छपी-अनछपी: ट्रंप जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे, गुज़ारा भत्ता पर पर्सनल लॉ बोर्ड को आपत्ति
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ है जिसमें वह बाल बाल बचे हैं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए गुज़ारा भत्ता के फ़ैसले पर आपत्ति जताई है। बिहार के राजस्व मंत्री ने माना है कि उनके विभाग में बहुत भ्रष्टाचार है। किशनगंज में एक स्कॉर्पियो और ट्रक की टक्कर में 5 लोगों की मौत हो गई।
आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।
जागरण, भास्कर और प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला है। जागरण के अनुसार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वानिया प्रांत के बटलर शहर में आयोजित एक चुनावी रैली में शनिवार शाम को जानलेवा हमला किया गया। उन पर गोलियां बरसाई गईं। एक गोली उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को ज़ख़्मी करती हुई निकल गई। अमेरिका की सीक्रेट सर्विस ने संदिग्ध हमलावर 20 साल के मैथ्यू क्रुक्स को मार गिराया। दो दिन के बाद डोनाल्ड ट्रंप को औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया जाना है। ट्रंप पर 140 मीटर दूर स्थित एक इमारत के ऊपर से गोलियां चलाई गईं। अमेरिका में अब्राहम लिंकन समेत चार राष्ट्रपतियों की हत्या हो चुकी है और कई राष्ट्रपतियों एवं पूर्व राष्ट्रपतियों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। इस बीच ट्रंप ने तुरंत कार्रवाई एवं जान बचाने के लिए अमेरिका की सीक्रेट सर्विस का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को आपत्ति
हिन्दुस्तान के अनुसाए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को पति से गुजारा भत्ता दिलाने के आदेश पर ऐतराज जताया। रविवार को हुई बोर्ड बैठक में इस संबंध में पेश किए गए प्रस्तावों पर सहमति जताई गई। साथ ही उत्तराखंड के यूसीसी कानून को कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट के तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दायर कर अपने पति से भरण पोषण के लिए भत्ता मांगने के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ऐतराज जताया है। बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, कोर्ट का फैसला शरिया कानून के अनुरूप नहीं है, मुसलमान शरिया कानून का पाबंद है।
राजस्व मंत्री ने माना- विभाग में बहुत भ्रष्टाचार
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने स्वीकारा कि अंचल स्तरीय कार्यालयों में दाखिल-खारिज समेत जमीन से जुड़े अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा, “राजस्व कर्मचारी और उनके नीचे स्तर के मुंशी और दलालों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर स्थिति को गंभीर बना दिया है। गरीब लोगों के भी कोई काम बिना पैसा लिये नहीं हो रहे। अंचल स्तर पर हो रहे इस भ्रष्टाचार से विभाग की बदनामी हो रही है।” मंत्री ने रविवार को शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में अपर समाहर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सभी एडीएम से सवाल किया कि क्या हम भ्रष्टाचार के इस दाग से मुक्त हो सकते हैं?
सड़क हादसे में पांच की मौत
किशनगंज जिले के पौआखाली में एनएच 327 ई पर भेलागुड़ी-पेटभरी के बीच रविवार को एक तेज रफ्तार ट्रक और स्कॉर्पियो की आमने-सामने की टक्कर हो गई। इस भीषण हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। दो गंभीर घायलों को सिलीगुड़ी और पूर्णिया रेफर किया गया है। सभी मृतक अररिया जिले के जोकीहाट थाना के थपकोल के रहने वाले हैं। मृतकों में गुलशन आरा (27 वर्ष), मोहम्मद अयान (8 वर्ष), चालक इरशाद (30 वर्ष), मोहम्मद अफान (5 वर्ष), गुड़िया (8 वर्ष) शामिल हैं।
स्पेन ने जीता यूरो कप
स्पेन ने इंग्लैंड को 2-1 से हराकर चौथी बार यूरो कप फुटबॉल प्रतियोगिता जीत ली है। प्रभात खबर के अनुसार दोनों टीमें पहले हाफ में 0-0 से बराबरी पर थीं। स्पेन के निको विलियम्स ने मैच के 47वें मिनट में गोल-दाग कर अपनी टीम को बढ़त दिला दी। लेकिन 73वें मिनट में इंग्लैंड के कोल पामर ने गोल कर मैच को एक-एक से बराबर कर दिया था। 86वें मिनट में स्पेन के मिकेल ओयारजाबल ने गोल कर स्पेन को निर्णायक बढ़त दिला दी। इसके पहले स्पेन की टीम अंतिम बार 2012 में यूरो कप खिताब जीती थी। इसके अलावा उसने 1964 और 2008 में भी यूरोप का खिताब जीता था।
केपी ओली नेपाल के प्रधानमंत्री
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने रविवार को कोपी शर्मा ओली को नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट और नेपाली कांग्रेस गठबंधन सरकार का नया पीएम नियुक्त किया। यह चौथी बार है जब ओली को पीएम नियुक्त किया गया है। उन्होंने प्रचंड की जगह ली है, जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए थे।
कुछ और सुर्खियां
- मणिपुर में उग्रवादियों के हमले में मधुबनी के सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा की जान गई
- 46 वर्ष बाद ताले तोड़ खोला गया पुरी (ओडिशा) के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार
- झारखंड में जदयू के साथ चुनावी समझौता करेगी सरयू राय की पार्टी
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 करोड़ फॉलोअर्स
- इनामी नक्सली बिहारीजी औरंगाबाद से गिरफ्तार
- पीएम उषा योजना के तहत 19 कॉलेजों के लिए मिले 600 करोड़ रुपए
- गड़बड़ी वाली कार सप्लाई करने पर सुप्रीम कोर्ट ने बीएमडब्लू पर लगाया 50 लख रुपए का जुर्माना
अनछपी: इस्लामी कैलेंडर के पहले म्हलीने मुहर्रम महीने की दसवीं तारीख को आमतौर पर मुहर्रम के नाम से जाना जाता है और इस मौके पर इस बार केवल पटना जिले में विधि व्यवस्था के लिए 353 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात रहेंगे। पटना की तरह ही दूसरे जिलों में भी बड़े पैमाने पर ‘मुहर्रम के दिन’ अधिकारियों और पुलिस की तैनाती करनी पड़ती है। इसके बारे में दी गई खबरों में कहा गया कि संवेदनशील स्थानों पर विशेष चौकसी बरती जाएगी और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बाइकर्स गैंग पर नजर रखते हुए सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। ‘मुहर्रम का त्योहार’ इस साल 17 जुलाई को मनाया जाएगा। मुहर्रम के बारे में मुस्लिम धर्मगुरुओं की नसीहत और आम लोगों के व्यवहार में काफी अंतर पाया जाता है। जो लोग मुहर्रम के नाम पर जुलूस निकालते हैं वह इसे वैसे तो गम का त्योहार बताते हैं लेकिन सोचने की बात यह है कि इस गम के त्योहार में भी इतने बड़े पैमाने पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों और पुलिस की तैनाती करनी पड़ती है। यह बात मुस्लिम धर्म गुरुओं और मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है कि मुहर्रम के जुलूस में भी बाइकर्स गैंग की चर्चा होती है। सच्चाई यह है कि मुहर्रम के दिन मुस्लिम धर्मगुरु और मुस्लिम बुद्धिजीवी अपने घरों में कैद रहते हैं लेकिन बहुत बड़ी संख्या ऐसी है जो सड़कों पर झंडों के साथ जुलूस निकालने के लिए आगे आगे रहती है। हालांकि मुहर्रम से पहले कई बार ऐसी बातों से बचने की नसीहत की जाती है जिनसे इस्लाम का कोई लेना देना नहीं रहता बल्कि अक्सर बातें इस्लाम के खिलाफ ही होती हैं। वैसे तो इस्लाम में दो ही त्योहार की चर्चा है- ईद और बकरीद लेकिन लोग मुहर्रम को भी त्यौहार बन चुके हैं। कई बार जुलूस में शामिल लोग हुड़दंग भी करते हैं। इसके अलावा झंडों की वजह से बिजली काटनी पड़ती है और सड़कें भी जुलूस से जाम हो जाती हैं या बंद की जाती हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो एक बिल्कुल ग़ैर ज़रूरी वजह से आम लोग परेशान होते हैं और पुलिस-प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मुस्लिम समाज अगर ऐसे जुलूस से बचे तो समाज और सरकार के लिए बेहतरीन मिसाल पेश हो सकती है। इसके लिए महर्रम के पहले लंबे समय तक लोगों से संवाद करने की जरूरत है।
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