छपी-अनछपी: एससीईआरटी के सभी स्टाफ की सैलरी रुकी, दरभंगा में झंडे को लेकर अफवाह का भंडाफोड़

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। एनसीईआरटी की तर्ज पर काम करने वाले पटना स्थित एससीईआरटी के सभी स्टाफ की सैलरी शिक्षा सचिव के आदेश के बाद रोक दी गई है। इसकी खबर सभी जगह प्रमुखता से ली गई है। दरभंगा में एक मंदिर पर झंडा लगाने की झूठी अफवाह फैलाई गई जिसके बाद वहां तनाव फैल गया लेकिन बाद में स्थिति नियंत्रण हो गई। इंडिया टीवी न्यूज़ के द्वारा यह अफवाह फैलाए जाने के बाद बिहार पुलिस ने इसका खंडन किया जिसकी खबर सभी अखबारों में है।

शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक समेत सभी करीब 75 पदाधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन बंद कर दिया है। हिन्दुस्तान के अनुसार विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 22 जुलाई के अपने निरीक्षण में वहां की स्थिति पर असंतोष जताते हुए उक्त कार्रवाई की है। एससीईआरटी के निदेशक आईएएस अधिकारी सज्जन आर हैं।

पहले भी बंद हुआ था वेतन

कुछ दिनों पहले भी श्री पाठक ने एससीईआरटी के दस कर्मियों के वेतन बंद करने का आदेश दिया था। पूर्व में एससीईआरटी के निरीक्षण में उन्होंने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम के कार्यपालक अभियंता को परिषद के छात्रावास, अकादमिक भवन, पुराना प्रशासनिक भवन आदि निर्माण कार्य को ससमय पूर्ण करने के लिए मानव बल बढ़ाने का आदेश दिया था। अब-तक उन्होंने विभाग के कर्मियों समेत कॉलेजों-स्कूलों के कई शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन विभिन्न कारणों से बंद किया है।

दरभंगा में अफवाह की साज़िश का भंडाफोड़

जागरण की ख़बर है: दरभंगा में झंडा लगाने को ले दो पक्षों में बवाल, पथराव। दरभंगा जिले के मध्य ओपी क्षेत्र की शिव धारा बाजार समिति में रविवार को मोहर्रम को लेकर झंडा लगाने पर दो पक्ष आपस में भिड़ गए। जमकर पथराव हुआ। करीब 2 घंटे तक बवाल में भी प्रभारी राजकुमार सहित तीन लोग चोटिल हो गए। तनाव को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की गई है। सुबह करीब 11:00 बजे एक पक्ष के कुछ युवक बाजार समिति में एक स्थान पर धार्मिक झंडा लगा रहे थे। इसे लेकर दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई। झंडा हटाने को कहने लगे। झंडा नहीं हटाने पर बहस होने लगी देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। दरभंगा के एसएसपी ने बताया कि सीसी टीवी कैमरे के फुटेज और मोबाइल वीडियो के आधार पर असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मणिपुर में फेक न्यूज़ से भड़की हिंसा

मणिपुर में तीन मई से भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हुई है। हिन्दुस्तान के अनुसार राज्य में हालात पर नजर रखने वाली विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि हिंसा को बड़े पैमाने पर अफवाहों और फर्जी खबरों के कारण बढ़ावा मिला। कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्रत्त् कर घुमाने से संबंधित चार मई की घृणित घटना उन यौन हमलों में से एक थी, जो पॉलीथिन में लिपटे एक शव की तस्वीर के सोशल मीडिया पर आने और इसके साथ झूठा दावा किए जाने के बाद हुई कि पीड़िता की चुराचांदपुर में आदिवासियों द्वारा हत्या कर दी गई। इस संबंध में अधिकारी ने कहा कि बाद में पता चला कि तस्वीर दिल्ली में हत्या की शिकार महिला की है। लेकिन उस समय तक घाटी में हिंसा भड़क चुकी थी। अन्य वीडियो के कारण भी हिंसा भड़की।

बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाया

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: बोरवेल से 9 घंटे बाद सकुशल निकला मासूम। नालंदा में 110 फीट गहरे बोरवेल में गिरे चार वर्षीय मासूम को रविवार को आठ-नौ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना सिलाव प्रखंड के कुल गांव की है। वह खेलने के दौरान ताड़ के पत्ते से ढके बोरवेल में गिर गया था जो 60 फीट गहरा था। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों ने बच्चे को सकुशल गड्ढे से बाहर निकाल लिया। स्वास्थ्य जांच के लिए उसे पावापुरी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। वहां चिकित्सक बच्चे की जांच-पड़ताल कर रहे हैं। सुबह नौ बजे से ही पुलिस व अधिकारियों की टीम बचाव दल के साथ काम कर रही थी। बच्चा कूल गांव निवासी डोमन मांझी का पुत्र शिवम कुमार है।

स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड पर 2 लाख जुर्माना

पटना हाईकोर्ट ने गलत रिज़ल्ट देने के मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दो लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। एक माह के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही 25 हजार रुपये बतौर मुकदमा खर्च भी देने का आदेश दिया गया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मनोज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उसकी पुत्री ने वर्ष 2017 में मैट्रिक परीक्षा दी थी। संस्कृत में फेल दिखाकर रिजल्ट दिया गया। रिजल्ट देख पुत्री सदमे में आ गई। उसने पढ़ाई ही छोड़ दी। बाद में सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में करीब डेढ़ साल बाद बताया गया कि उसे संस्कृत में 77 अंक प्राप्त हुए हैं। बोर्ड की गलती से बच्ची का करियर बर्बाद हो गया। वहीं बोर्ड के वकील ने माना कि संस्कृत में 77 अंक के बजाय 3 अंक दिए गए।

नए साल में उत्तर से दक्षिण भारत तक राम महोत्सव

भास्कर की खास खबर है: नए साल में उत्तर से दक्षिण तक राम महोत्सव, आजादी के बाद सबसे बड़े आयोजन की तैयारी। अखबार लिखता है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज हो गई हैं। रविवार को इसे लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की बैठक हुई पूर्ण राम इसमें अगले साल 14 से 26 जनवरी के बीच शुभ मुहूर्त में होने वाले अनुष्ठान को अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने पर चर्चा हुई। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहा यह कार्यक्रम आजादी के उत्सव के बाद का सबसे बड़ा आयोजन होगा। नए साल की शुरुआत से ही उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरे देश में राम लहर चलेगी।

कुछ और सुर्खियां

  • गुजरात के जूनागढ़ में 24 घंटे में 15 इंच वर्षा वाहन व जानवर बहे
  • चिड़िया की जगह अंग्रेजी का एक्स होगा ट्विटर का लोगो
  • बेगूसराय में किशोरी को निर्वस्त्र करने के तीनों आरोपितों ने किया आत्मसमर्पण
  • ईपीएफ खाते में ब्याज की राशि अगस्त तक आएगी
  • नेपाल से बिहार में घुस रहे दो चीनी नागरिक रक्सौल में पकड़े गए
  • ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण आज से, सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई आज ही

अनछपी: मणिपुर से दरभंगा की दूरी काफी है लेकिन फेक न्यूज़ और अफवाह फैलाने का मामला दोनों जगह एक जैसा है। मणिपुर के बारे में सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि एक फेक न्यूज़ की वजह से वहां हिंसा इतने व्यापक पैमाने पर भड़की। रविवार को दरभंगा में मोहर्रम का झंडा लगाने को लेकर मामूली विवाद के बारे एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल ने भड़काऊ अफवाह फैलाई। वह तो अच्छा हुआ कि बिहार पुलिस ने तत्काल इस अफवाह का खंडन किया और किसी मंदिर पर किसी दूसरे धर्म का धार्मिक झंडा लगाने की बात को पूरी तरह निराधार बताया। बिहार पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी कि दरभंगा जिले में शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा किया गया, जिसकी सूचना मिलते पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। इस सम्बंध में कई भ्रामक खबरें प्रसारित की गईं। बिहार पुलिस ने लिखा कि यह बात स्पष्ट है किसी के द्वारा मंदिर पर न तो झंडा/ निशान लगाया गया और ना ही मंदिर पर पथराव किया गया है। पुलिस द्वारा स्थानीय शांति समिति की बैठक बुलाई गई। विवाद निराकरण के क्रम में कतिपय व्यक्तियों के द्वारा दोनों तरफ से अफवाह फैला कर ईटा पत्थर रोड़े बाजी की घटना की गई। दरभंगा पुलिस ने लिखा,”India TV reported false and misleading news.” यही नहीं एबीपी न्यूज़ ने गोली चलने की खबर भी दी जो गलत थी। बिहार में पुलिस की छवि आमतौर पर अच्छी नहीं है लेकिन दरभंगा के मामले में जिस तेजी के साथ उसने कार्रवाई की और फेक न्यूज़ को उजागर किया वह काबिले तारीफ है। इसके साथ ही यह बात भी सावधान करने की है कि ऐसे असामाजिक तत्वों और फेक न्यूज़ फैलाने वाले चैनलों पर सख्त कार्रवाई लगातार की जाए ताकि वह अपनी किसी गलत मंशा में कामयाब ना हों। सांप्रदायिक नफरत और अफवाह की फैक्ट्री चलाने वाले काफी सक्रिय हैं। बिहार पुलिस को लगातार उन पर नजर रखनी होगी।

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