छपी-अनछपीः बिहार-झारखंड में सरकार पर तकरार-तलवार, पेगासस मामले में केन्द्र ने नहीं किया सहयोग

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। बिहार में सरकार बनने के बाद खूब तकरार चल रही है और झारखंड में तो सरकार पर ही तलवार लटकी है। आज के अखबारों में यही दो खबरें प्रमुखता से छपी हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में पेगासस के मामले में सुनवाई की खबर भी अलग-अलग तरीके से पेश की गयी है।
हिन्दुस्तान की हेडलाइन हैः हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट। इसमें बताया गया है कि श्री सोरेन द्वारा अपने नाम पर खान लीज लेने के मामले की सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है। कोई ठोस बात बतायी नहीं गयी लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि श्री सोरेन की विधायकी चली जाएगी। इसी तरह यह भी पता नहीं कि सिर्फ विधायकी जाएगी या उनके चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगायी जाएगी। जागरण ने लिखा हैः अयोग्य ठहराये जा सकते हैं सोरेन, निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को भेजा अपना मंतव्य।
प्रभात खबर में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान लीड हैः बिहार में जबरन कवनो काम ना हो ला, दिल्ली वाले नहीं बचाएंगे। यह बयान सीबीआई के छापों को लेकर दिया गया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्रियों का नाम लिये बिना यह बात कही है और एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ जन आंदोलन की चेतावनी दी है।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी हैः बढ़ेगा सीबीआई जांच का दायरा, एमएलसी के लाॅकर खुले। इसी खबर के बारे मंे भास्कर ने लिखा हैः सीबीआई टीम ने एमएलसी सिंह व पत्नी के लाॅकर को खंगाला, फ्रीज किये। प्रभात खबर में एमएलसी सुनील सिंह का बयान दावा छपा है कि छापेमारी में कुछ नहीं मिला है। इसी तरह राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद ने दावा भी किया है कि उनके पास से कोई आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिला है। सीबीआई उनके बीएड काॅलेज और मेडिकल काॅलेज से संबंधित दस्तावेज ले गयी है।
भास्कर की लीड हैः विजय चैधरी ने कहा- सम्राट दलदल में गये, सम्राट बोले- दलदल में ही कमल खिलेगा। इसके अलाव पूूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान नेता, प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने महागठबंधन सरकार पर संविधान का गला घोंटने के आरोप की खबर भी प्रमुखता से छपी है। इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री विजय चैधरी ने कहा है कि नियमों की धज्जियां उड़ाना चाह रहे थे पूर्व अध्यक्ष।
बिहार में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार का बहुत जोर है लेकिन अब सरकार के अधिकारी ही यह बात मान रहे हैं कि इसमें गड़बड़ियां हैं। हिन्दुस्तान की खबर में बताया गया है कि स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियां दिसंबर तक दूर होंगी।
इसरायल के जासूसी ऐप पेगासस के बारे में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की खबर भी प्रमुखता से छपी है। अक्सर अखबारों ने यह बताया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वार गठित कमिटी ने पांच फोन में मालवेयर मिलने और पेगासस के सबूत नहीं होने की बात को प्रमुखता दी है लेकिन समिति की इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि इस मामले में सरकार ने सहयोग नहीं किया और न ही यह बताया कि उसने यह जासूसी सेवा ली है या नहीं।
अनछपीः अब बात जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक की जिसके बारे में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय दल के नेता उपेन्द्र कुशवाहा का बयान छपा है। भास्कर की सुर्खी हैः जदयू ने कहा- भाजपा उकसाएगी, हम सब भाईचारे को बरकरार रखें। अगर जदयूू को इस बात का एहसास है कि भाजपा उकसाएगी तो उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मुख्यमंत्री उनके हैं। ऐसे किसी उकसावे का समय रहते इलाज करना जरूरी होगा और यह काम सिर्फ अल्पसंख्यकों के भरोसे नहीं हो सकता। समाज के बहुसंख्यक वर्ग को भी जदयू अपने विश्वास में लेकर ऐसे उकसावे को रोकने के लिए रणनीति बनाए तब ही यह काम संभव हो सकेगा। जदयू को भाजपा से जिस बात का डर है, उसे दूरे करने के लिए उसे और अधिक सजगता दिखानी होगी, सिर्फ बयानों से यह काम नहीं होने वाला। इसके लिए उसे राजद और कांग्रेस का सहयोग लेकर समाज के अंतिम आदमी तक सद्भावना की बात समझानी होगी।

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