छ्पी-अनछपी: अमित शाह के मुद्दे पर कनाडा को कड़ा जवाब, 120 मेडिकल स्टूडेंट्स पर रैगिंग में कार्रवाई

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कनाडा के नागरिक और भारत द्वारा आतंकी घोषित हरदीप सिंह निज्जर के हत्याकांड में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भागलपुर के मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स पर रैगिंग के लिए कार्रवाई की गई है। बिहार के सरकारी स्कूलों में एक जनवरी से बच्चों की हाजिरी फेस रीडिंग से लगेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप की सभा में ‘फ्री फलस्तीन’ का नारा लगा है।

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत और कनाडा के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। भारत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेकर कनाडा के उप मंत्री के बयान पर सख्त रुख अपनाया है और उसके उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया। भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका और बेबुनियाद बताया, और चेतावनी दी कि ऐसी गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाइयों से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर होंगे। कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन की तरफ से संसदीय समिति के एक सुनवाई के दौरान भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिया गया था। इसके अलावा कनाडा सरकार की ओर से दिवाली समारोह को रद्द किए जाने का फैसला भी भारत को नागवार गुजरा है। इसके अलावा कनाडा की खुफिया एजेंसी कम्यूनिकेशन सिक्योरिटी एस्टेब्लिशमेंट (सीएसई) ने एक ताजा रिपोर्ट में भारत को एक तरह से दुश्मन देश की सूची रख दिया है। सीएसई ने भारत को उन पांच देशों की सूची में शामिल किया है जिन्हें वह साइबर खतरे वाला देश मानता है। इस सूची में चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के नाम है। सीएसई ने आरोप लगाया है कि वह कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी अलगाववादियों की निगरानी के लिए साइबर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है।

120 मेडिकल स्टूडेंट्स पर कार्रवाई

भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के आरोप में 120 विद्यार्थियों को शनिवार को एक सेमेस्टर बैक कर दिया गया। वहीं 11 छात्रों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इन 11 छात्रों ने अपनी जूनियर छात्राओं के व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजे थे। यह कार्रवाई कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राकेश कुमार ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के आदेश पर की है। 2023-28 बैच के सभी छात्र-छात्राओं पर यह कार्रवाई हुई है। आरोप है कि 2024-29 बैच के 55 छात्र-छात्राओं के साथ सीनियर्स ने रैगिंग की थी। बैच की पूरी क्षमता 120 है लेकिन फिलहाल 55 छात्र-छात्राओं ने ही एडमिशन लिया है। जूनियर छात्रों को पहले मुर्गा बनाया और फिर सिर मुंडवा कर उन्हें घुमाया था। इतना ही नहीं छात्राओं का मोबाइल नंबर लेकर उन्हें अश्लील मैसेज भी भेजे थे।

सरकारी स्कूलों में फेस रीडिंग से हाज़िरी

प्रभात खबर के अनुसार बिहार में 1 जनवरी से सभी सरकारी स्कूलों में ई शिक्षाकोष पोर्टल के जरिए डिजिटल मोड में हाजिरी ली जाएगी। हाज़िरी की इस व्यवस्था में स्कूल में आने वाले बच्चों के चेहरे की ऑटोमेटिक रीडिंग हो जाया करेगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात हर शनिवार’ के पहले एपिसोड के दौरान शिक्षकों की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसका ट्रायल कर लिया गया है जो पूरी तरह सफल रहा है। इसके तहत स्कूलों के लिए टैब खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए संबंधित लोगों को ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। अटेंडेंस लेने की तकनीक सटीक है।

पौने छह लाख छात्रों की सरकारी सुविधाओं पर संकट

भास्कर के अनुसार बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 5.75 लाख से अधिक छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह यहां पढ़ने वाले 5.75 लाख से अधिक छात्रों के आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन नहीं होना है। शिक्षा विभाग ने 5 महीने पहले ही प्रधानाध्यापकों को छात्रों के आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया था। 5 महीने में 6 बार से अधिक रिमाइंडर भेजा गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर छात्रों का नाम छात्रवृत्ति, किताब, ड्रेस और साइकिल आदि सहित अन्य योजनाओं की लिस्ट से कट जाएगा।

शिक्षकों से ट्रांसफर के लिए 7 तारीख से आवेदन

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों से तबादले का आवेदन 7 नवंबर से लिये जाएंगे। शिक्षकों को इसके लिए दो सप्ताह का समय मिलेगा। यही नहीं उन्हें दिसंबर के अंतिम सप्ताह के पहले नया विद्यालय भी आवंटित कर दिया जाएगा। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि नए साल में शिक्षक नये विद्यालय में योगदान देंगे।

ट्रंप की रैली में ‘फ्री पैलेस्टाइन’ के नारे लगे

प्रभात खबर के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब दो दिन बाकी हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस सभी प्रमुख चुनावी राज्यों में मतदाताओं को रिझाने की अपनी अंतिम कोशिश कर रहे हैं। इस बीच स्विंग राज्यों में ट्रंप और कमला के बीच कड़े मुकाबले के संकेत मिल रहे हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को मिशिगन के डियरबोर्न इलाके में रैली की। इस रैली में कई लोगों ने ‘फ्री पैलेस्टाइन (फलस्तीन)’ के नारे लगाए। मिशिगन एक स्विंग राज्य है और इसके शहर डियरबोर्न में अरब अमेरिकी समुदाय की अधिकता है।

कुछ और सुर्खियां:

  • बिहार में 4500 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की बहाली के लिए आवेदन शुरू, 21 नवंबर आखिरी तारीख
  • लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के नाम पर पप्पू यादव को धमकी देने वाला गिरफ्तार
  • हज यात्रा के लिए पहली किस्त की राशि अब 11 नवंबर तक जमा होगी
  • सासाराम में घर के तहखाना से करोड़ों की हेरोइन जब्त
  • भारत में 2015 के मुकाबले 2023 में टीबी के मामले 17% घटे
  • अररिया के बाल सुधार गृह से छह बालबंदी फरार

अनछपी: सरकार कैसे बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती हैं, लोग उससे कैसे प्रभावित होते हैं और फिर उन योजनाओं का क्या हश्र होता है इसका एक उदाहरण स्मार्ट सिटी से लिया जा सकता है। सरकार ने कई शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था हालांकि वह कब तक बनकर तैयार होगा इसकी कोई जानकारी लोगों को नहीं है। बिहार में भी कई शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया गया है लेकिन उनके बारे में बहुत जानकारी नहीं मिलती और अब तक उनकी स्थिति अच्छी नहीं हुई है। जिन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाना था उन में मुजफ्फरपुर भी शामिल है और वहां से यह खबर आई है कि इस साल दस महीने गुजरने के बावजूद इसकी सलाहकार समिति की बैठक नहीं हुई है। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिए कुल 930 करोड रुपए की योजनाएं हैं लेकिन इनमें 566 करोड़ की बड़ी योजनाओं पर काम अधूरा माना जा रहा है। इसके बावजूद सलाहकार समिति की बैठक नहीं हो रही है या कहिए कि बैठक नहीं होने की वजह से काम नहीं हो रहा है। इस सलाहकार समिति के अध्यक्ष मुजफ्फरपुर के स्थानीय भाजपा सांसद डॉ. राजभूषण चौधरी हैं जो केंद्र में मंत्री भी हैं। बिहार में डबल इंजन की सरकार है, मुजफ्फरपुर के सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं और केंद्र में मंत्री हैं, इसके बावजूद अगर स्मार्ट सिटी का काम अधूरा है तो इसके लिए किसे दोषी ठहराया जाए? सरकारी दलों के साथ-साथ विपक्ष से भी यह सवाल करना चाहिए कि सरकार की घोषणाएं पूरी हुई या नहीं इसके बारे में वह क्या कर रहे हैं? जाहिर है वह इस काम को तो नहीं करवा सकते लेकिन उन्हें सवाल करने से कौन रोक रहा है? ऐसा लगता है कि विपक्ष भी जनता से जुड़े इन गंभीर मुद्दों को सही तरीके से नहीं उठाता या वह सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहता है। अच्छी बात यह है कि इससे जुड़ी खबर मीडिया में आई है लेकिन जरूरत इस बात की है कि सरकार ने जिन बाकी शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी उनके बारे में भी जानकारी लोगों के सामने आए।

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