छपी-अनछपी: रूस में सिविल वॉर, भाजपा मुक्त राजनीति में ओवैसी फैक्टर कहां?

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रूस में वागनर ग्रुप के ज़रिए बगावत की कोशिश को पहले पेज पर पहली जगह मिली है। पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक पर बयानों का सिलसिले के बीच एआईएमआईएम ने ओवैसी फैक्टर को लेकर सवाल खड़े किए हैं हालांकि अखबारों ने इसे कोई खास जगह नहीं दी है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: रूस में विद्रोह, तख्तापलट की कोशिश। भास्कर की पहली खबर भी यही है: रूस में गृह युद्ध; जो निजी सेना युक्रेन भेजी वही पुतिन के तख्तापलट को चल पड़ी थी। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: रूस: निजी सेना का विद्रोह, बाद में ठिकानों पर लौटे। रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने के बाद शनिवार देर रात निजी सेना वैगनर समूह ने लड़ाकों को वापस बुला लिया। समूह के प्रमुख येवेनी प्रिगोझिन ने लड़ाकों को अपने ठिकानों यानी यूक्रेन लौटने का आदेश दिया। प्रिगोझिन ने कहा कि उसके लड़ाके मॉस्को की ओर बढ़ रहे थे और पिछले 24 घंटों में आगे बढ़ते हुए मॉस्को से मात्र 200 किमी की दूरी पर थे। उन्होंने कहा कि खून खराबे से बचने के लिए पीछे हटने का आदेश दिया है। इस विद्रोह के कारण रूस के 12 प्रमुख शहरों में मार्शल ला लगा दिया गया था। मास्को की सड़कों पर टैंकों से ग्रस्त हो रही थी और सैनिक तैनात कर दिए गए थे।
प्रिगोझिन: भरोसेमंद से बागी बना
वैगनर ग्रुप का चीफ प्रिगोझिन लगभग 20 साल से पुतिन का भरोसा मन था। प्रिगोझिन की यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति पुतिन और रक्षा मंत्री सरगेई के साथ जीते गए क्षेत्रों पर कब्जे के मुद्दों को लेकर अनबन चल रही है। प्रिगोझिन यूक्रेन में जीते गए हिस्सों के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा चाहता है। पुतिन के इनकार के बाद प्रिगोझिन ने पाला बदलकर मोर्चा खोल दिया। प्रिगोझिन ने अपने साथ 25000 लड़ाके होने का दावा किया था। यह लड़ाके अत्याधुनिक हल्के हथियारों और बख्तरबंद गाड़ियों से लैस हैं।
ओवैसी फैक्टर
हिन्दुस्तान में एक छोटी सी खबर है: ‘बगैर ओवैसी भाजपा मुक्त राजनीति कैसी’। एआईएमआईएम ने विपक्षी दलों की बैठक को अल्पसंख्यक विरोधी बताया है। पार्टी विधायक अख्तरूल ईमान ने बैठक को लेकर गहरी नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में मुसलमानों को बेइज्जत किया गया है। ये लोग भाजपा मुक्त की जगह अल्पसंख्यक मुक्त राजनीति कर रहे हैं। बैठक में न मुसलमान, न सिख और न ही ईसाइयों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती भाजपा के पीटे हुए मोहरे थे। ये अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। विधायक ने कहा कि बगैर ओवैसी के भाजपा मुक्त राजनीति की परिकल्पना हैरतअंगेज है। भाजपा के खिलाफ जितना मुखर ओवैसी हैं, उतना इनमें से कोई नहीं। क्या इनकी नजर में 30 करोड़ अल्पसंख्यकों की कोई अहमियत नहीं।
विपक्षी एकता की बैठक: दूसरे दिन के बयान
● मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने की जरूरत: केजरीवाल
● बैठक ऐतिहासिक रही हम लोग जनता के हित के लिए एकजुट: तेजस्वी यादव
● 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का पूरी तरह सफाया होने वाला है: ललन
● विपक्षी दलों की एकजुटता जरूरी, यहां अनेक चेहरे रहे हैं: महबूबा
● राज्य और देश में मिलकर भाजपा को हराएंगे: डी राजा
● शून्य सीट वाला राजद दे रहा है भाजपा को चुनौती: सुशील मोदी
किशनगंज में एनएच का पुल धंसा
जागरण की खबर है: किशनगंज में मेची नदी पर बना पुल चालू होने से पहले ही धंसा। किशनगंज में शनिवार को मेची नदी पर बना पुल धंस गया। बहादुरगंज से ठाकुरगंज के बीच गौरी गांव के पास निर्मित 200 मीटर लंबे इस पुल के छह स्पैन में से एक धंस गया है। यह पुल निर्माणाधीन एनएच 327 की फोरलेन का हिस्सा है। निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गए हैं। सूचना है कि पुल का स्पैन धंसने की जांच के लिए रविवार को दिल्ली से एनएचएआई की एक्सपर्ट टीम आ रही है।
मोदी मिस्र में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर काहिरा पहुंचे। हिन्दुस्तान के अनुसार मिस्र के प्रधानमंत्री एम. मैडबौली ने हवाई अड्डे पर गले लगाकर मोदी का स्वागत किया। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पिछले 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की यह पहली यात्रा है। मोदी रविवार को मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी से मुलाकात करेंगे। मिस्र के ग्रैंड मुफ्ती डॉ. शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम आलम से मुलाकात करेंगे। वे रविवार को अल-हकीम मस्जिद भी जाएंगे।
एंबुलेंस सेवा के ठेके का केस
भास्कर की खबर है: एंबुलेंस ठेका आवंटन मामले में जवाब तलब। अखबार लिखता है कि पटना हाईकोर्ट ने राज्य में एंबुलेंस चलाने का ठेका जहानाबाद के सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद के पुत्र को देने के मामले में दायर रिट पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति पीबी बजन्धरी तथा न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। आरोप है कि राज्य सरकार ने टेंडर की शर्तों में टेंडर जारी होने के बाद बदलाव करते हुए जदयू सांसद के पुत्र के पक्ष में टेंडर दे दिया। टेंडर में शामिल अन्य कंपनी की ओर से यह याचिका दायर की गई है।
पाञ्चजन्य में इंदिरा की तुलना हिटलर से
इमरजेंसी की बरसी पर आने वाले विशेषांक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित पत्रिका पाञ्चजन्य ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से की है। इसके कवर पेज पर आमने-सामने हिटलर और इंदिरा गांधी की दो तस्वीर लगाते हुए लिखा गया है: दो तानाशाह एक जैसी इबारत।
कारू सिंह के यहां 100 करोड़ कर चोरी का दावा
व्यवसायी कारू सिंह उर्फ अजय कुमार सिंह के 25 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी देर रात तक चलने के बाद समाप्त हो गई। हिन्दुस्तान के अनुसार इसमें 100 करोड़ से अधिक की आयकर चोरी पकड़ी गई है। इनके तमाम कारोबार में 25 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी व्यय से संबंधित कागजात भी बरामद हुए हैं। वास्तविक आय को छिपाने, टैक्स में हेराफेरी, अवैध लेनदेन, कई बाहरी लोगों की काली कमाई के कई स्तर पर निवेश, पैसे को कई माध्यमों से घुमाने, बड़े स्तर पर कई माध्यमों में निवेश समेत अन्य कई तरह की वित्तीय अनियमितता से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

कुछ और सुर्खियां
● हाजीपुर के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित राज फ्रेश दूध की फैक्ट्री में अमोनिया गैस का चेंबर फटने से एक की मौत, 40 से अधिक बेहोश
● गर्मी के कारण 28 जून तक पटना के सभी स्कूल बंद रहेंगे
● अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक में मणिपुर में जल्द शांति बहाली का दिया आश्वासन
● पटना- रांची वंदे भारत में रिजर्वेशन शुरू, नाश्ता संग रांची का दो किराया: ₹1025 और ₹2110
● भारत में 26 अरब डॉलर का निवेश करेगी ऐमेज़ॉन
● भागलपुर में भीषण धमाके से मकान जमींदोज, एक की मौत

अनछपी: किशनगंज में एनएच पर बना पुल धंसने से बिहार में सत्ताधारी और विपक्षी दल दोनों के पास कहने को क्या रह गया है? इससे पहले खगड़िया का अगुवानी पुल धंसने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य सरकार को निशाने पर लिया था। दिलचस्प बात यह है कि अगवानी पुल बनने के समय भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के साथ सरकार में थी और उसके ही कोटे के नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे। उस समय बिहार और बिहार के बाहर भी बिहार की इस बात के लिए बदनामी हुई थी। अब नेशनल हाईवे पर बने इस पुल के निर्माण की जिम्मेदारी तो केंद्र सरकार की है। इस पुल के धंसने के लिए अनियमितता की जिम्मेदारी किस पर आएगी? भारतीय जनता पार्टी के नेता अब क्या कहेंगे? क्या यह कहना सही होगा कि भ्रष्टाचार के मामले में कोई दल खुद को पाक साफ नहीं कह सकता। मीडिया ने भी पुल धंसने के मामले में अपने दोहरे पन को उजागर किया है। बहरहाल, मीडिया और नेता चाहे जो कहें दोनों पुलों के धंसने का असली नुकसान तो बिहार की आम जनता को ही हुआ है। कर्नाटक में 40% कमीशन की सरकार के नारे ने सरकार बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिहार के पुलों के धंसने के बारे में भी यह सवाल किया जाना चाहिए कि आखिर कौन, कहां, कितना कमीशन खा रहा है। बिहार में सड़क निर्माण का काम कमीशन के लिए भी जाना जाता है। सवाल यह है कि हर सरकार के कार्यकाल में कमीशन खोरी होती है तो ईमानदारी की उम्मीद किससे की जाए? अगुवानी पुल के मामले की सुनवाई तो हाईकोर्ट में भी हो रही है, क्या किशनगंज पुल के मामले को भी हाई कोर्ट ले जाया जाएगा? क्या इन पुलों के धंसने के लिए इंजीनियरिंग की अयोग्यता भी ज़िम्मेदार है? केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री नितिन गडकरी को काफी तेजतर्रार माना जाता है। उनसे उम्मीद की जानी चाहिए कि पुल धंसने के सभी मामलों की पुख्ता जांच कराएं और दोषी लोगों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की व्यवस्था करवाएं।

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