छ्पी-अनछपी: विपक्षी दलों का पूरे देश में प्रदर्शन, कर्नाटक में हिजाब बैन हटा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सांसदों के निलंबन के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष के प्रदर्शन को जागरण ने पहली खबर की जगह दी है। कर्नाटक में हिजाब बैन हटाने की खबर को इतनी तवज्जो नहीं मिली है लेकिन एक जमाने में इस पर काफी विवाद हुआ था।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: विपक्षी दलों का देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन। इंडिया गठबंधन ने संसद के शीत सत्र के दौरान विपक्ष के 146 सांसदों के निलंबन के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर लोकतंत्र एवं संविधान को कुचलने का आरोप लगाया और जनता से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की। राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर विपक्षी गठबंधन के पहले देशव्यापी संयुक्त विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘इंडिया’ के सभी दल इसलिए इकट्ठा हुए हैं क्योंकि भाजपा शासन में लोकतंत्र खतरे में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र एवं संविधान को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी ली है। इधर बिहार में भी जदयू, राजद, कांग्रेस व वाम दल के नेता कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। जिला मुख्यालय में विरोध मार्च निकाला गया।

केसी त्यागी का सवाल

जागरण ने एक लंबी हेडलाइन दी है: मुंबई बैठक में तय हुआ था कि नेता के रूप में किसी का नाम आगे नहीं किया जाएगा, सब सामूहिक रूप से लड़ेंगे, फिर ममता ने खड़गे का नाम क्यों प्रस्तावित किया: त्यागी। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि आखिर ममता बनर्जी ने इंडिया की दिल्ली बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम क्यों प्रस्तावित किया? यह एकजुटता के खिलाफ बात है। मुंबई बैठक में तय हुआ था कि नेता के रूप में किसी का नाम आगे नहीं किया जाएगा। दिल्ली की मीटिंग के से एक दिन पहले ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद कहा था कि गठबंधन का कोई भी चेहरा नहीं होगा। सब सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर लड़ेंगे। फिर उन्होंने ऐसा क्यों और कैसे किया। जब सारे लोग इतने बड़े काम में इतनी बड़ी शक्ति से लगे हो तो सबको संगठित होकर पारदर्शी तरीके से काम करना चाहिए।

हिजाब बैन हटा

हिन्दुस्तान के अमुसार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध शनिवार से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कपड़ों और भोजन का चुनाव का अधिकार व्यक्तिगत है और इसमें हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। जिले के नंजनगुड में तीन थानों के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी वोट बैंक की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। भाजपा पर निशाना साधते हुए सिद्धरमैया ने कहा, वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं लेकिन टोपी, बुर्का पहनने वालों और दाढ़ी रखने वालों को दरकिनार कर देते हैं।

दूसरे फेज की शिक्षक भर्ती का रिजल्ट शुरू

बीपीएससी द्वारा शिक्षक भर्ती के दूसरे फ़ेज का रिजल्ट निकाले जाने की खबर को हिन्दुस्तान, प्रभात खबर व भास्कर ने प्रमुखता दी है। दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति के रिजल्ट का प्रकाशन बीपीएससी ने शुक्रवार रात से शुरू कर दिया। पहले दिन तीन रिजल्ट आए। सबसे पहले हेडमास्टर का रिजल्ट आया। उसके बाद संगीत या कला शिक्षकों का रिजल्ट आया। इसके बाद छठी से आठवीं कक्षा के विज्ञान और गणित के अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित किया गया। इसमें11 हजार 359 का अभ्यर्थी सफल रहे।

पुलिस जांच के लिए अधिकतम 75 दिन

बिहार पुलिस मिशन @जांच 75 दिन पहली जनवरी 2024 से शुरू करेगी। नए साल में सभी दर्ज किए गए आपराधिक कांडों का अनुसंधान 75 दिनों में पूरा होगा। बिहार पुलिस में वर्ष 2024 में पुलिसिंग में आधारभूत परिवर्तन को लेकर कुल 10 ऐसे बदलाव लाये जाएंगे। इन बदलावों को भी जनवरी में अलग-अलग तिथियों को लागू किया जाएगा। 75 दिनों में अनुसंधान पूरा करने के लक्ष्य को लेकर जिलावार और थानावार कांडों के अनुसंधान की समीक्षा कर मासिक रैंकिंग की जाएगी। शुक्रवार को यह जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जेएस गंगवार ने दी।

बजरंग पुनिया ने लौटाया पद्मश्री अवार्ड

भास्कर के अनुसार बृजभूषण खेमे के संजय सिंह को कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने शुक्रवार को पद्मश्री सम्मान लौटा दिया। ध्यान रहे कि महिला पहलवान भारतीय जनता पार्टी के सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगा चुकी हैं। बजरंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस का ऐलान किया। उन्होंने लिखा कि क्या करें? कहां जाएं? अब इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकते। फिर पीएम आवास पर पहुंचे। उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। बजरंग वहीं फुटपाथ पर अवार्ड रखकर लौट गए। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ओलंपिक विजेता पहलवानों से मुलाकात कर न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया। प्रियंका गांधी, साक्षी मलिक के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ मुलाकात की।

कुछ और सुर्खियां

  • औरंगाबाद में 554 केन आईईडी और 16000 डेटोनेटर बरामद
  • उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समन के बाद भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए
  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैकरों होंगे गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि
  • 146 सांसदों के निलंबन से 60% लोगों का बंद किया गया मुंह: राहुल
  • मशहूर चित्रकार और कवि इमरोज़ का मुंबई में निधन
  • उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड जनवरी से लागू करने की तैयारी

अनछपी: साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया भारत के उन पहलवानों में शामिल है जिन्होंने देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है लेकिन आज वह खुद परेशान हैं। उनकी परेशानी का कारण है यह कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष का दबदबा कम नहीं हुआ है। यह बात याद दिलाने की है कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और अब उनके ही करीबी माने जाने वाले संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाया गया है। पॉलिटिक्स के साथ-साथ स्पोर्ट्स पर कब्जा करने की राजनेताओं की पुरानी आदत रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह इस समय भारतीय क्रिकेट के सर्वे सर्वा बने हुए हैं। लेकिन जैसा आरोप बृजभूषण शरण सिंह पर लगा और जिस तरह अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती, उसकी मिसाल नहीं मिलती। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने इसके विरोध में कुश्ती से संन्यास लेने की बात कही है तो बजरंग पुनिया ने पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की है। दुनिया की सबसे बड़ी और मजबूत माने जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ ऐसी क्या मजबूरी है कि वह बृजभूषण शरण सिंह पर किसी कार्रवाई के लिए तैयार नहीं है? राज्यसभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी इसे जाट अस्मिता का मुद्दा बननाती है लेकिन जाट समुदाय से आने वाले इन पहलवानों के बारे में उसकी संवेदनशीलता खत्म हो जाती है। खुद जगदीप धनखड़ ने अपनी मिमिक्री को जाट अस्मिता का मुद्दा बनाया था लेकिन अब उनसे यह सवाल पूछा जा रहा है कि जाट पहलवानों की अस्मिता के बारे में वह क्यों नहीं बोल रहे। विपक्षी नेता प्रियंका गांधी ने दोनों पहलवानों से मुलाकात कर उनका साथ देने का भरोसा दिलाया है। जरूरत इस बात की है कि भारतीय जनता पार्टी के इस रूप को जनता के सामने लाया जाए और यह बताया जाए कि खिलाड़ियों के साथ उसके एक सांसद के इतने खराब रवैया के बावजूद उसने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। भारतीय जनता पार्टी यह कहकर पिंड छुड़ान जा सकती है कि कानून अपना काम करेगा लेकिन उनसे यह पूछा जा सकता है कि पार्टी स्तर पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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