छ्पी-अनछ्पी: दानापुर कोर्ट कैंपस में कुख्यात का मर्डर, संसद की सुरक्षा में सेंध पर दोनों सदन ठप
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राजधानी पटना से सटे दानापुर की एक अदालत के कैंपस में एक कुख्यात की दिनदहाड़े हत्या किए जाने की खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने पर हंगामा जारी है। इसकी खबर भी महत्वपूर्ण है। नवादा में गंगाजल पहुंचने की खबर को भी तवज्जो मिली है।
हिन्दुस्तान और भास्कर की सबसे बड़ी खबर दानापुर कोर्ट परिसर में पेशी के लिए लाए गए कुख्यात एक अपराधी की हत्या है। बेउर जेल से शुक्रवार को दानापुर कोर्ट पेशी पर आए कुख्यात अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार को शूटरों ने गोलियों से भून दिया। उसके सिर और चेहरे पर छह गोलियां लगीं। सिपाही उसे एडीजी-3 के यहां पेश करने जा रहे थे। इसी दौरान हाजत से करीब 50 मीटर दूर शूटर उस पर गोलियां बरसाने लगे। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर समरजीत और तहसीन जलाल भागने लगे जिन्हें पकड़ लिया गया। दोनों हमलावर मुजफ्फरपुर के भगवानपुर के रहने वाले हैं जबकि कुख्यात छोटे सरकार बिहटा थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव का रहने वाला था। अभिषेक उर्फ छोटे और उसके भाई राहुल कुमार को पिछले साल 3 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसके भाई को जमानत मिल गई थी। पुलिस के अनुसार छोटे सरकार पर कुल 16 केस दर्ज हैं। इसमें हत्या के ही आठ मामले हैं।
संसद की सुरक्षा में सेंध पर हंगामा
संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर शुक्रवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चलने दी। इसके बाद दोनों सदन एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दिए गए। दूसरी तरफ, विपक्ष के निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। संसद भवन के मकर द्वार पर इन सांसदों के साथ विपक्ष के प्रमुख नेता भी शामिल रहे।
मास्टरमाइंड ललित झा से पूछताछ
प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: संसद की सुरक्षा में सेंध का साजिशकर्ता ललित झा दरभंगा का, हो रही पूछताछ। पुलिस ने अब तक की तहकीकात का हवाला देते हुए दावा किया है कि बुधवार को संसद की सुरक्षा में सेंध की हुई घटना का मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा है। इधर, काउंटर इंटेलीजेंस दल यह पता लगाने के लिए उससे अभी यह पूछताछ कर रहा है कि उसे किसी व्यक्ति या संगठन ने तो निर्देश नहीं दिया था। दरअसल आरोपियों ने जिस तरह से योजना बनाई और घटना से पहले रेकी करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया उसे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह है। ललित झा मूलत दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड के रामपुर उदय का रहने वाला है। वह पेशे से शिक्षक है और एक एनजीओ से जुड़ा हुआ है।
गंगाजल नवादा में
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: राजगीर व गया के बाद अब नवादा भी पहुंचा गंगाजल। हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है नवादा के हर घर में गंगाजल पहुंचा, सीएम ने की शुरुआत। जागरण की पहली खबर है: नवादा के 13965 घरों में पहुंच गंगाजल। जागरण लिखता है कि पौरा नवादा जिले के वारिसलीगंज के पास एक छोटा सा गांव है। इस छोटे से गांव में शुक्रवार की सुबह 11:34 बजे इतिहास रचा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वहां बने छोटे से स्विस कॉटेज से निकले, सामने लगे बटन को दबाया और फिर नवादा शहर के 17 वार्डों के 13695 घरों के आंगन में पाइप के जरिए गंगाजल पहुंच गया।
भाजपा विधायक को रेप के जुर्म में 25 साल कैद
उत्तरप्रदेश के सोनभद्र से हिन्दुस्तान ने लिखा है कि एमपी/एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा विधायक राम दुलार गोंड़ को 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दस लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। राशि पीड़िता को पुनर्वास के लिए दिए जाने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था। चार नवंबर 2014 को राम दुलार गोंड़ के खिलाफ म्योरपुर थाने में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस बीच 2022 में गोंड़ दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुन लिए गए। इसके बाद मामला एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।
महिला जज की चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
उत्तर प्रदेश की एक महिला जज की चिट्ठी पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने महिला जज द्वारा उन्हें लिखे गए खुले पत्र पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय प्रशासन से मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। बांदा जिले में तैनात महिला जज ने पत्र में एक जिला न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और अपना जीवन ‘सम्मानजनक तरीके से‘ समाप्त करने की अनुमति मांगी है।
ईरान जाने के लिए वीज़ा ज़रूरी नहीं
हिन्दुस्तान ने खबर दी है कि ईरान ने ऐलान किया कि उसने भारत समेत 33 देशों के लोगों के लिए वीजा बाध्यता खत्म कर दी है। सरकार ने ये कदम पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। ईरान के संस्कृति मंत्री, पर्यटन और हस्तशिल्प मंत्री एजातुल्ला जारगामी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके इस कदम से उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा विदेशी नागरिक ईरान घूमने आ सकेंगे। पर्यटन की दिशा में उठाया गया ये एक अहम कदम है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। ईरान ने जिन 33 देशों को छूट दी है, उसमें भारत, रूस, उज्बेकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, कतर, लेबनान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, कुवैत, ताजिकिस्तान आदि शामिल हैं।
कुछ और सुर्खियां
- पटना से सटे धनरूआ में पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ़ इंडिया के खिलाफ एनआईए की छापेमारी, हथियार ज़ब्त
- भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
- एसबीआई से कर्ज लेने वालों की बढ़ेगी ईएमआई
- बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा पहुंचे गया, 20 जनवरी तक रहेंगे यहां
- मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे के हाई कोर्ट के आदेश को रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
अनछ्पी: भारतीय संस्कृति और संस्कार का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के दुद्धी विधानसभा से विधायक राम दुलार गोंड़ को एक नाबालिक के साथ रेप के मामले में 25 साल कैद की सजा सुनाई गई है लेकिन अखबारों और मीडिया में इसकी चर्चा बहुत कम है। मीडिया का दोहरा चरित्र अक्सर सवालों में आता है और आज फिर यह सवाल उठता है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी के विधायक को जब रेप मामले में सजा दी गई तो उसकी चर्चा कम क्यों है। ध्यान देने की बात यह है कि राम दुलार पर रेप का आरोप 2014 में लगा था और इसके बावजूद उसे विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट भारतीय जनता पार्टी ने दिया। भारतीय जनता पार्टी की जीत की तो बहुत चर्चा होती है लेकिन ऐसे दागी उम्मीदवारों को टिकट देने पर बहस कम ही होती है। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि राम दुलार ने केस हटाने के लिए बहुत दबाव डाला। यही नहीं राम दुलार ने पीड़िता के भाई के खिलाफ फर्जी केस भी दर्ज करवाया। दबाव के अलावा राम दुलार ने 20-25 लाख रुपये का लालच देने की भी कोशिश की। पीड़ित परिवार के हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि सत्ताधारी दल के विधायक के खिलाफ भी वह डटा रहा और उसे रेपिस्ट विधायक को सजा दिलवाने में कामयाबी मिली। दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के लिए राम दुलार का आपराधिक इतिहास महत्वपूर्ण नहीं रहा बल्कि उसने यह देखा कि उसे आसानी से जीत मिल सकती है। ऐसा नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जो गंभीर अपराध के आरोपी को टिकट देती है लेकिन यह बात महत्वपूर्ण है कि सबसे ज्यादा संस्कार की बात यही पार्टी करती है। मीडिया में भी भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की बहुत चर्चा होती है लेकिन अब जबकि उसके एक विधायक को रेप का दोषी पाकर सजा दी गई है तो वह इस मामले को दबाकर बैठा है। भाजपा और मीडिया केस दोहरे चरित्र पर लगातार नजर बनाए रखने की जरूरत है।
1,508 total views