छपी-अनछपी: यूनिफॉर्म सिविल कोड से आरएसएस को भी चिंता, दिल्ली में भारी बारिश से स्कूल बंद
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत करते रहे हैं लेकिन अब आरएसएस से जुड़े वनवासी कल्याण आश्रम ने इस पर चिंता जाहिर की है। इसकी एक छोटी सी खबर जागरण में छपी है। उत्तर भारत में भारी बारिश और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पैदा होने से स्कूल बंद होने की खबर भी पहले पेज पर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का राष्ट्रीय संयोजक बनाने की तैयारी की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।
जागरण की खबर है: जनजाति समाज की प्रथा और परंपराओं को समझे विधि आयोग। रांची से लिखी इस खबर में बताया गया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर नागरिकों की राय जानने के विधि आयोग के प्रयासों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन वनवासी कल्याण आश्रम ने जनजाति समाज की चिंता जाहिर की है। कल्याण आश्रम में विधि आयोग से आग्रह किया है कि वह रिपोर्ट सौंपने की जल्दबाजी ना करे। इससे पहले जनजाति समाज की परंपराओं, जीवन शैली और प्रथाओं को समझे। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में इंटरनेट पर कई तरह की बातें चल रही हैं जिससे लोग भ्रमित भी हो रहे हैं। आदिवासियों के लिए काम करने वाला जनजाति सुरक्षा मंच जनजाति समाज को समान नागरिक संहिता से बाहर रखने के पक्ष में है।
गोलवलकर पर टिप्पणी, दिग्विजय पर केस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध इंदौर, राजगढ़ और गुना में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। उन पर आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीर के साथ अनर्गल ट्वीट करने का आरोप है। इंदौर में हाईकोर्ट के वकील राजेश जोशी ने शिकायत दर्ज करवा कर कहा है कि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से आरएसएस की छवि धूमिल की और धार्मिक भावनाएं भड़काईं हैं।
उत्तर भारत में भारी बारिश, कई मरे
दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में बारिश कहर बरपा रही है। दिल्ली में रविवार को 41 वर्ष बाद जुलाई माह में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। एनसीआर-दिल्ली में सोमवार को स्कूल बंद कर दिए गए हैं। उधर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम और पंजाब में भी जोरदार बारिश की वजह से हालात अस्त-व्यस्त हो गए। जमीन धंसने और बारिश से जुड़ी घटनाओं में समूचे उत्तर भारत में कम से कम 29 लोगों की मौत की खबर है।
नीतीश को संयोजक बनाने की तैयारी
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश कुमार को राष्ट्रीय संयोजक बनाने की तैयारी। बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक में कुछ बड़े फैसले के कयास लगाए जा रहे हैं। खासकर विपक्षी दलों के बनने वाले गठबंधन में संयोजक नीतीश कुमार को बनाया जा सकता है। वहीं, एनसीपी नेता शरद पवार को दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले होनेवाली विपक्षी दलों की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जा सकता है। जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उम्मीद है कि बेंगलुरु बैठक के बाद इसका ऐलान कर दिया जाएगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भास्कर की सबसे बड़ी खबर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में है। एनईपी में कक्षा 3 से बारहवीं तक के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) तैयार हो गया है। इसके प्रकाशन की तैयारी चल रही है। एनईपी 2020 घोषित होने की तीसरी वर्षगांठ 29 जुलाई या उससे पहले एनसीएफ सामने आ सकता है। सभी 10 कक्षाओं की नई किताबें तैयार करने के लिए भी विषय विशेषज्ञों की पहचान कर ली गई है। कक्षा 3 से 12 तक के लिए स्कूली शिक्षा में अब करीब 150 विषयों की किताबें बनाई जाएंगी। तैयारी है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरुआती महीनों में नई एनईपी के हिसाब से कक्षा 3-6 और 9 की पहली किताबें सामने आ जाएं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के 500 दिन
रूस-यूक्रेन युद्ध के 500 दिन पूरे हो गए हैं। हालांकि, अभी तक दोनों देशों में से किसी ने भी हार नहीं मानी है और युद्ध जारी है। रविवार को इस मौके पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने स्नेक आइलैंड का दौरा कर इसे जीत का स्थल बताया। युद्ध की शुरुआत में, स्नेक द्वीप की रक्षा करने वाले यूक्रेनी सैनिकों ने एक रूसी युद्धपोत के समाने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था। रूसी सेना ने हमला कर यूक्रेनी सैनिकों को बंधक बना लिया था।
कुछ और सुर्खियां
- बिहार विधान मंडल का 5 दिन का मानसून सत्र आज से
- स्कूलों में शिक्षकों के व्हाट्सएप चैट पर रोक
- चिराग पासवान फिर भाजपा के हनुमान बनेंगे, एनडीए के साथ गठबंधन का फैसला
- महागठबंधन पूरी तरह एकजुट, अफवाह फैला रही भाजपा: तेजस्वी यादव
- फ़ौकानिया और मौलवी की परीक्षा आज से, दोनों में 95081 परीक्षार्थी
- बिहटा में ज़मीन कारोबारी की हत्या, घर के पास ही मारीं 7 गोलियां
अनछपी: जैसे-जैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस आगे बढ़ रही है, हर वर्ग अपनी चिंता जाहिर कर रहा है। सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी का वह बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने आदिवासियों को विशेषकर नॉर्थ ईस्ट के जनजातीय समूहों को यूनिफॉर्म सिविल कोड से बाहर रखने की बात कही थी। श्री मोदी संसद की कानून से संबंधित समिति के अध्यक्ष भी हैं। इसी तरह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी सिखों को समान नागरिक संहिता से रियायत देने की बात कही थी। इस कड़ी में रोचक बात यह है कि जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समान नागरिक संहिता की भारी वकालत करता है, अब उससे जुड़े संगठन वनवासी कल्याण आश्रम ने ही इसको लेकर चिंता व्यक्त की है। मुस्लिम संगठन तो शुरु से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दे रहे हैं। एक ताजा इंटरव्यू में राजस्थान के प्रमुख कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि लोगों के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की यह गूगली फेंकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि विधि आयोग किसकी बात सुनेगा और क्या वह सिर्फ दबाव के आगे फैसले लेगा? ध्यान रहे कि पिछले विधि आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू नहीं करने के बारे में फैसला दिया था। सवाल यह है कि अगर एक-एक कर हर समूह को यूनिफॉर्म सिविल कोड से रियायत दी जाती है तो क्या यह सिर्फ एक चुनावी नारा बनकर रह जाएगा और जैसा कि आरोपी लगता है, मुसलमानों को टारगेट करने के लिए की जा रही कोशिश मानी जाएगी? सरकार से जुड़े लोग ही जब कई समूहों को यूनिफॉर्म सिविल कोड से अलग रखने की वकालत कर रहे हैं तो यह आखिर किसके लिए बनाया जाएगा? ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा नेताओं का बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात करना ध्रुवीकरण का ही एक प्रयास माना जाएगा।
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