छ्पी-अनछपी: ₹5000 बकाया वाले 15 लाख बिजली कनेक्शन कटेंगे, वक़्फ़ जेपीसी आज पटना में

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में 15 लाख बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर ₹5000 से अधिक का बिल बाकी है और अब उनका कनेक्शन काटने की तैयारी चल रही है। वक़्फ़ संशोधन बिल की जेपीसी आज पटना में हितधारकों से मुलाकात करेगी। बिहार में बुजुर्गों की पेंशन को दुगना करने की तैयारी चल रही है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर के खिलाफ छापेमारी में 34 प्लॉट की जानकारी मिली है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल कैद की सजा सुनाई गई है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

हिन्दुस्तान के अनुसार बिल का भुगतान किए बगैर बिजली का उपभोग कर रहे राज्य के 15 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर अब गाज गिरेगी। बिजली कंपनी ने पांच हजार से अधिक बकाया रखने वाले ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। हर सेक्शन (प्रशाखा) की ओर से रोज 25 बड़े बकायेदारों से पैसा वसूली का अभियान चलेगा। पैसा नहीं देने वाले उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। वितरण कंपनियों के राजस्व शाखा की ओर से इस बाबत सभी सहायक विद्युत अभियंता और कनीय विद्युत अभियंता को आवश्यक निर्देश जारी कर दिया गया है।

वक़्फ़ जेपीसी आज पटना में स्टेकहोल्डर्स से मिलेगी

प्रभात खबर के अनुसार संसद में पेश हुए वक़्फ़ संशोधन कानून पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की टीम शनिवार को पटना आएगी। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में संयुक्त संसदीय समिति 18 जनवरी की सुबह 9:00 बजे पटना पहुंचेगी। जेपीसी बिहार सरकार के प्रतिनिधियों, विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न हिंदूवादी संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर उनकी राय लेगी। होटल ताज में आयोजित पहले सत्र में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से वक़्फ़ जेपीसी उनकी राय सुनेगी। दूसरे सत्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधियों से जीसी मिलेगी और उनकी राय जानने की कोशिश करेगी। विभिन्न संस्थाओं की राय जानकर शाम 5:00 बजे कमेटी नई दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएगी।

बिहार में दोगुनी होगी बुजुर्गों की पेंशन

जागरण के अनुसार मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को प्रति माह मिलने वाली ₹400 की राशि को सरकार दोगुना से भी अधिक करने की तैयारी कर रही है। इस बात पर मंथन हो रहा है कि ₹400 की राशि को ₹1000 कर दिया जाए। संभव है नए वित्तीय वर्ष में इसके लिए प्रावधान कर दिया जाए। वर्ष 2022-23 ने पूरे प्रदेश में 42.60 लाख वृद्धों को इस योजना का लाभ मिल रहा था। राज्य सरकार ने वृद्धजन पेंशन योजना की शुरुआत 2019-20 में की थी। इसके बाद से कई स्तर पर इसके तहत मिलने वाली ₹400 की राशि को बढ़ाने की मांग हो रही है।

इंजीनियर की काली कमाई, 34 प्लॉट के मालिक

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के ठिकानों पर हुई छापेमारी में करोड़ों रुपए की काली कमाई का पता चला है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम को इंजीनियर के चार ठिकानों पर सर्च के दौरान 34 जमीन खरीद से संबंधित कागजात मिले हैं। इनमें अधिकतर प्रॉपर्टी पटना और बक्सर जिले में खरीदी गई है जिनका मार्केट वैल्यू करोड़ों में है। इसके साथ ही इंजीनियर के ठिकानों से करीब 21 लख रुपए के सोने चांदी के आभूषण, अभियुक्त और उनकी पत्नी के पीएफ खाते में करीब 85 लाख रुपये निवेश के सबूत मिले हैं।

इमरान को 14 साल कैद की सज़ा

भास्कर के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 2000 करोड़ रुपए के अल कदीर ट्रस्ट जमीन घोटाले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई है। इसी केस में इमरान की पत्नी बुशरा बीबी को भी 7 साल की जेल हुई है। इमरान और बुशरा पर क्रमशः 10 लाख और पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने झेलम में अल कदीर यूनिवर्सिटी की जमीन जब्त करने का आदेश भी दिया है।

राहुल गांधी आज पटना में

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को पटना में लगभग 6 घंटे रहेंगे। दिल्ली से 12 बजे पटना एयरपोर्ट पर आने के बाद वे सीधे बापू सभागार जाएंगे। यहां संविधान सुरक्षा सम्मेलन में विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करेंगे। बापू सभागार में वे दो घंटे रहेंगे। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस सदाकत आश्रम में भी वे करीब दो घंटे रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी यह पहली बिहार यात्रा है।

इसराइल की रक्षा कैबिनेट ने युद्धविराम को दी मंज़ूरी

इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने शुक्रवार को युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दे दी। इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू ने पुष्टि की कि समझौता हो गया है। अब यह समझौता पूर्ण कैबिनेट के पास जाएगा। उम्मीद है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे रविवार से लागू कर दिया जाएगा। नेतन्याहू ने कहा, उन्होंने ग़ज़ा से बंधकों की वापसी के लिए विशेष कार्य बल को तैयार करने का निर्देश दिया और बंधकों के परिवारों को सूचित किया गया है कि समझौता हो गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से
  • वैशाली के सहायक उद्यान निदेशक शशांक कुमार वेतन जारी करने के बदले रिश्वत लेने में गिरफ्तार
  • पटना हाईकोर्ट के आश्वासन के बाद निचली अदालतों के कर्मचारियों की दो दिनों से चल रही हड़ताल खत्म
  • यूपीएससी ने 70वीं पीटी की दोनों परीक्षाओं के चार-चार सवालों को रद्द किया
  • राजद से जदयू में गए मंगनी लाल मंडल फिर राजद में शामिल हुए

अनछपी: इस दुनिया में कितनी अजीबोगरीब बातें होती हैं, इसका एक उदाहरण रूसी सेना में काम करने वाले भारतीय लोग भी हैं। सेना में काम करना राष्ट्रभक्ति का उदाहरण माना जाता है लेकिन दूसरे देश की सेना के लिए काम करने को क्या माना जाए? दरअसल यूक्रेन से लड़ाई छिड़ने के बाद रूस में भारतीय कामगारों को सेना में भेज दिया गया और यह बात स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें यह बताया गया था कि उनसे सेना का काम लिया जाएगा। भारत से रूस गए जिन कामगारों से कुछ जानकारी मिली है उसमें यह दावा किया जा रहा है कि दरअसल उन्हें दूसरे काम के लिए वहां बुलाया गया और फिर सेना में भर्ती कर युद्ध के मैदान में भेज दिया गया। शुरू में तो इस बात का पता नहीं चला लेकिन जब वहां से मौत की खबर आई तो मालूम हुआ कि कुछ भारतीयों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है और उन्हें मोर्चे पर भी भेजा गया है। रूस ने भारत से ‘भाड़े का सैनिक’ क्यों मंगाए या कामगारों को बुलाकर रूसी सेना में क्यों भर्ती किया इसका कोई स्पष्ट जवाब ना तो रूस ने दिया है ना ही भारत के विदेश मंत्रालय ने। भारत के  विदेश मंत्रालय की ताजा जानकारी में बताया गया है कि रूसी सेना में काम करने वाले 16 भारतीय लापता हैं जबकि 12 की अब तक मौत हो चुकी है। रूस एक शक्तिशाली देश माना जाता है और इसकी सेना काफी संगठित, इसके बावजूद वहां से उसकी सेना के लिए काम कर रहे भारतीयों के लापता होने की खबर अजीबोगरीब लगती है। ऐसा लगता है कि जिन भारतीयों को जबर्दस्ती रूसी सेना में काम करने के लिए भेजा गया है वह वहां से किसी तरह भाग गए हैं और उनका पता नहीं चल पा रहा है। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के लिए भी यह जानना जरूरी है कि आखिर कौन लोग थे जिन्होंने भारतीयों को रूस की सेना में भर्ती कराया। भारत का रूस से काफी अच्छा संबंध है और इस मामले में वह बहुत कड़ाई से पेश नहीं आ सकता लेकिन अपने देश में तो कड़ाई जरूर कर सकता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार रूसी सेना में काम करने वाले भारतीयों के 126 मामले सामने आए हैं जिनमें 96 लोग भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार अब भी 18 भारतीय रूसी सेना में काम पर लगे हुए हैं। विदेश मंत्रालय अब उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि आखिर किन परिस्थितियों में भारतीय नागरिकों को रूस जाने के लिए विवश होना पड़ा और उन्हें फिर सेना में भर्ती कर दिया गया। सरकार चाहे जितने दावे करे, यह भी इस बात का सबूत है कि लोगों के लिए जान जोखिम में डालकर रोजगार पाने की कितनी मजबूरी है।

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