छ्पी-अनछ्पी: लोकसभा अध्यक्ष पर नहीं बनी बात-आज वोटिंग, 826 करोड़ के टेंडर रद्द
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए सत्ता और विपक्ष के बीच बातचीत नहीं बन पाई और आज उसके लिए वोटिंग होगी। बिहार सरकार के पीएचईडी ने 826 करोड़ के 350 करोड़ टेंडर रद्द कर दिए हैं। राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गए हैं। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज कराई है। यह है आज के अखबारों की अहम खबरें।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: पांच दशक में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए होगा मतदान। पांच दशक में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा। अंतिम समय तक सहमति बनाने की कोशिशों के फेल होने के बाद सत्ता पक्ष की ओर से ओम बिरला और विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नामांकन दाखिल किए गए। विपक्ष की ओर से अध्यक्ष पद के लिए बिरला के समर्थन के बदले में उपाध्यक्ष यानी डिप्टी स्पीकर का पद देने की शर्त रखी गई थी जिसे सत्ता पक्ष ने मानने से इनकार कर दिया। इसके चलते अब बुधवार सुबह 11:00 बजे नई लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा। इससे पहले 1976 और 1952 में लोकसभा अध्यक्ष के लिए मतदान हुआ था। हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि 1952, 1976 के अलावा 1967 में भी लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव कराया गया था।
826 करोड़ के टेंडर रद्द
बिहार की महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में हुए 826 करोड़ रुपये के 350 टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था के लिए ये टेंडर हुए थे। अब नए सिरे से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच के दौरान प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई है। 17 महीने के कार्यकाल के दौरान महागठबंधन सरकार ने 4600 करोड़ रुपये के 1160 टेंडर किए थे। उस समय विभाग के मंत्री ललित यादव थे। टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद एनडीए सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।
राहुल गांधी लीडर ऑफ अपोज़िशन
जागरण के अनुसार कांग्रेस की राजनीतिक वापसी के नायक के रूप में उभरे पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई लोकसभा में राहुल गांधी को को पार्टी संसदीय दल का नेता नामित करते हुए प्रोटेम स्पीकर को इसका पत्र भेज दिया है। लोकसभा चुनाव में पिछले दो आम चुनाव के मुकाबले मिली बड़ी कामयाबी के बाद भविष्य की राजनीति के मद्देनजर राहुल गांधी का नेता विपक्ष बनने का फैसला कांग्रेस के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
नीट पेपर लीक: सीबीआई की नई एफआईआर
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामले में अब तक हुई जांच के दस्तावेज बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से लेने के बाद ही सीबीआई अब अपने तरीके से जांच में जुट गई है। मंगलवार को सीबीआई के तीन और अधिकारी दिल्ली से पटना पहुंचे और जांच में लग गए। दूसरी ओर सीबीआई ने इस मामले में मंगलवार को एक नई प्राथमिक भी दर्ज की है। इसमें आठ लोगों को नामज़द अभियुक्त बनाया गया है। इससे पहले मंगलवार को ही सीबीआई के दो अधिकारियों ने पटना में इस मामले में जुड़े तीन स्थानों का निरीक्षण किया और पूछताछ की।
180 में 84 सवाल हूबहू मिले
भास्कर की खबर है कि 21 में को ईओयू ने एनडीए के डीजी को पत्र लिखकर नीट यूजी के मूल प्रश्न पत्र की मांग की थी। एनटीए ने 20 जून को प्रश्न पत्र दिया। इस बीच ईओयू ने जेल भेजे गए परीक्षार्थी अनुराग के पास से बरामद प्रश्न पत्र से जले हुए प्रश्न पत्रों का मिलान कर लिया। 180 में 84 प्रश्न हूबहू मिले थे। 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक मामले में सुनवाई होनी है। ईओयू के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट शराब पीने का सबूत नहीं: पटना हाई कोर्ट
हिन्दुस्तान के अनुसार पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश से यह तय किया कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट शराब पीने का निर्णायक प्रमाण नहीं माना जा सकता है। न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने प्रभाकर कुमार सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में पारित फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि रक्त एवं मूत्र परीक्षण किए बगैर केवल ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट की रिपोर्ट यह साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि संबंधित व्यक्ति ने शराब पी रखी है। विभागीय कार्रवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उस समय वह सर्दी और खांसी से पीड़ित था और उसने अल्कोहल युक्त कफ सिरप लिया था।
अरवल में पैदा, लेकिन नागरिक कहीं के नहीं
प्रभात खबर की एक सुर्खी है: पाकिस्तानी बन लौटा अरवल का नकवी कहीं का नहीं रहा नागरिक, आठ साल बाद मिली रिहाई। पटना हाई कोर्ट ने एक रोचक मामले में 2016 से जेल में बंद अरवल के सैयद नकवी को रिहा करने का आदेश दिया है। पटना हाई कोर्ट के दो जजों की पीठ ने सैयद नकवी मामले में यह अहम फ़ैसला दिया है। सैयद नकवी के वकील अमित नारायण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 2022 के एक फैसले के आधार पर नकवी को जमानत मिली है। अब सैयद नकवी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसे पाकिस्तान अपनाने को तैयार नहीं है, उसके पास भारत की भी नागरिकता नहीं है। अरवल में जन्मे नकवी को 1982-83 में उसकी नानी अपनी सेवा के लिए पाकिस्तान लेकर चली गई थी। इस दौरान वहां नकवी को पाकिस्तान की नागरिकता मिल गई। 2012 में नकवी के पिता ने उसे खबर भेजी कि वह बीमार हैं, इसलिए अब यहां आ जाए। नकवी पाकिस्तान से वीजा लेकर अलवर पहुंच गया। वीजा की अवधि 6 माह की थी लेकिन तब तक उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं हुई। इस दौरान उसने भारतीय मुस्लिम महिला से शादी भी कर ली। स्थानीय पुलिस ने उसे वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद यहां रहने के आधार पर गिरफ्तार कर लिया था।
ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में बैंडेज छोड़ा, जांच का आदेश
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में टेट्रा (बैंडेज) छोड़ने का मामला प्रकाश में आया है। महिला के पति ने मंगलवार को इसकी शिकायत डीएम के जनता दरबार में की। डीएम शशांक शुभंकर ने सिविल सर्जन डॉ. श्यामा राय और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार को जांच का आदेश दिया है। डीएम ने तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पटना में सकसोहरा के अंदौली गांव निवासी रवीन्द्र पासवान ने डीएम को आवदेन देकर बताया कि उनकी पत्नी बेबी देवी अपने मायके सरमेरा-नालंदा के धनावां गांव में रह रही थीं। 25 नवंबर 2023 की रात प्रसव पीड़ा होने पर उसको सरमेरा अस्पताल में भर्ती कराया। अगले दिन सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां दोपहर में महिला डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। इसके बाद बच्ची ने जन्म लिया। करीब डेढ़ माह बाद से बेबी अक्सर पेट दर्द की शिकायत करने लगी। स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कराया। लेकिन, तकलीफ दूर नहीं हुई। 11 मई 2024 को जब पटना में दिखाया तो पेट में टेट्रा होने का प्रमाण मिला।
कुछ और सुर्खियां
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अनछपी: लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद जयकारा लगाने की परंपरा रही है। आमतौर पर लोग जय हिंद और अपने प्रदेश के नाम के साथ जय लगाते हैं। चूंकि पठान यूसुफ खान पश्चिम बंगाल से लोकसभा सदस्य चुने गए हैं तो उन्होंने शपथ लेने के बाद जय हिंद, जय बांग्ला और जय गुजरात का जयकारा भी लगाया। लेकिन यहां चर्चा हमें असदुद्दीन ओवैसी की करनी है जो अपनी पार्टी एआईएमआईएम से हैदराबाद के लोकसभा सदस्य बने हैं। उन्होंने शपथ लेने के बाद जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फलस्तीन का जयकारा लगाया। ओवैसी द्वारा फलस्तीन के लिए जय का नारा लगाया जाना विवाद का विषय बना दिया गया। ओवैसी को विवाद में घसीटने वाले भाजपा समर्थक और हिंदुत्ववादी तत्व थे। ऐसे तत्वों ने यह सवाल खड़ा किया कि संसद में दूसरे देश के लिए जयकारा नहीं लगाया जा सकता और यहां तक मांग कर दी कि ओवैसी की लोकसभा सदस्यता रद्द की जाए। इसके जवाब में कई लोगों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर का वह भाषण सुनाया जिसमें वह स्पष्ट तौर पर फलस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। भारत की फलस्तीन नीति है और यह साफ तौर पर उसकी समर्थक है। सवाल यह है कि जब भारत की सरकारी नीति फलस्तीन के समर्थन की है तो जय फलस्तीन कहने को लेकर इतना बवाल क्यों किया गया। फलस्तीन में इसराइल द्वारा जो नरसंहार किया जा रहा है उसके बावजूद फलस्तीन के समर्थन पर इस तरह का बवाल खड़ा करना वास्तव में इंसान दुश्मनी है। याद रखने की बात यह भी है कि बरेली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद छत्रपाल सिंह ने जय हिंदू राष्ट्र का नारा लगाया लेकिन उस पर किसी ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। याद रखने की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के समर्थक और हिंदुत्ववादी तत्व ऐसा माहौल बनाए रखना चाहते हैं कि जिसमें मुसलमानों से संबंधित कोई बात हो तो उसका विरोध किया जाए। इससे माहौल खराब होता है और ध्रुवीकरण भी होता है।
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