छपी-अनछपीः बिहार में 60% मर्डर की वजह जमीन के झगड़े, पुजारियों की ट्रेनिंग केन्द्र सरकार कराएगी!

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। कानून-व्यवस्था पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बहुत जोर रहता है लेकिन बिहार में अपराध की घटनाएं कम नहीं होती। शनिवार को इस बारे में समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण के निर्देश दिये। उधर, एक मां ने अपने बेटे के साथ मिलकर एक आदमी से 48 लाख ठग लिये और अब दोनों फरार हैं। अपराध सिर्फ अपराधकर्मी ही नहीं करते। यह काम हमारे विश्वविद्यालयों में भी होता है। खबर आयी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी की तस्वीर लगा एडमिट कार्ड जारी हुआ है।
हिन्दुस्तान की हेडलाइन हैः आपराधिक मामलों में तेज होगा स्पीडी ट्रायल। यानी मुकदमों को तेजी से निपटाने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है, उसे और तेज करने की हिदायत दी गयी। होता यह है कि अपराधकर्मी जमानत पर छूट कर फिर अपराध में लग जाते हैं, अदालती कार्रवाई लंबी खिंचती रहती है। उसकी वजह केस डायरी और गवाहों की समय पर उपस्थिति न होना भी होती है। जागरण की हेडिंग भी ऐसी है। प्रभात खबर ने लिखा हैः अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें अधिकारीः नीतीश। इस खबर मंे यह बताया गया है कि मर्डर के 60 प्रतिशत मामले जमीन के झगड़े से जुडे़ होते हैं। इसके लिए जमीन के झगड़ों के निपटारे पर भी जोर है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर भी इसी से जुड़ी है लेकिन इसमें एक नयी जानकारी दी गयी है। इसकी हेडिंग हैः रोजगार… िबहारः एक लाख पुलिसकर्मियों की होगी भर्ती। इसमें 50 हजार पद सिपाही के होंगे। यहां बिहार को बहार की तरह पढ़ना है।
पुलिस से ही जुड़ी एक अजीबोगरीब खबर जागरण में छपी हैः नवादा एसपी ने हाजत में पांच पुलिसकर्मियों को किया बंद, पुलिस मुख्यालय करेगा जांच। वहां के एसपी गौरव मंगला हैं। वे वहां कांडों की समीक्षा के दौरान भड़क गये थे। आठ सितंबर रात दस बजे के इस मामले का वीडियो वायरल है।
प्रभात खबर में यह खबर प्रमुखता से छपी हैः पार्ट-थ्री के एडमिट कार्ड पर पीएम मोदी व धौनी का फोटो। यह मामला दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का है। एक दिन पहले चांसलर गवर्नर फागू चैहान की तस्वीर वाला एडमिट कार्ड वायरल हुआ था। यूनिवर्सिटी का कहना है कि गलती से या जान बूझकर फाॅर्म भरते वक्त ही ऐसा किया गया है।
जागरण में यह खबर प्रमुखता से छपी है जिसमें बताया गया है कि अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जिस पादरी से मुलाकात की है, उसके बारे मंे कांग्रेस और भाजपा में तकरार हो गयी है।
आपने कल यह खबर पढ़ी थी कि मुजफ्फपुर की एक महिला का बच्चेदानी के आॅपरेशन के बहाने किडनी निकाल दी गयी है। अब सीटी स्कैन में भी इस बात की पुष्टि हुई है। उस महिला की हालत बहुत नाजुक है।
भास्कर की एक खबर हैः पुजारियों की ट्रेनिंग कौशल विकास योजना में, खर्च केन्द्र उठाएगा।
अनछपीः भारत कहने को एक सेकुलर राज्य है यानी उसे किसी धर्म से कोई मतलब नहीं बल्कि सभी धर्मों के प्रति उसका रवैया समान होगा। हकीकत कैसे कितनी उलटी हो रही है, इसका ताजा नमूना पुजारियों की ट्रेनिंग के लिए सरकारी ट्रेनिंग की यह खबर है। ट्रेनिंग कराएगा केन्द्र सरकार का कौशल विकास मंत्रालय। इसके लिए पैसे देगी केन्द्र सरकार। इसमें मदद करेगी विश्व हिन्दू परिषद। इसमें जो बताया जाएगाः गृहपूजा, शादी, मुंडन, श्राद्ध के मंत्र। पितृपक्ष में तर्पण जैसे कर्मकांड। गरुड़ पुराण और सत्यनारायण कथा का विधिवत पाठ। ट्रेनिंग होने के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा। अगले डेढ़ साल में एक लाख 72 हजार पुजारियों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। क्या इस समय यह सवाल करना सही नहीं होगा कि भारत धीरे-धीरे हिन्दू धर्म को सरकारी धर्म बनाने की राह पर बहुत आगे बढ़ चुका है?

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