कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की सरकार करेगी ‘परवरिश’, हर माह मिलेेंगे 2000 रुपये

 

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
बिहार में जिन बच्चों के मां-बाप दोनों की मौत कोविड महामारी से हुई है उन्हें राज्य सरकार की परवरिश योजना से मदद देगी। इसके तहत पालक परिवार को उस बच्चे के लिए हर माह दो हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है। यह मदद पीड़ित बच्चे के 21 साल होने तक दी जाती है।
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने शनिवार को बताया कि कोरोना के कारण जितने बच्चे अनाथ हुए हैं, उन्हें तत्काल परवरिश योजना से जोड़ा जाएगा। अब तक 14200 से अधिक अनाथ, बेसहारा एवं परित्यक्त बच्चों को परवरिश योजना से जोड़ा जा चुका है।
श्री प्रसाद ने यह जानकारी मुख्य अतिथि समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी की मौजूदगी में यूनिसेफ द्वारा इस परियोजना के तहत के लिए बनाये गये दस्तावेजों केे ऑनलाइन विमोचन समारोह में दी। इन दस्तावेजों में पालक परिवार के लिए बच्चों की देखरेख से सम्बंधित हैंडबुक, बाल गृहों के लिए कोविड पर जानकारी से जुड़े पोस्टर्स एवं बच्चों के लिए कोविड से जुड़े अनुभव पर आधारित एक्टिविटी बुक शामिल हैं।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि अभी कोरोना काल में परिवार आधारित देखभाल पर काम करना जरूरी है। मुझे यकीन है कि यह सामग्री कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के सन्दर्भ में प्रासंगिक होगा। विभाग के स्तर पर चलायी जा रही परवरिश योजना में भी बदलाव किया जा रहा है ताकि ऐसे बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सके जिन्होंने कोरोना के कारण अपने पिता को खो दिया है। उन्होंने बताया कि सड़क पर जीवन यापन करने वाले ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जाएगा जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है, उन्हें बवअपक का टीका दिलाने की व्यवस्था की जाएगी।

इस अवसर पर यूनिसेफ की बिहार प्रमुख नफीसा बिन्ते शफीक ने कहा कि बिहार ने परिवार आधारित देखभाल पर जो मॉडल बनाया है, वो अनुकरणीय है। बाल गृहों में रहने वाले बच्चों में बड़ी संख्या दिव्यांग बच्चों की है, जिसपर कार्य करने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र ने 2019 को वैकल्पिक देखभाल के वर्ष के रूप में घोषित किया।

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