा

जागरण की सुर्खी है: लगता है गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा हैं: पायलट। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान के अपने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मंगलवार को पलटवार किया। पायलट ने कहा कि धौलपुर में रविवार को गहलोत के भाषण से पता चलता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं। पायलट ने गहलोत के उन आरोपों का खंडन किया कि 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों ने भाजपा से पैसे लिए थे। पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 11 मई से अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष पदयात्रा निकालने की भी घोषणा की।

कुछ और सुर्खियां

  • कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग आज
  • मणिपुर में फंसे बिहार के 142 छात्र पटना लौटे
  • अदानी समूह नवादा के वारिसलीगंज में लगाएगा सीमेंट फैक्ट्री
  • कूनो में माता-पिता की मौत 2 माह में तीसरे चीते ने दम तोड़ा

अनछपी: पाकिस्तान में वहां के पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी पार्टी तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी की बात कई दिनों से चल रही थी लेकिन इसका ठीक-ठाक पता नहीं था कि सेना उन्हें कैसे गिरफ्तार करवाएगी। पाकिस्तानी लोकतंत्र की यह अजीब बात है कि वहां पक्ष विपक्ष से ज्यादा सेना से टकराव या दोस्ती से राजनेताओं की किस्मत का फैसला होता है। तहरीक ए इंसाफ पार्टी कह रही है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं है लेकिन उसी लोकतंत्र से इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। पाकिस्तान में सेना द्वारा चुने गए नेताओं को हटाकर सत्ता पर कब्जा करना कोई नई बात नहीं है। फिलहाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जनरल परवेज मुशर्रफ के समय में इसी तरह का संकट का सामना करना पड़ा था। इमरान खान शरीफ परिवार पर भारी धांधली का आरोप लगाते हैं और उनके साथ किसी समझौता के लिए कभी तैयार नहीं हुए। पाकिस्तानी सेना के पूर्व अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा और इमरान खान में शुरुआती दिनों में तो अच्छे ताल्लुकात बताए गए थे लेकिन बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और यहीं से इमरान खान की उलटी गिनती शुरू हो गई। ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान में उतना ही लोकतंत्र चाहती है जितनी उसे पसंद हो। पाकिस्तान में इससे पहले भी सेना के खिलाफ लोकप्रिय आंदोलन हुए हैं लेकिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जो बवाल मचा है उसके बारे में लोगों का कहना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। फिलहाल तहरीके इंसाफ का कहना है कि उनके नेता इमरान खान को कहां रखा गया है यह किसी को नहीं पता। पाकिस्तान की अदालत भी इस समय सेना के भारी दबाव में है और उसकी ओर से कुछ बड़ा कर पाना बहुत मुश्किल लगता है। कभी अपनी क्रिकेट से पाकिस्तान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले इमरान खान की हालत इतनी खराब कर दी जाएगी, इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं होगा। वैसे दो दशक से अधिक समय से राजनीति कर रहे इमरान खान को भी इस बात का अंदाजा होगा कि क्रिकेट की पिच पर रणनीति बनाना और राजनीति में सेना का मुकाबला करना एक जैसा नहीं है।

 

 

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