छ्पी-अनछपी: बांग्लादेश ने भारत से कहा- शेख हसीना को लौटाओ, धान व गेहूं में भी मिल रहा आर्सेनिक

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बांग्लादेश ने मांग की है कि भारत उसकी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजे। बिहार में पानी ही नहीं अब धान, गेहूं और आलू में भी खतरनाक आर्सेनिक मिल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जनता का अधिकार है, वह चाहे जिसे वोट दे लेकिन हम लोग सभी लोगों के लिए काम करते हैं। प्रसिद्ध फिल्म प्रोड्यूसर श्याम बेनीगल का निधन हो गया है।

भास्कर के अनुसार बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने पहली बार भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। बांग्लादेश ने अपने राजनयिक नोट में कहा है की हसीना के खिलाफ कई केस चल रहे हैं। न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए हसीना को बांग्लादेश को लौटाया जाना चाहिए। इस बीच देर शाम भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश से प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध मिला है लेकिन इस वक्त हम इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, नो कमेंट्स। बता दें कि 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद से शेख हसीना नई दिल्ली में रह रही हैं। यूनुस सरकार हसीना के खिलाफ मर्डर और किडनैपिंग जैसे अपराधों के 50 से ज्यादा केस दर्ज कर चुकी है।

धान, गेहूं और आलू में भी आर्सेनिक

जागरण की विशेष खबर के अनुसार बिहार में अब भूगर्भीय जल का आर्सेनिक सिंचाई के माध्यम से फसलों और उनकी उपज तक पहुंचने लगा है जो बेहद खतरे का संकेत है। इस तरह की समस्या बिहार में गंगा के दोनों किनारे स्थित जिले में मिली है। फिलहाल 21 जिले आर्सेनिक से प्रभावित हैं। महावीर कैंसर शोध संस्थान की ओर से किए गए शोध में प्रदेश में धान, गेहूं और आलू में आर्सेनिक की मात्रा मानक से ज्यादा पाया गया है। धान में तय मानक 200 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम आर्सेनिक होना चाहिए जबकि इसकी मात्रा 821 माइक्रोग्राम मिली है। इसी तरह गेहूं में 100 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम के बजाय 775 तो आलू में 500 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम की जगह 1450 माइक्रोग्राम मात्रा मिली है। आर्सेनिक की अधिक मात्रा से चमड़े का रोग होता है और इलाज नहीं कराने पर स्किन कैंसर होने का भी खतरा होता है।

नीतीश ने कहा, जनता चाहे जिसे वोट दे

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रगति यात्रा के पहले दिन पश्चिम चंपारण में कहा कि वोट देना जनता का अधिकार है, वह चाहे जिनको वोट दें लेकिन हम लोग सभी लोगों के लिए काम करते हैं। नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। सभी तबके के लिए काम किया गया है। बिहार में जितनी बड़ी संख्या में महिला पुलिस है उतना देश के किसी राज्य में नहीं। नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर के शिकारपुर गांव का भ्रमण किया और योजनाओं के मुआयने के बाद बेतिया में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की।

श्याम बेनेगल नहीं रहे

भास्कर के अनुसार महान फिल्म निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। बेनेगल लंबे समय से किडनी की बीमारी से परेशान थे। बेनेगल ने 14 दिसंबर को ही अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। बेनेगल ने अंकुर, मंथन, भूमिका, त्रिकाल, जुबेदा, मंडी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी कई फिल्में बनाईं। उन्हें पांच नेशनल फिल्म अवार्ड मिले थे। 2005 में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया।

पटना और दरभंगा यूनिवर्सिटी को रिसर्च के लिए 100-100 करोड़ मिलेंगे

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के पटना विवि (पीयू) और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएमएनयू), दरभंगा को शोध विश्वविद्यालय का दर्जा मिल गया है। भारत सरकार ने इसका स्वीकृति पत्र बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद को भेज दिया है। इन दोनों विश्वविद्यालयों को जल्द ही 100-100 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत इन दोनों को दर्जा मिला है। इससे शोध कार्य को और बढ़ावा मिलेगा। देशभर के 35 विश्वविद्यालयों को इस वर्ष यह दर्जा दिया गया है, जिनमें दो बिहार के हैं।

कोका कोला बिहार में चार और प्लांट लगाएगा

भास्कर के अनुसार बिहार में कोका कोला के चार और नए प्लांट लगेंगे। इसके बाद बिहार देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां पर कोका कोला के पांच प्लांट हो जाएंगे। बक्सर के नवानगर में कोका कोला का बॉटलिंग प्लांट लगा हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि इससे लगभग 3 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। चार और प्लांट लगाने के लिए उद्योग विभाग और कोलकाता प्रबंधन के बीच बातचीत हो चुकी है। नए प्लांट लगाने के लिए कोका कोला प्रबंधन राज्य के 20 जिलों में सर्वे कर रहा है। चार प्लांट के लिए लगभग 240 एकड़ जमीन की जरूरत होगी।

डिजिटल अरेस्ट कर 11.8 करोड़ की ठगी

प्रभात खबर के अनुसार बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो गए और उनसे साइबर अपराधियों ने डरा धमका कर 11.8 करोड़ रुपए ठग लिए। पहले इंजीनियर को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ‘ट्राई’ का अधिकारी बनकर कॉल किया गया, फिर पुलिस बनकर धमकाया गया। उन्हें डराया गया कि उनके आधार से जुड़े सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध विज्ञापनों और अभद्र संदेश भेजने के लिए किया गया है। उनसे यह भी कहा गया कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक खाता खोले गए। उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने डिजिटल तरीके से जांच में सहयोग नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वैसे तो यह मामला एक महीने पुराना है लेकिन उन्होंने अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

कुछ और सुर्खियां

  • साथी के इलाज में देरी और लापरवाही पर भड़के बीपीएससी उम्मीदवार, गर्दनीबाग अस्पताल में किया
  • भाजपा कोर कमेटी का फैसला, नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव
  • जम्मू कश्मीर विधानसभा के गठन के दो महीने बाद भी नहीं मिला विधायकों को वेतन
  • सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस सी रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया
  • उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की कार्रवाई में पीलीभीत में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकी मार गिराए गए

अनछपी: इस साल 5 अगस्त को जब बांग्लादेश की पूर्व तानाशाह प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भारत पहुंची थीं तब से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि बांग्लादेश उन्हें वापस करने के लिए मांग करेगा। बांग्लादेश का कहना है कि शेख हसीना को प्रत्यर्पण समझौते के तहत भारत से लाया जा सकता है। ध्यान रहे कि भारत और बांग्लादेश के बीच 28 जनवरी 2013 को प्रत्यर्पण संधि हुई थी। यह बताने की जरूरत नहीं कि भारत शेख हसीना को बहुत महत्व देता है लेकिन दूसरी और बांग्लादेश से संबंध को सही रखना भी उसके लिए जरूरी है। बांग्लादेश में शेख हसीना पर मर्डर और किडनैपिंग समेत कई मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे में इस बात पर बहस हो सकती है की क्या उन मामलों में भारत शेख हसीना को वापस बांग्लादेश भेज सकता है? विशेषज्ञ बताते हैं कि जो समझौता है उसके तहत राजनीतिक अपराध वाले लोगों पर यह लागू नहीं होता और सिर्फ वही लोग वापस भेजे जा सकते हैं जिन पर हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप हैं। बहरहाल, बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने और हसीना के भारत में शरण लेने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। बांग्लादेश से अंतरराष्ट्रीय मामले में भारत का तनाव बहुत नहीं बढ़ा है बल्कि उसकी आंतरिक स्थिति को लेकर भारत अपनी चिंता जाहिर कर रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के उत्पीड़न और इस्कॉन से जुड़े रहे महंत चिन्मय दास की गिरफ्तारी ऐसे मामले हैं जिस पर भारत अपना विरोध दर्ज करा चुका है। इधर भारत में त्रिपुरा में बांग्लादेश डेप्युटी हाई कमिशन में स्थानीय प्रदर्शनकारियों के घुसने समेत कई ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। बांग्लादेश ने भी भारत पर अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। इस बीच बांग्लादेश की पाकिस्तान से नजदीकी की भी खबरें आईं। इन सब परिस्थितियों में भारत सरकार के लिए यह मामला बेहद संवेदनशील बना रहेगा क्योंकि बांग्लादेश का मित्र देश से शत्रु देश होते देखना भारत के हित में नहीं होगा। यही बात बांग्लादेश पर भी लागू होगी क्योंकि उसके लिए भी भारत से टकराव मोलना सही नहीं है।

 

 270 total views

Share Now