छ्पी-अनछपी: सिलीगुड़ी में बिहार छात्रों से मारपीट, नेपाल में तेज बारिश के बाद बाढ़ का अलर्ट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। परीक्षा देने सिलीगुड़ी गए बिहार के छात्रों के साथ बाहरी होने के नाम पर मारपीट की गई। नेपाल में भारी बारिश के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर मंत्री और विपक्ष के बीच जबानी जंग चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) को कैद में रखने के लिए ईडी का हथियार नहीं बनने देना चाहिए।

जागरण और प्रभात की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में परीक्षा देने गए बिहारी युवकों के साथ उन्हें बाहरी बात कर दुर्व्यवहार किया गया और उनसे मारपीट की गई। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने बांग्ला पक्खो नमक कट्टरपंथी संगठन के सदस्य रजत भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया है। बांग्ला पक्खो नामक संगठन के लोग खुफिया विभाग के अधिकारी बनकर आए और बिहारी छात्रों से सवाल करने लगे कि वह परीक्षा देने बिहार से बंगाल क्यों आए हैं। बिहारी युवकों को धमकाने का मामला प्रकाश में आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और डीजीपी को इस बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस प्रशासन से बात करने का निर्देश दिया था। बिहार छात्र सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में कांस्टेबल पद की शारीरिक परीक्षा के लिए सिलीगुड़ी परीक्षा केंद्र पहुंचे थे।

नेपाल में तेज बारिश बिहार में बाढ़ का अलर्ट

भास्कर की खबर है कि नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर बिहार में भारी बारिश हो रही है। इससे बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ेगा। जल संसाधन विभाग के मुताबिक गंडक में सबसे अधिक बारिश का पानी आ सकता है। पूर्वी चंपारण व गोपालगंज में गंडक, मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक, खगड़िया में कोसी, पूर्णिया और कटिहार में महानंदा का जलस्तर बढ़ा है। शुक्रवार को उत्तर बिहार के 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। वैसे गंगा का जलस्तर बक्सर से लेकर भागलपुर तक घट रहा है लेकिन गंडक में पानी बढ़ेगा तो पटना में फिर गंगा का जलस्तर बढ़ेगा।

बिजली के स्मार्ट मीटर पर जबानी जंग

प्रभात खबर ले लिखा है: बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर छिड़ी जंग, सरकार और विपक्ष आमने-सामने। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है। उन्होंने दावा किया कि बिहार के 2 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं में से 50 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुके हैं और उन्होंने इस पर पूरा भरोसा जताया है। इधर कांग्रेस ने कहा है कि वह बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर पूरे राज्य में व्यापक जन आंदोलन चलाएगी। बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्मार्ट बिजली मीटर योजना पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की संयुक्त महालूट योजना है। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया जाना बिहार की जनता पर बहुत बड़ा अत्याचार है।

मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट को कैद का हथियार न बनाए ईडी: सुप्रीम कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अदालतें धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को ईडी का हथियार न बनने दें। अदालत ने धनशोधन मामले में तमिलनाडु सरकार के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि जब पीएमएलए के तहत शिकायत की सुनवाई लंबी होने की संभावना हो, तो संवैधानिक अदालतों को अपनी शक्तियों का प्रयोग करना होगा। पीठ ने कहा कि पीएमएलए की धारा 45(1) (2) राज्य को किसी आरोपी को अनुचित रूप से लंबे समय तक हिरासत में रखने की शक्ति नहीं देती है, खासकर तब जब मुकदमे के जल्द समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है।

स्कूल पहुंचे 22 धर्म प्रचारक हिरासत में

जागरण के अनुसार कैमूर जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय निमिया व उत्क्रमित मध्य विद्यालय किन्नर चोली में प्रवेश कर बच्चों के बीच धर्म प्रचार करने पुस्तक व हैंड बिल बांटने के मामले में ईसाई मिशनरी के 22 प्रचारक हिजासत में लिए गए हैं। इस संबंध में थाना अध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक की शिकायत पर सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

कौन मुसहर, कौन गड़ेरिया?

भास्कर के अनुसार राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को जीतन राम शर्मा कहा तो मांझी ने पलटवार करते हुए उनके पिता लालू प्रसाद को गड़ेरिया बता दिया। अब लालू ने मांझी के बारे में कहा, मुसहर हैं का ऊ? इसके जवाब में मांझी ने कहा, “लालू जी, हम मुसहर भुइयां हैं। हमारे पिता मुसहर भुइयां थे। हमारे दादा मुसहर भुइयां थे। हम तो गर्व से कहते हैं कि हम मुसहर भुइयां हैं।”

एक दिन की न्यूनतम मजदूरी ₹1035 तक

प्रभात खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सरकार ने वेरिएबल डीयरनेस अलाउंस को संशोधित किया है। इस संशोधन के बाद निर्माण, साफ सफाई, सामान उतारने और चढ़ाने जैसे अकुशल काम में लगे श्रमिकों के लिए क्षेत्र ए में न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपए प्रतिदिन, अर्ध कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 868 रुपए प्रतिदिन और कुशल लिपिक तथा बिना हथियार वाले चौकीदार या गार्ड के लिए 954 प्रतिदिन होगी। अत्यधिक कुशल और हथियार के साथ चौकीदारी करने वाले गार्ड का काम करने वालों के लिए न्यूनतम वेतन दर 1035 रुपए प्रतिदिन होगी।

कुछ और सुर्खियां

  • ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी बने जदयू के राष्ट्रीय महासचिव
  • बांग्लादेश के पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की
  • पूर्वी चंपारण के सुगौली रेलवे स्टेशन से 6 करोड़ की चरण ज़ब्त
  • वक़्फ़ संशोधन बिल पर खानकाह मुनीमिया और खानकाह चिश्तिया के प्रतिनिधि रखेंगे पक्ष
  • चोरी के आरोप में दीघा (पटना) के युवकों की पीट-पीटकर हत्या

अनछपी: बिहार में जब से स्मार्ट पप्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाने लगा है तब से नीतीश कुमार की सरकार को इस मामले में पहली बार राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ध्यान रहे कि स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर तब भी लगाया जा रहा था जब सरकार महागठबंधन की थी और उसमें राजद और कांग्रेस प्रमुख दल थे। अब कांग्रेस और राजद दोनों ने इसके खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है। प्रीपेड मीटर की बुनियादी खराबी यह है कि इसमें इस्तेमाल करने से पहले बिजली की कीमत वसूली जाती है। इसके अलावा बिजली उपभोक्ताओं की अक्सर शिकायत रहती है कि प्रीपेड मीटर में पैसे ज्यादा कटते हैं और रिचार्ज करने के बाद भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हो सकता है कि ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद सही कह रहे हों कि 2 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं में 50 लाख उपभोक्ताओं के पास स्मार्ट प्रीपेड मीटर है। लेकिन उनका यह दावा सवालों के घेरे में है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले इस पर पूरा भरोसा जता रहे हैं। अगर उपभोक्ताओं को इस पर भरोसा होता तो वह शिकायत क्यों करते और कई जगहों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन की खबर क्यों आती? ऐसा लगता है कि राजद और कांग्रेस ने बिहार में बिजली को जनता का मुद्दा बनाने की नीति बनाई है। इसके तहत दोनों दल न केवल स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर का विरोध कर रहे हैं बल्कि राजद ने तो महागठबंधन की सरकार बनने पर 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा भी किया है। यह बात सबको पता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुफ्त में बिजली देने के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं। ऊर्जा मंत्री के अनुसार उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए बिहार सरकार इस साल 15000 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दे रही है। सवाल यह है कि अगर यह राशि उपभोक्ताओं को मिल रही है तो उन्हें इतनी महंगी बिजली क्यों लेनी पड़ती है? नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि बिहार उन राज्यों में है जहां बिजली की दर सबसे ज्यादा है। बिजली का यह मुद्दा राजनीति का हिस्सा बने और इससे जनता को फायदा हो इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है। सरकार बिजली मुफ्त में दे या ना दे इस बात का जवाब उसे देना होगा कि आखिर दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में बिजली की दर ज्यादा क्यों है।

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