छपी-अनछपीः आटा, पनीर, दही और शहद महंगा, फुलवारी मामले पर राॅ, एनआईए व आईबी सब जुटे

बिहार लोकर संवाद डाॅट नेट, पटना। महंगाई की मार से त्रस्त लोगों को आज के अखबार से कुछ और चीजों पर जीएसटी बढ़ाकर लेने की जानकारी मिली। जाहिर है, जीएसटी देगा तो दुकानदार लेकिन वह वसूलेगा खरीदार से। यानी आम जनता के बारे में जो यह कहा जाता है कि वह टैक्स नहीं देती, तो सही बात यह है कि वह टैक्स देती है और अब ज्यादा टैक्स देगी।
जागरण की पहली खबर हैः आटा, पनीर और दही जैसे खाद्य पदार्थ आज से महंगे। प्रभात खबर ने अपनी हेडिंग मंें शहद भी जोड़ा है। हिन्दुस्तान में भी यही खबर लीड है लेकिन इसकी हेडिंग इतनी साफ नहीं है। खाद्य वस्तुओं पर आज से जीएसटी की नयी दरें लागू। इसमें बढ़ी हुई जीएसटी दरों की सूची दी गयी है।
प्रभात खबर ने सीआईएससी के रिजल्ट में कार्मेल स्कूल, पटना की नेहा के देश में सेकंड टाॅपर होने की खबर लीड है।
इसी अखबार की दूसरी सबसे बड़ी खबर है- राॅ, एनआईए व आईबी की टीम पहुंची, एटीएस प्रमुख संग डेढ़ घंटे की बैठक। यह खबर फुलवारी में एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े लोगांे की गिरफ्तारी से जुड़ी है। भास्कर ने एक नयी खबर लीड बनायी है- थानेदार को मुस्लिम जान जेहाद का मैसेज भेजा, उसी ने पीएफआई की ताबूत में ठोकी कील। इस खबर में लिखा गया है फुलवारी शरीफ के थानेदार के एकरार अहमद के मोबाइल पर एक पंफलेट आया था जिसमें लिखा था, ’’शर्म करो, डूब मरो। फुलवारी शरीफ के अवाम असली मुसलमान कब बनोगे। नबी की शान पर कब बोलोेगे। सारी दुनिया के मुसलमान आवाज उठा रहे हैं। तुम कब आवाज उठाओगे। क्या यूं ही मुर्दा बने रहोगे?
भास्कर के अनुसार, ’’पीएफआई के आतंकी थानेदार को ये मैसेज एक मुस्लिम जानकर ने भेजा था। लेकिन उन्होंने ही पीएफआई की ताबूत में कील ठोक दी। ’’
हिन्दुस्तान अखबार ने इस बारे में अपनी खबर की सुर्खी लगायी हैः मिशन-2047 के लिए जिलों में खोले थे प्रशिक्षण केन्द्र।
मार्गेट अलवा विपक्ष की उप राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगी, यह खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है।
अनछपीः फुलवारी में कथित तौर पर आतंकी गतिविधि चलने के बारे मंे अखबारों में जो छप रहा और दूसरे मीडिया संस्थानों से जो बात प्रसारित हो रही है, वह पूरे समाज के लिए भयावह है। हालांकि इससे तात्कालिक तौर पर मुस्लिम युवाओं को नुकसान होगा लेकिन इससे जोे असर समाज पर होगा उस पर विचार करना चाहिए। आज के भास्कर अखबार ने थानाध्यक्ष एकरार अहमद को मुस्लिम बताकर एक तरह से यह समझाने की कोशिश की है वे बहुत देशभक्त हैं और बाकी देश के दुश्मन। जो पंफलेट थानाध्यक्ष को मिलने की बात कही गयी है उसमें जो बातें लिखी हैं, क्या वह देश द्रोह के श्रेणी में आती हैं। भास्कर लिखता है कि पीएफआई की ताबूत में ठोकी कील। मगर भास्कर यह नहीं बताता कि पीएफआई अब तक प्रतिबंधित संगठन नहीं है।

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