छपी-अनछपी: विपक्षी बैठक का संदेश- 2024 में जीतेंगे, मोदी की अमेरिका यात्रा पूरी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक का साफ संदेश यह था कि 2024 में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ेंगे और जीतेंगे। इस बैठक की खबर सभी अखबारों में छाई हुई है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पूरी हो गई है और अब उनकी मिस्र की यात्रा शुरू होगी। इससे संबंधित खबर को भी काफी तवज्जो मिली है।
हिन्दुस्तान की पहली खबर है: 15 दलों ने साथ चलने का संकल्प लिया। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: एकजुटता पर विपक्ष सहमत, शिमला में होगी सीटों पर बात। भास्कर ने लिखा है: साथ लड़ने को 15 पार्टियां सहमत एजेंडा व नेतृत्व पर मंथन शिमला में। हिन्दुस्तान के अनुसार शुक्रवार को पटना में 15 दलों के 27 नेताओं की चार घंटे चली मैराथन बैठक के बाद इसमें शामिल नेताओं ने एकसुर में एलान किया कि हम एकजुट हैं और 2024 में मिलकर एनडीए को मात देंगे। शिमला में अगली बैठक में सीटों की साझेदारी से लेकर अन्य रणनीति तय होगी।
किसने क्या कहा:
- एक साथ चलने पर बनी सहमति: नीतीश कुमार
- मतभेद के बावजूद हम एक साथ काम करेंगे: राहुल गांधी
- अगर भाजपा फिर से आ गई तो देश में चुनाव ही नहीं होगा: ममता
- अगर बिहार जीत गए तो हिंदुस्तान में जीत जाएंगे: खड़गे
- हिंदू मुस्लिम का नारा दे लड़ाया जा रहा है: लालू
- नीतीश कुमार ने जो तय किया वह शिमला में स्वरूप ले लेगा: शरद पवार
- हमारी मत भिन्नता हो सकती है पर देश बचाने के लिए हम एक: उद्धव ठाकरे
- आज जो शुरुआत हुई वह मील का पत्थर साबित होगी: हेमंत सोरेन
- बिहार से नए जागरण का संदेश, सब मिलकर देश को बचाएंगे: अखिलेश यादव
- संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए हम एकजुट होकर लड़ेंगे: डी राजा
- धर्मनिरपेक्षता का हमारा चरित्र बदलना चाह रहे: येचुरी
- अब मोदी हटाओ अभियान को एक आंदोलन का स्वरूप देना है: दीपंकर भट्टाचार्य
- जम्मू कश्मीर में जम्हूरियत की बात क्यों नहीं पहुंचती: उमर अब्दुल्ला
- गांधी के देश को गोडसे का देश नहीं बनने देंगे: महबूबा मुफ्ती
अमित शाह क्या बोले?
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: चाहे जितने दल मिल जाएं, भाजपा फिर जीतेगी: शाह। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पटना में विपक्षी दलों की बैठक को तस्वीर सत्र (फोटो सेशन) करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके बीच एकता लगभग असंभव है। चाहे जितने दल मिल जाएं, फिर भी आम चुनाव में भाजपा ही जीतेगी। जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता यह संदेश देने के लिए एक मंच पर एकजुट हुए हैं कि वे वर्ष 2024 में भाजपा, एनडीए और मोदी को चुनौती देंगे। लेकिन, इन नेताओं से कहना चाहता हूं कि मोदी सरकार की 300 से अधिक सीट के साथ वापसी पक्की है।
मोदी की अमेरिका यात्रा
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: आतंकवाद पर नरेंद्र मोदी व बाइडन ने पाक को घेरा। अखबार लिखता है कि भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है कि वह सुनिश्चित करें कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए ना हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच गुरुवार को वाशिंगटन में हुई द्विपक्षीय वार्ता में आतंकवाद और कट्टरता के बढ़ते खतरे पर विस्तार से बात हुई। इस वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में आतंकवादी गतिविधियों को सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को सख्त शब्दों में समझाया गया है कि उसे इन गतिविधियों को रोकना होगा।
‘सहयोग नई ऊंचाई पर’
हिन्दुस्तान की सुर्खी है: जल-थल-नभ में दिख रहा भारत और अमेरिका का सहयोग: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के तीसरे दिन शुक्रवार को अमेरिका और भारत के शीर्ष सीईओ एवं अध्यक्षों से मुलाकात की। राष्ट्रपति जो बाइडन की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि दोनों देशों का सहयोग समुद्र की गहराइयों से लेकर आकाश की ऊंचाइयों धरती से आकाश तक दिख रहा है। मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी, जेरोधा और ट्रू बीकॉन के सह संस्थापक निखिल कामथ समेत कई अन्य सीईओ से मुलाकात की।
आज से मिस्र की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से मिस्र की यात्रा पर रहेंगे। जागरण के अनुसार अपनी दो दिवसीय यात्रा के आखिरी दिन पीएम मोदी राजधानी काहिरा में 11 वीं सदी की अल हकीम मस्जिद जाएंगे। वह इस मस्जिद में लगभग आधा घंटा बिताएंगे। यहां वह दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। इस समुदाय से पीएम मोदी का खास जुड़ाव रहा है। इस ऐतिहासिक मस्जिद का नाम 16वें फातमी खलीफा अल हकीम अम्र अल्लाह के नाम पर रखा गया है।
हिमंत सरमा के बिगड़े बोल
जागरण की खबर है: भारत में बहुत सारे हुसैन ओबामा उनसे निपटना प्राथमिकता: हिमंत। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को विवादस्पद बयान दिया कि भारत में बहुत सारे ‘हुसैन ओबामा’ हैं और हमारी प्राथमिकता उनसे निपटना है। उन्होंने यह प्रतिक्रिया एक पत्रकार द्वारा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा की गई टिप्पणी पर किये गए सवाल पर दी थी। ओबामा ने भारत के मुसलमानों का मुद्दा उठाया था। भाजपा नेता ने लिखा कि भारत में बहुत सारे हुसैन ओबामा हैं। वाशिंगटन जाने से पहले उनसे निपटने को प्राथमिकता देनी चाहिए। पत्रकार ने लिखा था कि क्या गुवाहाटी में ओबामा के खिलाफ भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया जा चुका है? यह ट्वीट देश के विभिन्न हिस्सों में विपक्ष के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर असम में दर्ज की गई एफआईआर की ओर इशारा कर रहा था।
कुछ और सुर्खियां
- विश्वविद्यालयों में गड़बड़झाला; 1500 कर्मियों को गलत वेतन व प्रमोशन, सबसे ज्यादा 400 मगध विश्वविद्यालय में
- बिहार के मंत्री विजेंद्र चौधरी के रिश्तेदार कारू के ठिकानों से एक करोड़ नगद व 50 लाख के गहने मिले
- मधुबनी के अक्षय आनंद को बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार
- नागर मल प्रतिष्ठान के सात ठिकानों पर सेंट्रल जीएसटी का छापा
- उत्तर बिहार में हुई बारिश, धान की रोपनी शुरू
- खत्म हुई परीक्षा अगले हफ्ते तक आ जाएगा सीयूईटी- यूजी का रिजल्ट
अनछपी: हिमंत बिस्वा सरमा उस भारत के एक राज्य के मुख्यमंत्री है जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही यह दावा किया था कि यहां धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। प्रधानमंत्री से अमेरिका में एक पत्रकार ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में सवाल किया था। तब प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि भारत में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में मुसलमानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी बात रखी थी। बराक ओबामा धर्म के लिहाज से ईसाई हैं और उनका पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है। हिमंत बिस्वा कांग्रेस से भाजपा में आए हुए एक ऐसे नेता हैं जो मुसलमानों के खिलाफ ज़्यादा से ज़्यादा बयान देकर अपनी राजनीति चमकाते रहे हैं। इस बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि हिमंत की यह टिप्पणी मूर्खतापूर्ण है। एनसीपी का कहना था कि प्रधानमंत्री के भारत में धर्म आधारित भेदभाव नहीं होने के दावे को हिमंत का यह बयान कमजोर करता है। एनसीपी ने सरमा से माफी मांगने की मांग की। यह वही हिमंत सरमा हैं जो बार-बार मुसलमानों के खिलाफ बयानों से और कार्रवाइयों से अपने मुस्लिम विरोधी होने का सबूत देते रहते हैं। गौर से देखा जाए तो उनकी बहुत सी हरकतें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों और गतिविधियों से मिलती जुलती हैं। भारत के नेता देश को विश्व गुरु बनाने की बात करते हैं लेकिन सत्ताधारी दल के एक महत्वपूर्ण नेता देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करता है। भारत में अगर कानून का राज सही से चले तो ऐसे नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर सजा दिलाना कोई मुश्किल काम नहीं होता लेकिन सुप्रीम कोर्ट के बार-बार के आदेश के बावजूद इस पर अमल नहीं हो रहा है।
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