छ्पी-अनछपी: आरजेडी के वादों में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, ईरान-इसराइल संकट गहराया

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राजद के घोषणा पत्र में एक करोड़ नौकरी और 200 यूनिट मुफ्त बिजली की बात कही गई है। ईरान-इसराइल संकट गहरा गया है। इन दो खबरों के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनावी भाषण को भी आज के अखबारों में प्रमुखता मिली है।
भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: राजद का परिवर्तन पत्र, एक करोड़ सरकारी जॉब का वादा। जागरण की पहली खबर है: केंद्र में सरकार बनी तो एक करोड़ नौकरी। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी हेडलाइन है: राजद: एक करोड़ नौकरी, 200 यूनिट बिजली मुफ्त। राजद ने लोकसभा चुनाव को लेकर शनिवार की सुबह अपना घोषणा पत्र ‘परिवर्तन पत्र’ नाम से जारी किया। इसमें केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर देश भर में एक करोड़ नौकरी देने, बिहार में दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने, पांच सौ रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने एवं गरीब परिवार की बहनों को हर साल एक लाख रुपये की सहायता देने का वादा किया गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इस परिवर्तन पत्र में राजद ने 24 जनवचन के माध्यम से घोषणाएं की हैं। शनिवार को प्रदेश राजद कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने परिवर्तन पत्र जारी किया।
ईरान-इसराइल संकट
प्रभात खबर की खबर है: ईरान ने कब्जे में लिया भारत आ रहा इसराइली जहाज, 17 भारतीय सवार। ईरान और इसराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ओमान की खाड़ी से होर्मुज जलडमरूमध्य के नजदीक भारत आ रहे एक मालवाहक जहाज़ पर ईरान की सेना ने शनिवार को कब्जा कर लिया। इस जहाज पर 17 भारतीय नागरिक भी सवार हैं। यह सभी चालक दल में शामिल हैं। भारत ने इसकी पुष्टि की है। यह मालवाहक जहाज लंदन की एक कंपनी का है जिसका मालिक इसराइली अरबपति है। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो हेलीकॉप्टर की मदद से इस मालवाहक जहाज़ पर उतरे और उसे ज़ब्त कर लिया। इसराइली सेना के प्रवक्ता दनियार हगारी ने कहा है कि इस हमने का जवाब दिया जाएगा।
बदनाम था बिहार: नीतीश
प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: पति-पत्नी के राज में पूरे देश में बदनाम था बिहार, आज विकसित राज्यों में: मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अपनी चुनावी सभा में एक बार फिर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व सीएम रावड़ी देवी पर हमला बोला। गया सुरक्षित सीट पर एनडीए के उम्मीदवार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने बाराचट्टी आए नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 के पहले प्रदेश में पति-पत्नी का राज था और उस समय बिहार पूरे देश में बदनाम था। “2005 में जब हमारी सरकार आई तो विधि व्यवस्था पटरी पर आई। आज बिहार की गिनती पूरे देश में विकसित राज्यों में हो रही है।”
बोर्नवीटा हेल्थ ड्रिंक नहीं
सरकार ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से उनके पोर्टल से बॉर्नवीटा समेत विभिन्न पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से हटाने का निर्देश दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जांच के बाद यह फैसला लिया है। जांच में पाया कि एफएसएस अधिनियम 2006, एफएसएसएआई और मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत नियमों और विनियमों के तहत कोई हेल्थ ड्रिंक परिभाषित नहीं है। 10 अप्रैल, 2024 को जारी आदेश में कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों, पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे अपने मंच से सभी पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से हटा दें।
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर केस
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा देने को लेकर पिछले दिनों चर्चा में आई मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुश्किल में घिर गई है। सीबीआई ने रिश्वत देने के एक मामले में कंपनी के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की है। हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए 966 करोड़ रुपए का चंदा दिया था। यह चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली दूसरे सबसे बड़ी कंपनी थी।
पाक से जुड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़
हिन्दुस्तान के अनुसार पूर्वी चंपारण में अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने पांच शातिरों को गिरफ्तार लिया है। सभी शातिर पाकिस्तान में बैठे आकाओं के निर्देश पर सोशल मीडिया के जरिए लोगों से ठगी करते थे। पूर्वी चंपारण के एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि शातिरों के विभिन्न बैंकों में 31 खाते चिह्नित किए गए हैं। इन खातों में करोड़ों के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। गिरफ्तार बदमाशों में छौड़ादानो थाना क्षेत्र के भूषण राम उर्फ मणिभूषण राम, बंजरिया थाना क्षेत्र निवासी समीर आलम, वसीम अख्तर, मोहम्मद असगर और दरपा थाना क्षेत्र निवासी हैदर अली शामिल हैं।
इस देश में सिर्फ हिन्दू वोट बैंक है: ओवैसी
जागरण की सुर्खी है: इस देश में कभी मुस्लिम वोट बैंक नहीं था, केवल हिंदू वोट बैंक है: ओवैसी। जागरण के सहयोगी प्रकाशन उर्दू दैनिक इंकलाब से बातचीत में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस देश में कभी मुस्लिम वोट बैंक नहीं था। केवल हिंदुओं का ही वोट बैंक है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि कोई भी राजनीतिक दल मुस्लिम नेतृत्व को उभरने नहीं देना चाहता। क्या ओवैसी के मैदान में उतरने से भाजपा को फायदा हो जाता है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर हमें बीजेपी को हराना है तो सबको मिलकर रोकना होगा। “लालू प्रसाद ने दो-दो बार भाजपा को बिहार सौंपा। इस पर कोई उंगली नहीं उठाता। कोई उन्हें तो भाजपा के एजेंट नहीं कहता। मुसलमानों का पिछड़ापन दूर करने के लिए जरूरी है कि उनका अपना नेतृत्व हो।”

कुछ और सुर्खियां
● राजद के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम ने जदयू का दामन थामा
● पूर्व मंत्री वृशिण पटेल ने राजद से इस्तीफा दिया
● ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में मॉल में क़त्लेआम, 6 को चाकू से मार डाला
● पाकिस्तान के क्वेटा शहर के पास आतंकियों ने 11 यात्रियों की हत्या की
● आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी रोड शो के दौरान पथराव में घायल
● भाजपा की कंगना रनौत के सामने कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को उतारा
अनछपी: सीरिया में अपने दूतावास पर इसराइल के हमले के बाद ईरान ने जो कार्रवाई शुरू की है उससे पूरी दुनिया में हड़कंप मच सकता है। अखबारों ने ईरान द्वारा इसराइल के एक पोत पर कब्जे की खबर दी तो सुबह-सुबह यह खबर भी आई कि ईरान ने इसराइल पर ड्रोन से हमले किए हैं। खबरों में बताया गया है कि कई ईरानी ड्रोन को अमेरिकी सेना ने मार गिराया है। ध्यान रहे कि सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले में एक प्रमुख ईरानी जनरल समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। ईरान ने इस हमले के लिए इसराइल को जिम्मेदार ठहराया था हालांकि इसराइल ना इस बात की पुष्टि करता है और ना ही इससे इनकार करता है कि उसने ही यह हमले किए थे। इसराइल इससे पहले भी खुफिया तरीके से ईरान के प्रमुख सैन्य अधिकारियों को मारता रहा है। ईरान बार-बार जवाबी हमले की बात करता है और लंबे समय के बाद पहली बार उसने कोई कार्रवाई की है। फलस्तीन में इसराइल द्वारा किये जा रहे नरसंहार से पहले ही माहौल तनावपूर्ण चल रहा है। इसके बावजूद इसराइल ऐसे दुस्साहस इसलिए कर पाता है क्योंकि उसे पूरा भरोसा है कि अमेरिका उसकी हर कार्रवाई में उसका साथ देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कह रखा है कि वह इसराइल की आत्मरक्षा में उसके साथ है। लेकिन अमेरिका जिसे इसराइल की आत्मरक्षा बताता है वह वास्तव में उसकी खुली आक्रामकता है। लोकतंत्र की रक्षा का दावा करने वाला अमेरिका इसराइल के हाथों फलस्तीनियों के नरसंहार पर चुप्पी साधे है बल्कि इसराइल के साथ है। ईरान के हमले के बाद अमेरिका तुरंत लोकतांत्रिक मूल्यों का हवाला देखकर बड़ी-बड़ी बातें करेगा। वह फलस्तीन में मानवीय सहायता पहुंचाने का ढोंग रचता है और इसराइल को खतरनाक से खतरनाक हथियार भी उपलब्ध कराता है। ईरान के साथ इस संकट के लिए अगर इसराइल जिम्मेदार है तो अमेरिका की भूमिका भी कम खतरनाक नहीं है। एक जनसंहार करने वाले देश इसराइल को अमेरिका का समर्थन इस समय दुनिया में सबसे बड़ा अपराध है। अमेरिका के साथ ही उसके सहयोगी देश ब्रिटेन और फ्रांस का भी यही रवैया है। अगर ईरान-इजराइल संकट गहराता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अमेरिका पर होगी। अमेरिका चाहे तो इसराइल पर एक मिनट में नियंत्रण किया जा सकता है लेकिन वह ऐसा करता नहीं दिख रहा है।

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