छ्पी-अनछपी: कमर्शियल कॉम्प्लेक्स पर प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ा, अफगानिस्तान का दूतावास बंद

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में कमर्शियल कॉम्पलेक्सों पर टैक्स बढ़ाने की खबर को दो अखबारों ने प्रमुखता दी है। भारत में तालिबान विरोधी अफगानिस्तान दूतावास के बंद करने की खबर भी प्रमुख है।

प्रभात खबर और जागरण की खबर है: व्यावसायिक परिसरों का प्रॉपर्टी टैक्स डेढ़ से तीन गुना तक बढ़ा। शहरी क्षेत्र के गैर आवासीय व्यावसायिक भवनों का प्रॉपर्टी टैक्स डेढ़ से तीन गुना बढ़ गया है। राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसको लेकर 25 सितंबर को ही अधिसूचना जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यह सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में लागू होगा। सबसे ज्यादा तीन गुना प्रॉपर्टी टैक्स की बढ़ोतरी शहरी क्षेत्र में होटल, बार, हेल्थ क्लब, जिम्नेजियम, क्लब, विवाह हॉल, वाणिज्य कार्यालय, वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनियों के कार्यालय, बैंक निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम पर हुई है। सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रकृति के स्थल, केंद्र एवं राज्य की संस्थाओं को प्रॉपर्टी टैक्स में पूर्व की तरह ही छूट रहेगी।

अफगानिस्तान का दूतावास बंद

भारत में अफगानिस्तान के दूतावास ने मेजबान देश से सहयोग नहीं मिलने का दावा करते हुए शनिवार रात को घोषणा की कि वह एक अक्टूबर से यहां अपना कामकाज बंद कर रहा है। अफगान दूतावास ने एक बयान में कहा कि उसे इस फैसले की घोषणा करते हुए अफसोस हो रहा है। दूतावास ने अपने बयान में मिशन को प्रभावी तरीके से नहीं चला पाने के कुछ कारक गिनाये हैं और कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के ये ही प्रमुख कारण हैं। यह दूतावास तालिबान विरोधी था और इसके अधिकतर सदस्य पश्चिमी देशों में शरण ले चुके हैं।

भारतीय हाई कमिश्नर को गुरद्वारा जाने से रोका

हिन्दुस्तान के अनुसार ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों ने  स्कॉटलैंड दौरे पर गए भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को गुरुद्वारा जाने से रोक दिया। भारत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय और पुलिस के समक्ष यह मामला उठाया। घटना ग्लासगो के अल्बर्ट ड्राइव पर स्थित गुरुद्वारे के सामने हुई। दोरईस्वामी स्कॉटलैंड की दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन यहां पहुंचे थे। गुरुद्वारे के बाहर मौजूद खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय राजनयिक को कार से उतरने नहीं दिया और उन्हें प्रवेश से रोक दिया। उन्हें दोबारा न आने की धमकी भी दी गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

मालदीव के नए राष्ट्रपति

जागरण की खबर है: चीन समर्थक मोहम्मद मोइज बने मालदीव के नए राष्ट्रपति। मालदीव में शनिवार को हुए चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मोइज को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया। मोइज को 53% से अधिक वोट मिले जबकि राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह सिर्फ 40% वोट प्राप्त कर सके। नतीजे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। रविवार को यह घोषणा की जाएगी।

सिपाही भर्ती आज से, सात गिरफ्तार

बिहार में रविवार से 21391 पदों के लिए सिपाही भर्ती परीक्षा शुरू हो रही है। इस बीच, शनिवार को इस परीक्षा में फर्जीवाड़े की साजिश रचने वाले दो अलग-अलग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने दानापुर के शाहपुर क्षेत्र में छापेमारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया। उनके पास से परीक्षार्थियों के कागजात और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। वहीं, समस्तीपुर में भी चार लोगों को बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य सामान के साथ पकड़ा गया।

एसटीईटी साल में दो बार

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा साल में दो बार होगी। बिहार के हाईस्कूल व प्लसटू में शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अब वे साल में दो बार पात्रता परीक्षा दे सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) अब साल में दो बार कराने का फैसला लिया गया है। इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने तैयारी भी शुरू कर दी है। जल्द ही इसकी तिथि जारी की जाएगी। यह जानकारी बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी।

एनजीओ पर कसा शिकंजा

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: एनजीओ- ट्रस्टों को मिली राशि व स्रोत बताना होगा। एनजीओ और ट्रस्टों को लेकर नियमों में आयकर विभाग ने व्यापक बदलाव किया है। इन सभी निजी संस्थानों पर चौकसी सख्त कर दी गई है। अब इन्हें प्रत्येक वर्ष सभी स्रोत और इनसे प्राप्त होने वाली राशि का विस्तृत लेखा-जोखा देना होगा। कितने पैसे मिले, कितने खर्च हुए और अगर कोई राशि बची हुई है, तो वह कब तक खर्च होगी। इसकी पूरी जानकारी एक अलग फॉर्म 9(ए)-10 में विस्तार से भरकर देनी होगी।

चौथे तल्ले से कूदी छात्रा को लपका लेकिन बची नहीं

भास्कर ने खबर दी है: डिप्रेशन में छात्रा चौथे तल्ले से कूदी तो नीचे युवक ने लपका पर नहीं बची जान। इंटर की परीक्षा में क्रॉस लगने से डिप्रेशन में आई छात्रा अपने अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से कूद गई। नीचे मौजूद एक युवक ने उसे लपक लिया लेकिन छात्रा को चोट लगने के कारण परिवार वाले अस्पताल ले गए। देर शाम छात्रा की मौत हो गई। घटना शनिवार शाम पटना के बुद्ध मोदी कॉलोनी थाना के नागेश्वर कॉलोनी स्थित जय रेजिडेंसी की है।

मोदी के खिलाफ पोस्ट पर गिरफ्तारी

यह खबर पटना के हिंदी अखबारों में नहीं है लेकिन टाइम्स आफ इंडिया ने पहले पेज पर सूचना दी है कि मुजफ्फरपुर जिले में कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ सोशल मीडिया में पोस्ट दर्ज करने पर एक युवक मोहम्मद आकिब को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह मुजफ्फरपुर के सकरा थाने के दर्द गांव का निवासी बताया गया है। गिरफ्तारी शुक्रवार की शाम को हुई।

कुछ और सुर्खियां

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 को गया और 20 को मोतिहारी आएंगी
  • 69 वीं बीपीएससी पीटी में 73% उपस्थिति, परिणाम दिसंबर-जनवरी में
  • दरोगा के 1275 पदों के लिए 5 अक्टूबर से लिए जाएंगे आवेदन एप्लीकेशन दरखास्त
  • 7 अक्टूबर तक वापस किए जा सकेंगे ₹2000 के नोट
  • भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की एंजियोप्लास्टी सफल

अनछ्पी: अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद दिल्ली स्थित अफगान दूतावास ने पुरानी सत्ता यानी अफगानिस्तान छोड़ कर भाग गए राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रति वफादारी दिखा रही थी। इस समय अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है लेकिन हकीकत यह है कि काबुल में सत्ता उसी के हाथ में है। अफगानिस्तान के तत्कालीन राजदूत कुछ महीनों तक तो स्वतंत्र रूप से काम करते रहे लेकिन धीरे-धीरे उनका प्रभाव कम होने लगा और भारत ने भी उनमें दिलचस्पी कम कर दी। इस बीच भारत ने अफगानिस्तान से एक काम चलाऊ रिश्ता भी बना लिया जो तालिबान के सत्ता के साथ समन्वय की एक कोशिश मानी जा रही थी। ऐसे में अशरफ गनी के प्रति वफादारी दिखाने वाले दूतावास के कर्मियों के लिए लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल हो चुका था। नए हालात का अंदाजा होने के बाद अफगान दूतावास के कर्मी पश्चिमी देशों में शरण लेने लगे थे। एक तरह से अफगानिस्तान का दूतावास पिछले कई महीनो से निष्क्रिय था। यह देखना रोचक होगा कि भारत अब अफगानिस्तान की दिल्ली में उपस्थित को किस रूप में देखना पसन्द करेगा। यह बात सबको पता है कि चीन की अफगानिस्तान में काफी दिलचस्पी है और तालिबान शासन से उसके संबंध बेहतर बताए जा रहे हैं। इस दौरान तालिबान के सरकार में रहते अफगानिस्तान की करेंसी की मजबूत होने की खबर भी आई है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस समय कनाडा और ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों द्वारा की गई कार्रवाइयों में उलझे हुए हैं। इसलिए विदेश मंत्रालय की ओर से फिलहाल अफगानिस्तान के बारे में कोई वक्तव्य सामने नहीं आ रहा है। इस स्थिति का लाभ तालिबान सरकार को हो सकता है और आने वाले दिनों में यह भी देखने को मिल सकता है कि भारत और तालिबान सरकार में बेहतर समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जाए। अफगानिस्तान में चीन का प्रभाव कम करना भारत के हित में है और इसलिए इस दिशा में विचार करना जरूरी मालूम होता है।

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