छ्पी-अनछ्पी: इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारा 15 जनवरी तक, विपक्ष के 49 और सांसद सस्पेंड
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में सीटों का बंटवारा 15 जनवरी तक करने पर सहमति बनी है। इस बैठक से जुड़ी खबरें सभी जगह प्रमुखता से ली गई हैं। संसद की सुरक्षा में चूक पर सवाल उठाने पर लोकसभा के 49 और विपक्षी सदस्यों को सस्पेंड करने की खबर भी प्रमुख है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: चुनाव बाद तय होगा प्रधानमंत्री, सीट बंटवारा 15 जनवरी तक। विपक्षी गठबंधन इंडिया की चौथी बैठक में सीट बंटवारे को जनवरी मध्य तक अंतिम रूप देने पर सहमति बनी। हालांकि तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना ने 31 दिसंबर तक ही सीट बंटवारे का काम पूरा करने की सलाह दी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल्द से जल्द सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें देरी हो रही है, यह अब तक हो जाना चाहिए था।
पीएम के लिए खड़गे का नाम
जागरण की मेन हेडलाइन है: खड़गे उम्मीदवार के रूप में उभरे। भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: इंडिया… पीएम के लिए खड़गे का नाम बढ़ा, सीट बंटवारे की अग्निपरीक्षा इसी महीने। अख़बार लिखता है कि संसद में जारी घमासान के बीच मंगलवार को हुई विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में पहली बार प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर किसी नेता का नाम आगे बढ़ा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठबंधन के संयोजक और पीएम पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव दिया। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित 28 में से 12 दलों ने समर्थन करते हुए कहा इससे देश को पहला दलित प्रधानमंत्री मिलने का रास्ता खुलेगा। हालांकि इस पर फैसला नहीं हुआ है। बैठक के बाद खड़गे ने कहा कि पहले जीतना जरूरी है।
230 सीटों पर सहमति की बात
इंडिया गठबंधन के नेताओं ने बंगाल, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब की करीब 230 सीटों पर पूर्ण सहमति से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। इसके लिए खड़गे, नीतीश, ममता, केजरीवाल, शरद पवार और अखिलेश यादव की अनौपचारिक कमेटी बनी है। इन राज्यों में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार होगा और यह छह नेता इन राज्यों का अंतिम फैसला करेंगे।
ईवीएम पर चर्चा
इंडिया गठबंधन की बैठक में एवं की विश्वसनीयता पर भी चर्चा हुई। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस पर प्रस्ताव पास हुआ है। इसमें कहा गया है कि वीवीपीएटी पर्ची बॉक्स में गिरने की जगह वोटर को सौंप दिया जाएगा। वोटर उसे अपने विकल्प के साथ सत्यापित कर तुरंत अलग बॉक्स में डालें। बाद में इनकी शत प्रतिशत गिनती की जाए। ऐसा होने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में लोगों का पूर्ण रूप से विश्वास बहाल होगा।
और 49 लोकसभा सांसद सस्पेंड
संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर लोकसभा में मंगलवार को भी हंगामा हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की कड़ी चेतावनी और कई बार सदन स्थगित करने के बाद शशि थरूर, मनीष तिवारी समेत विपक्ष के 49 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। अब तक दोनों सदनों से 141 सदस्य निलंबित हो चुके हैं। इससे पहले बीते सोमवार को लोकसभा के 33 सदस्यों को, जबकि पिछले हफ्ते 13 सदस्यों पर कार्रवाई हुई थी। लोकसभा से अब तक कुल 95 सांसद निलंबित किये जा चुके हैं। राज्यसभा से भी सोमवार को 46 सांसदों को निलंबित किया गया था।
कोरोना का खतरा
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: कोरोना का खतरा मंडराया, अस्पतालों को किया अलर्ट। कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी होने के बाद बिहार सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी करने को कहा है। लोगों को डरने या घबराने की बजाय सतर्क रहने व सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मंगलवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ कोरोना से बचाव को लेकर की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा की।
धनकड़ की नक़ल उतारी
भाजपा ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने को लेकर विपक्ष पर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया है। संसद में विपक्ष के एक सांसद द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ की नकल कर उनका कथित रूप से मजाक उड़ाए जाने की घटना पर उच्च सदन में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। सभापति धनखड़ ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि किसान और जाट पृष्ठभूमि को लेकर मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मेरा अपमान किया जा रहा है। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने घटना की निंदा करते हुए विपक्ष से माफी मांगने को कहा।
आरएसएस प्रमुख भागवत कल पटना में
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत तीन दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वे 21 दिसम्बर को पटना आएंगे। 22 दिसम्बर को उनका भागलपुर में एक कार्यक्रम प्रस्तावित है। 23 दिसम्बर को पटना से वे वापस प्रस्थान करेंगे। पटना प्रवास के दौरान संघ प्रमुख के साथ बिहार भाजपा के आला नेताओं की बैठक होगी।
ज्ञानवापी मस्जिद का मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दाखिल मुस्लिम पक्ष की सभी पांचों याचिकाएं खारिज कर दीं। साथ ही वाराणसी जिला अदालत में इस विवाद को लेकर चल रहे दीवानी मुकदमों को छह माह में निस्तारित करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मंगलवार को दिया है। कोर्ट ने गत आठ दिसंबर को पांचों याचिकाओं पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था। इस विवाद को लेकर महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट ने जिला अदालत में चल रहे दीवानी मुकदमे को सुनवाई योग्य माना है। कोर्ट ने कहा कि यह मुकदमा उपासना स्थल अधिनियम 1991 से बाधित नहीं है। कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में धार्मिक चरित्र परिभाषित नहीं किया गया है।
कुछ और सुर्खियां
- विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन के दल 22 दिसंबर को पूरे देश में करेंगे विरोध प्रदर्शन
- चीन में भूकंप से 127 लोगों की जान गई
- ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी, 24.275 करोड़ में कोलकाता नाइट राइडर्स ने खरीदा
- पटना और पूर्णिया में सिंहानिया ग्रुप के पांच ठिकानों पर आयकर की छापामारी
- संसद की सुरक्षा मामले में दिल्ली पुलिस ने ललित झा के रिश्तेदारों से की पूछताछ
अनछपी: भारत की राष्ट्रीय राजनीति का एक बेहद महत्वपूर्ण दौर इस समय चल रहा है। एक तरफ विपक्ष के 141 विपक्षी सदस्य संसद से निलंबित कर दिए गए हैं तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक हुई है। भारतीय जनता पार्टी और उसका सहयोगी मीडिया कैसे किसी मामले को उछालता है और दबाता है यह गौर करने की बात है। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने जब राज्यसभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारी (साथ लगी तस्वीर) तो मीडिया उन पर टूट पड़ा। कहा गया कि यह उपराष्ट्रपति के पद का अपमान है। भारतीय जनता पार्टी को जगदीप धनखड़ का समर्थन मिलना तो समझ में आता है लेकिन नकल उतारने की एक छोटी सी घटना पर मीडिया ने जो सवाल खड़ा किया वह अजीबोगरीब है। मीडिया यह सवाल नहीं कर रहा है कि आखिर 141 सदस्यों को सदन से बाहर करने पर लोकतंत्र की क्या स्थिति होगी। मीडिया यह सवाल कर रहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की नकल नहीं उतारनी चाहिए लेकिन वह इस पर गौर नहीं कर रहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अलोकतांत्रिक आचरण क्यों है। इस सत्र की शुरुआत के पहले कुछ दिनों तक संसद की व्यवस्था साधारण रूप से चली। मगर जब संसद की सुरक्षा में सेंध लगी तो विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयान की मांग की। अपनी मांगों के समर्थन में वह संसद में तख्तियां लाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का कहना है कि संसद में तख्ती लेकर नहीं आना है। मगर तख्ती लेकर आने की सजा क्या संसद से निलंबन होनी चाहिए? इस बारे में यह सलाह भी दी जा चुकी है कि विपक्षी सांसदों को सामूहिक रूप से लोकसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए। अब इंडिया गठबंधन की ओर से यह घोषणा की गई है कि संसद में निष्कासन के खिलाफ 22 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन किया जाएगा। इंडिया गठबंधन की बैठक में फैसले धीरे-धीरे हो रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सीट शेयरिंग पर बात साफ हो जाएगी। कुल मिलाकर यह देखना रोचक होगा कि अभी के विवाद में विपक्षी गठबंधन भारतीय जनता पार्टी और मीडिया का कैसे मुकाबला करता है।
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