पूरे बिहार में लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार के सवाल पर दिख रहा है छात्र-युवा उभार : भाकपा-माले
जय प्रकाश नारायण जी (जेपी) का आज 118वां जन्मदिन है. यह अवसर उन्हें सम्मानित करने व श्रद्धाजंलि अर्पित करने का है. जेपी तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की आवाज रहे हैं. आज पूरा देश संघ-भाजपा द्वारा अघोषित रूप से थोपी हुई तानाशाही से जूझ रहा है. लिहाजा तानाशाही के खिलाफ इस लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इंदिरा तानाशाही के खिलाफ जेपी की लड़ाई इसी बिहार की धरती से शुरू हुई थी और अंतिम मुकाम तक पहुंची थी. उन्होंने छात्र-युवाओं की लड़ाई का नेतृत्व किया था. इस चुनाव में बिहार के छात्र-युवाओं ने इस भाजपाई तानाशाही को मिटाने का संकल्प लिया है. उक्त बातें 11 अक्टूबर को पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए भाकपा-माले की पोलित ब्यूरो की सदस्य और ऐपवा की चर्चित महिला नेत्री कविता कृष्णन ने कही.
पालीगंज से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले के उम्मीदवार संदीप सौरभ ने कहा कि बिहार चुनाव में लोकतंत्र, शिक्षा और रोजगार के सवाल पर छात्र-युवाओं की जबरदस्त गोलबन्दी शुरू हो चुकी है. बिहार का चुनाव दरअसल तानाशाही बनाम लोकतंत्र की लड़ाई है। इसलिए बिहार के चुनाव को पूरा देश आशाभरी निगाह से देख रहा है. नीतीश कुमार ने जेपी के विचारों और विरासत से विश्वासघात किया है. दरअसल उस विरासत को आज बिहार के छात्र-युवा आगे बढ़ा रहे हैं.
दीघा से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले उम्मीदवार शशि यादव ने कहा कि जेपी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का मतलब चुनाव में भाजपा की निर्णायक हार की गारंटी करना है. तानाशाही के खिलाफ संघर्ष के नायक, लोकनायक को क्रांतिकारी सलाम!
आइसा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्य्क्ष और जेएनयूएसयू के पूर्व अध्य्क्ष एन साईं बाला जी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पूरा भारत आज बिहार पर निगाहें जमाये हुए है. न केवल बिहार को बल्कि पूरे देश को उम्मीद है कि इस चुनाव में बिहार की जनता एनडीए को करारी शिकस्त देगी और तानाशाही के खिलाफ एक मजबूत सन्देश देगी.
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