छ्पी-अनछपी: पंचायत प्रतिनिधियों को आसानी से मिलेगा आर्म्स लाइसेंस, ईरान का एटमी प्रोग्राम सुरक्षित

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार सरकार ने कहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों को आर्म्स का लाइसेंस आसानी से मिलेगा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी हमले के बाद भी ईरानी एटमी प्रोग्राम सुरक्षित है। 41 साल के बाद कोई भारतीय फिर अंतरिक्ष यात्रा पर निकला है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इमरजेंसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

और, जानिएगा कि कैसे कब्रिस्तान में बैठकर इस्लामिक लोन देने के नाम पर फ्रॉड करने वाले पकड़े गए हैं।

पहली खबर

हिन्दुस्तान के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधि अब आत्मरक्षार्थ हथियार रख सकेंगे। राज्य सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था के तहत आने वाले वार्ड पार्षद, मुखिया, पंच, सरपंच, जिला पार्षद आदि को आवेदन करने पर शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का निर्देश दिया है। उनके शस्त्र लाइसेंस आवेदनों पर अब निर्धारित समय-सीमा के अंदर सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा और पंचायती राज विभाग की अनुशंसा के बाद गृह विभाग ने इसको लेकर सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किया है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े करीब ढाई लाख जनप्रतिनिधियों को सरकार के इस निर्णय का फायदा मिलेगा।

ईरान का एटमी प्रोग्राम सुरक्षित

भास्कर के अनुसार ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले से नुकसान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप घिर गए हैं। अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस की एक लीक रिपोर्ट में पता चला है कि हमले से ईरान के परमाणु ठिकानों को कुछ नुकसान जरूर हुआ है लेकिन यह पूरी तरह से तबाह नहीं हुए हैं। ईरानी एटमी प्रोग्राम को झटका जरूर लगा है लेकिन एक काफी हद तक सुरक्षित है। दावा किया गया है कि जो भी नुकसान हुआ है वह केवल साइट को हुआ ईरान के परमाणु प्रोग्राम को नहीं हुआ। इस बीच रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रिपोर्ट लीक होने की जांच के आदेश दिए हैं। लीक रिपोर्ट के अनुसार ईरान के पास अभी 400 किलो से ज्यादा संबोधित यूरेनियम है जिससे वह बहुत कम समय में 10 एटम बम बना सकता है। ईरान को अपनी परमाणु साइट पर अमेरिकी हमले का खतरा था। ऐसे में यह मानना मुश्किल है कि ईरान हमले का इंतजार कर रहा होगा।

भारत के शुभ्रांशु शुक्ला अंतरिक्ष गए

जागरण के अनुसार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए शुभ्रांशु शुक्ला की उड़ान के साथ ही 140 करोड़ भारतीयों का स्वाभिमान सातवें आसमान पर पहुंच गया। शुभ्रांशु शुक्ला ने एक्सीओम स्पेस द्वारा संचालित वाणिज्यिक मिशन के तहत बुधवार को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस के लिए रवाना होकर इतिहास रच दिया। स्पेस एक्स के फाल्कन 9 रॉकेट ने दोपहर 12:01 पर एक्सीओम मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी जिसका दुनिया भर के लोगों ने स्वागत किया। शुक्ला के माता-पिता लखनऊ स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल में इस ऐतिहासिक उड़ान के गवाह बने। इसी स्कूल से शुक्ला ने पढ़ाई की है। पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद किसी भारतीय की यह यात्रा हो रही है। राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के 1 वर्ष बाद 1985 में जन्मे शुभ्रांशु दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं।

सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा दो बार में होगी

भास्कर के अनुसार सीबीएसई में दसवीं की परीक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लागू करने का फैसला किया है। 2026 से दसवीं के छात्र एक सत्र में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। पहली परीक्षा फरवरी में होगी। यह सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी। पहली परीक्षा में भी सभी विषयों के पेपर देने होंगे। दूसरी परीक्षा में में होगी जो वैकल्पिक होगी। अपना प्रदर्शन सुधारने के इच्छुक छात्र इसमें अधिकतम तीन विषयों के पेपर दे सकेंगे। यानी छात्र दो बोर्ड परीक्षाओं में बताकर अलग-अलग पेपर नहीं दे सकेंगे। पहली परीक्षा का रिजल्ट अप्रैल और दूसरी का जून में आएगा। जो छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे उनके तीन विषयों के सर्वश्रेष्ठ अंक मार्कशीट में जुड़ेंगे। ग्रेडिंग दूसरी बोर्ड परीक्षा के बाद जारी होगी।

इमरजेंसी के खिलाफ केंद्रीय कैबिनेट से प्रस्ताव

हिन्दुस्तान के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रस्ताव पारित किया। कैबिनेट ने आपातकाल पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनके लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए और अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया। आपातकाल की शुरुआत 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के एक कठोर प्रयास के साथ हुई थी।

कब्रिस्तान में बैठकर इस्लामी लोन का धोखा

जागरण में नालंदा जिले के कतरीसराय से खबर है कि ऑनलाइन ठगी के मामले में एक नया तरीका सामने आया है जिसमें ठग कब्रिस्तान को अपना अड्डा बनाकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रहे थे। आरोपित लोगों को फोन करके अल खैर इस्लामी फाइनेंस संगठन से ब्याज रहित होम लोन का झांसा देते थे। ठगी का शिकार होने वाले लोगों से सेवा शुल्क के नाम पर पैसे लिए जाते थे। हिंदू समुदाय को एसबीआई होम लोन का झांसा दिया जाता था। पुलिस ने कब्रिस्तान में घेराबंदी कर एक आरोपी सोहन चौधरी को गिरफ्तार किया जो मैरा गांव का निवासी है। उसके पास से दो एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। उसकी जांच में कई राज्यों में ठगी के मामले सामने आए हैं।

कुछ और सुर्खियां:

  • हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर में हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास अचानक आई बाढ़ से 20 मजदूर बहे, दो की मौत
  • बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम पटना पहुंची
  • उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को गैस सिलेंडर, प्रशांत किशोर को स्कूल बैग और मुकेश सहनी को नाविक संग नाव चुनाव चिन्ह मिला
  • पूर्व सांसद और मंत्री रह चुकीं रेणु कुशवाहा राजद में शामिल
  • बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी 57 साल की उम्र में असिस्टेंट प्रोफेसर बने
  • ईरान ने इसरायइल के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन और लोगों को फांसी दी
  • बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की घोषणा- सरकार 9 प्रमंडलीय शहरों में बनाएगी कॉलोनी

अनछपी: साइबर फ्रॉड वैसे तो पूरी दुनिया की समस्या है। बिहार में भी यह समस्या कम नहीं है। ऐसे में साइबर फ्रॉड के क्या-क्या तरीके हैं इसे जानना और इससे बचने के उपाय करना जरूरी है। बिहार में साइबर फ्रॉड के कई तरीकों में बिजली बिल के नाम पर ठगी, फोन सिम के गलत इस्तेमाल का झांसा, गलत् केस और पार्सल के नाम पर धमकी और पैसे देने के लिए लिंक देकर लोगों को ठगने जैसी हरकतें होती हैं। इसके हज़ारों मामले सामने आ चुके हैं। अब ताजा मामला अल खैर नाम के संगठन के नाम पर धोखा देने का सामने आया है। अल खैर ब्याज रहित क़र्ज़ देता है और उसके पदाधिकारियों ने पहले भी इस तरह की शिकायत की है लेकिन अब औपचारिक तौर पर पुलिस में यह मामला दर्ज किया गया है। यह धोखाधड़ी कतरी सराय से हुई है जो ऐसे मामलों के लिए पहले से बदनाम रहा है। ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई स्तरों पर काम करने की जरूरत है। चूंकि अल खैर के पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी है इसलिए उनकी ओर से बार-बार सतर्कता और सावधानी बरतने के संदेश आम लोगों के बीच दिए जाने चाहिए। सरकार तो अपनी ओर से लोगों को आगाह करती ही रहती है लेकिन सामाजिक संगठनों की भी यह जिम्मेदारी है कि वह आम लोगों को यह बात बताएं कि आसान कर्ज के नाम पर ठगी की जा रही है और अगर अल खैर के नाम पर कोई प्रस्ताव आता है तो वह पटना स्थित अल खैर के मुख्यालय से संपर्क करने के बाद ही कोई कदम उठाएं। यह काम मस्जिद के इमाम भी कर सकते हैं और जुमा के खुत्बे में साइबर फ्रॉड से बचने की तक़रीर कर सकते हैं। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अकेले सरकार के भरोसे रहना सही नहीं है। सरकार और समाज मिलकर इस फ्रॉड को रोकने में काम करें तो पहले से बेहतर कामयाबी जरूर मिल सकती है।

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