छ्पी-अनछपी: राजगीर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू, असम में मुस्लिमों की शादी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राजगीर में बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया गया है। असम में मुसलमान की शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन जरूरी बनाने का कानून पास किया गया है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमृतलाल मीणा बन सकते हैं बिहार के नए मुख्य सचिव। बिहार सहित सात राज्यों में एनआईए ने छापा मारा है। गौतम अडानी एक बार फिर भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बने हैं।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

प्रभात खबर के अनुसार राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बिहार को खेल अकादमी और खेल विश्वविद्यालय की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राजगीर खेल परिसर में राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।  इस खेल परिसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के 24 खेलों के आयोजन की व्यवस्था है। यह 90 एकड़ में बना हुआ है और इसकी लागत 750 करोड़ रुपए है। यहां एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी बनाया जा रहा है जिसकी क्षमता 40000 दर्शकों की होगी।

असम में मुसलमानों के लिए शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी

जागरण के अनुसार असम में मुसलमान के लिए शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन करना अब अनिवार्य हो गया है। गुरुवार को असम विधानसभा ने मुस्लिम शादी और तलाक बिल 2024 पारित किया। इसी के साथ करीब 90 साल पुराना असम मुस्लिम निकाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 अप्रभावी हो गया है। इस कानून के तहत कम उम्र में भी निकाह करने की अनुमति थी। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि क़ाज़ियों द्वारा किए गए सभी पहले के विवाह रजिस्ट्रेशन वैध रहेंगे और केवल नए विवाह ही इस कानून के दायरे में आएंगे। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत इस्लामी रीति रिवाज से होने वाली शादियों में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं।

अमृतलाल मीणा हो सकते हैं नए चीफ सेक्रेटरी

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के अगले मुख्य सचिव 1989 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अमृत लाल मीणा के बनाये जाने के आसार हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है। श्री मीणा अभी कोयला मंत्रालय में सचिव हैं। वह अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। वर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उनके सेवा विस्तार के लिए केंद्र सरकार को कोई प्रस्ताव बिहार सरकार ने नहीं भेजा है।

सात राज्यों में एनआईए का छापा

भास्कर के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशाखापट्टनम जासूसी मामले में सात राज्यों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई गुजरात, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार के कटिहार व किशनगंज और हरियाणा में हुई। कार्रवाई में जांच एजेंसी ने 22 मोबाइल फोन और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए। 2021 में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम नेवल बेस में नौसेना की संवेदनशील जानकारियां लीक हुई थीं। यह छापेमारी उसी से संबंधित थी।

गौतम अडानी फिर सबसे अमीर

जागरण के अनुसार अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी एक बार फिर देश के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को पछाड़ा है। गुरुवार को जारी हुरून इंडिया रिच लिस्ट 2024 में गौतम अडानी 11.6 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ शीर्ष पर बने हुए हैं। 10.4 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी दूसरे स्थान पर हैं। पहली बार अमीरों की सूची में शाहरुख खान भी शामिल हुए हैं जिनकी संपत्ति 7300 करोड़ रुपए बताई गई है।

सियासी झगड़े में न घसीटें: सुप्रीम कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता के. कविता को मिली जमानत पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की टिप्पणी पर गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई। पीठ ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में सियासी दलों को अदालत को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम उनसे सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति पी. के. मिश्रा और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि हम विधायिका में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो उनसे भी यही अपेक्षा की जाती है। एक मुख्यमंत्री का यह कैसा बयान है? ऐसी बयानबाजी से लोगों के मन में आशंका पैदा हो सकती है। रेड्डी ने कविता की जमानत के लिए भाजपा और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी की ओर इशारा किया था। रेड्डी ने मंगलवार को कहा था कि कविता को पांच महीने में जमानत मिली, जबकि मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद और अरविंद केजरीवाल को अब तक जमानत नहीं मिली है।

खानकाह मुजीबिया में बन रहा है 10 करोड़ की लागत से लंगरखाना

फुलवारी शरीफ स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खानकाह  मुजीबिया में पर्यटक सुविधाओं के विकास कार्यों का डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को निरीक्षण किया। डीएम ने कहा कि 10.022 करोड़ रुपए की लागत से दो मंजिला लंगरखाना भवन बन रहा है। इस साल 13 से 17 सितंबर तक खानकाह मुजीबिया में उर्स का आयोजन होगा। डीएम ने खानकाह मुजीबिया के प्रबंधन से जुड़े सदस्यों से भी सलाह मशवरा किया।

हिमाचल के सीएम नहीं लेंगे दो महीने की सैलरी

हिमाचल प्रदेश की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि चूंकि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है, ऐसे में वह खुद, उपमुख्यमंत्री, सभी मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव दो महीने तक वेतन-भत्ते नहीं लेंगे। उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों से भी स्वेच्छा से दो माह तक वेतन-भत्ते छोड़ने का आग्रह किया।

कुछ और सुर्खियां

  • प्रसिद्ध कानूनविद और विद्वान अब्दुल गफूर (एजी) नूरानी का मुंबई में इंतकाल
  • 10 लख रुपए घूस लेने के मामले में पटना के प्रिंसिपल इनकम टैक्स कमिश्नर संतोष कुमार सस्पेंड
  • राजद विधायक सुदय यादव की पत्नी रिंकी यादव से बदमाशों ने अटल पथ पर सोने की चेन छीनी
  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आज बेटे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे
  • आईजीआईएमएस में एक्स-रे के लिए 7 दिनों का इंतज़ार

अनछपी: भारतीय जनता पार्टी की सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों का मुस्लिम विरोधी बयान और हरकत कोई नई बात नहीं है लेकिन इसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा सबको पीछे छोड़ते में लगे हुए हैं। हिमंता सरमा कभी अपने बयान से हिंदू मुसलमान में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं तो कभी राज्य में कानून बनाकर मुसलमानों को दबाने की कोशिश करते हैं। असम के विपक्षी दल के नेता हिमंता सरमा के सांप्रदायिक बयानों को लेकर हमेशा आपत्ति जताते रहते हैं। हाल ही में विपक्षी दल के नेताओं ने उनके खिलाफ सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने वाले बयान देने के मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई है। लेकिन ऐसा लगता है कि हिमंता सरमा को ऐसी बातों की कोई चिंता नहीं और वह बेधड़क मुस्लिम विरोधी बयान देते रहते हैं। असम ही नहीं उन्होंने झारखंड में भी आकर हिंदू-मुस्लिम विभाजनकारी बातें कही हैं। ताज़ा मामले में हिमंता सरमा की सरकार ने मुसलमान के लिए एक खास कानून बनाया है जिसमें मुसलमानों की शादी का रजिस्ट्रेशन और तलाक क़ाज़ी के जरिए न करने की घोषणा की गई है। शादी एक सामाजिक काम है और असम ही नहीं पूरे भारत में इसके लिए क़ाज़ी और पुजारी को बुलाया जाता है। कुछ विशेष मामलों में अदालती शादी भी होती है और शादी का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि हिमंता सरमा यह भी कह रहे हैं कि वह मुस्लिम पर्सनल ला के तहत इस्लामी रीति रिवाज से होने वाली शादियों में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनका उद्देश्य क़ाज़ी व्यवस्था से छुटकारा पाना है। क्या इसका मतलब यह नहीं हुआ कि निकाह करने के लिए क़ाज़ी की जरूरत अब वह खत्म करना चाहते हैं? इस कानून के बारे में विपक्षी दलों ने कहा कि यह मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला है और चुनावी साल में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने वाला है। हिमंता सरमा क्या पंडितों द्वारा सात फेरे लगाकर कराई जा रही शादियों की व्यवस्था को भी रोकेंगे? विपक्षी दलों का यह कहना बिल्कुल सही है कि वह यह क़ानून दरअसल ध्रुवीकरण करने के लिए लेकर आए हैं। यह कानून पूरी तरह असंवैधानिक है और उसे सुप्रीम कोर्ट में जरूर चुनौती दी जानी चाहिए।

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