छपी-अनछपीः ऑर्केस्ट्रा में लड़कियोें के शोषण पर मानवाधिकार आयोग जगा, हादसों में कई की मौत
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर हैः आॅटो पर ट्रक पलटा, हादसों में 11 की मौत। आॅटो पर ट्रक पलटने की खबर मोतिहारी की है जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी। इसके अलावा पटना-वैशाली में चार लोग हादसे में जान गंवा बैठे। हाल में सायरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत के बाद ट्रैफिक नियमों की बहुत चर्चा हुई थी लेकिन आम आदमी की मौत की खबर तो बस गिनती के लिए होती है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर हैः शिशिरि देश मंे तो पटना के अभिजीत ने किया गुवहाटी जोन मे टाॅप, 10 बोनस अंक के बावजूद टाॅपर को 87.22 प्रतिशत। टाइम्स आॅफ इंडिया की लीड हैः जेईई एडवांस्ड के टाॅप 500 में दिल्ली जोन केे सबसे ज्यादा 133, मद्रास में 132। इसमंे बताया गया है कि कोविड के असर से इस बार का कट आॅफ कम हो गया है। गया की मशहूर पटवा टोली में इस बार भी 24 बच्चों ने जेईई मंे कामयाबी हासिल की है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान हैः अल्प वर्षापात वाले क्षेत्र के किसानों को मिलेगी मदद। भास्कर में इसी खबर की हेडलाइन हैः 4.5 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी नहीं, सीएम ने किया सर्वे।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने पहले पेज पर खबर दी हैः बनारस में आज आने वाले फैसले से पहले निषेधाज्ञा। वहां ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा की इजाजत के बारे में कोर्ट आज फैसला होना है। इसलिए बनारस के प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
प्रमुख हिन्दू धर्मगुरु स्वामी स्वरूपानंद के निधन की खबर सभी जगह प्रमुखता से ली गयी है। वे 99 साल के थे। प्रभात खबर की हेडिंग हैः नहीं रहे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद। भास्कर ने लिखा हैः द्वारका पीठ के शंकराचार्य का देवलोकगमन, इन्होंने ही किया था पटना के महावीर कैंसर संस्थान का उद्घाटन। जागरणा का शीर्षक हैः शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ब्रह्मलीन।
आजकल बिहार में बच्चा चोर की अफवाह बहुत फैली हुई है और फुलवारी शरीफ में एक महिला इस आरोप में पकड़ी भी गयी है। लेकिन हो यह रहा है कि इस शक में बेकसूर अजनबी लोग पकड़े और पीटे जा रहे हैं। हिन्दुस्तान की खबर हैः अजनबियों पर आफतः बच्चा चोर के शक में पटना, दरभंगा और गया में पिटाई। इस मामले में प्रशासन और पब्लिक दोनों को सचेत रहने की जरूरत है। इस आरोप को सिरे खारिज करना भी सही नहीं लेकिन बिना पुख्ता सबूत के कुछ करना भी गलत है। मारपीट से बेहतर पुलिस को बताना रहेेगा और पुलिस भ्ी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेगी तो किसी बड़े मामले से इनकार नहीं किया जा सकता।
भास्कर में एक खबर छपी हैः मानवाधिकार आयोग ने पूछा कितने आर्केस्ट्रा लाइसेंसधारी।
अनछपीः बिहार में एक मानवाधिकार आयोग है लेकिन इसकी किसी गतिविधि की खबर शायद-वायद ही आती है। इसके गठन और इसके सदस्यों की संख्या पर संशय बना रहता है। सूबे में मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन होता है। सरकारी एजेंसियां भी मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हंै। लेकिन शायद ही कभी मानवाधिकार आयोग इसका संज्ञान लेता है।
सच्चाई यह भी है कि मीडिया को मानवाधिकार उल्लंघन की खबरों मंे बहुत दिलचस्पी नहीं रहती। बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने आर्केस्ट्रा में नाबालिग लड़कियों के शोषण के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर बढ़िया काम किया है। आयोग से बुलाये जाने पर समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत और कमजोर वर्ग के एसपी रशीद जमां वहां पहुंचे। आयोग ने पूछा है कि कोरोना काल के बाद से इतनी बड़ी संख्या में आर्केस्ट्रा कैसे खुला है और क्या आर्केस्ट्रा को लाइसेंस दिया जाता है। आयोग ने पटना, सीतामढ़ी, अररिया, पूर्णिया, सासाराम, गया, छपरा और आरा सहित अन्य जगहों पर अवैध तरीके से खुले आर्केस्ट्रा में शामिल नाबालिग लड़कियों को छापेमारी कर मुक्त कराने आदेश दिया है।
मानवाधिकार आयोग ने जो आदेश दिया है, वह एक ऐसा कदम है जिसमें पुलिस-प्रशासन का सहयोग न हो तो इसका कोई फायदा पीड़ितों को नहीं होने वाला। यह मामला बालश्रम कानून संशोधन 2016 से जुड़ा है जिसमें 18 साल से नीचे के सभी बच्चों को किसी भी तरह के काम में लगाने पर पाबंदी लगी हुई है। मगर जब लाइसेंस जैसे कानून का ध्यान नहीं रखा जाता तो इसपर कौन ध्यान देगा। सौ बात की एक बात, ऐसे अवैध आर्केस्ट्रा पुलिस की जानकारी के बगैर नहीं चल सकते।
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