छ्पी-अनछपी: पटना समेत 13 जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट, इसराइल का हिज़्बुल्लाह हेडक्वार्टर पर हमला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना सहित बिहार के 13 जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया गया है। इसराइल ने हिज़्बुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमला किया है। छठ और दिवाली के मौके पर 5975 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। प्रीपेड मीटर की बहस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कूद चुके हैं और उन्होंने इसका बचाव किया है।

जागरण के अनुसार पटना सहित बिहार के 13 जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया गया है। जिन ज़िलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया गया है वहां के डीएम को आपदा प्रबंधन विभाग ने चेतावनी भेजी है। जिन जिलों के लिए चेतावनी जारी की गई है उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, वैशाली पटना जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुरी शामिल हैं। सभी संबंधित व्यक्तियों व एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश देने की बात कही गई है।

कोसी-गंडक में तूफान से तबाही की आशंका

प्रभात खबर के अनुसार बिहार में गंडक, कोसी और महानंदा सहित उनकी सहायक नदियों में उफान की आशंका है। जल संसाधन विभाग के बाढ़ प्रबंधन केंद्र ने बाढ़ की चेतावनी दी है। विभाग ने शुक्रवार रात 12:00 बजे वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से 6 लाख क्यूसेक और शनिवार दोपहर 12:00 बजे वीरपुर स्थित कोसी बराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की आशंका जताई है जो पिछले 56 सालों का रिकॉर्ड है। ऐसे में इंजीनियरों को अगले 48 घंटे तक संवेदनशील स्थानों पर कैंप करने का निर्देश दिया गया है।

हिज़्बुल्लाह हेडक्वार्टर पर हमला

हिन्दुस्तान के अनुसार इसराइली प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतन्याहू का शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जैसे ही संबोधन खत्म हुआ, इसराइली सेना ने  बेरूत में हिज़्बुल्लाह हेडक्वॉर्टर पर बड़ा हमला किया। धमाकों से छह इमारतें तबाह हो गईं। इस हमले में एक हिजबुल्ला नेता समेत दो लोग मारे गए। सूचना थी कि मुख्यालय में हिजबुल्ला प्रमुख मौजूद हैं, जिन्हें निशाना बनाकर हमला किया गया।

छठ-दिवाली में चलेगी 5975 स्पेशल ट्रेनें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस साल दीपावली और छह पर्व पर छह हजार अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि दीपावली और छठ पूजा के लिए 108 ट्रेन में जनरल कोच बढ़ाए गए हैं। 12500 और कोच मंजूर किए गए हैं। 2023-24 के दौरान 4429 विशेष ट्रेन चलाई गई थी। लेकिन 2024-25 के दौरान करीब 5975 अतिरिक्त ट्रेन चलाने को मंजूरी दी गई है। इससे त्यौहारों के दौरान एक करोड़ लोगों के अपने घर लौटने का इंतजाम होगा। रेल मंत्री के अनुसार देश में अभी 22 हजार ट्रेन चल रही हैं लेकिन वेटिंग की समस्या खत्म करने के लिए आने वाले समय में तीन हजार ट्रेनें और चलाए जाने की जरूरत है।

स्मार्ट मीटर के बचाव में उतरे नीतीश कुमार

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने यह निर्देश दिया कि सभी जिलाधिकारी अपने स्तर से लोगों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे के बारे में जागरूक करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं उससे लोगों को भ्रमित होने की जरूरत नहीं। “लोगों के बीच अभियान चलाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे के बारे में बताएं।”

तेजस्वी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर को चीटर बताया

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन आए और उन्होंने स्मार्ट मीटर को चीटर मीटर बताया और कहा कि बिहार का एक-एक घर आज अधिक बिजली बिल से परेशान है। उन्होंने नियमों को हवाला देकर कहा कि यह आवश्यक नहीं कि स्मार्ट मीटर लगाए जाएं लेकिन सरकार जबरन लोगों के यहां मीटर लगा रही है।

एफआईआर का विरोध

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर का विरोध करने वाले ग्रामीणों पर प्राथमिकी की निंदा करते हुए कहा है कि बिजली कंपनी की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर का लोग लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं लेकिन बिजली कंपनी के अध्यक्ष ने आदेश दिए हैं कि विरोध करने वालों के खिलाफ आक्रामकता के साथ बल प्रयोग किया जाए। उनके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ प्राथमिक की कराई भी गई है। उन्होंने कहा कांग्रेस ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करती है।

सारण के कारपेंटर ने चार विकलांग बेटियों संग ज़हर खाकर जान दी

हिन्दुस्तान के अनुसार दिल्ली के रंगपुरी गांव में एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी चार दिव्यांग बेटियों के साथ खुदकुशी कर ली। पुलिस ने सूचना मिलने पर शुक्रवार दोपहर को फ्लैट का ताला तोड़कर शवों को बाहर निकाला। चारों बेटियां चलने-फिरने में असमर्थ थीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 50 वर्षीय हीरालाल परिवार के साथ रंगपुरी गांव में किराये के मकान में रहता था। वह मूल रूप से सारण जिले के मसरख का रहने वाला था। उसकी पत्नी की पहले ही मौत हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, परिवार ने सल्फास खाकर खुदकुशी की है। बेटियों की दिव्यांगता को घटना की वजह माना जा रहा है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन व पेंशन के लिए 2650 करोड़ मंजूर
  • दुर्गा पूजा की वजह से पुलिस कर्मियों की 5 से 16 अक्टूबर तक छुट्टी रद्द
  • ईडी का दावा: जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद मुख्य साजिशकर्ता
  • रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के 31 इंजीनियरों का होगा डिमोशन
  • रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा बनेंगे जापान के नए प्रधानमंत्री
  • केरल में मंकी पॉक्स का दूसरा मरीज मिला
  • तिरुपति लडडू की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनी

अनछपी: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर अपनी पढ़ाई में कैसी-कैसी हरकतें करते हैं इसका एक उदाहरण इस खबर से मिलता है कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में दूसरे के बदले एमबीबीएस की परीक्षा देते चार स्कॉलर पकड़े गए। बिहार और देशभर में एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक होने और धोखाधड़ी की खबरें तो आती ही रहती हैं। एमबीबीएस की परीक्षा में भी नकल करने की शिकायतें कोई नई नहीं है। लेकिन अपनी जगह दूसरों से परीक्षा दिलवाकर  बनने वाले डॉक्टर के बारे में सोचकर कैसा लगता है? यह चारों इसलिए पकड़े गए क्योंकि उनका एडमिट कार्ड सही नहीं पाया गया। लोग इसकी आशंका जताते हैं कि ऐसे बहुत से और एमबीबीएस के छात्र होंगे जो पकड़े नहीं गए लेकिन गलत तरीके से या तो इम्तिहान देते हैं या अपने जगह पर किसी और से इम्तिहान दिलवा रहे हैं। जिन चार छात्रों की जगह पर इम्तिहान देने वाले लोग पकड़े गए हैं वह भी मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। यानी कदाचार का यह मामला दोहरा है। नकल के लिए बैठे जो चार छात्र पकड़े गए हैं उनमें एक आईजीईइएमएस का भी छात्र है। दो छात्र गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया और एक छात्र श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर का है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि विश्वविद्यालय उन छात्रों पर क्या कार्रवाई करेगा जो अपने बदले दूसरों से एमबीबीएस का इम्तिहान दिलवा रहे थे। इस सवाल पर चर्चा होनी चाहिए कि क्या ऐसे छात्र डॉक्टर बनने के लायक हैं? विश्वविद्यालय नकल रोकने की अपनी कोशिश तो करेगा लेकिन यह बात भी सोचने की है कि आखिर ऐसे छात्र कैसे माहौल में पले बढ़े हैं कि खुद परीक्षा देने के बदले दूसरों से परीक्षा दिलवाने का क़ानूनी और नैतिक अपराध करते हैं? ऐसे छात्र किसी तरह एमबीबीएस पास कर डॉक्टर बन भी जाएं तो उनके इलाज से नुकसान ही होगा। दरअसल एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा और बाद की परीक्षाओं का जो माहौल बिहार में है वह एक बेहद निराशाजनक और खतरनाक परिदृश्य पेश करता है। जरूरत इस बात की है कि प्रवेश परीक्षा के बाद भी एमबीबीएस के इम्तिहानों में इतनी सख्ती बरती जाए कि कोई एक स्टूडेंट भी गलत तरीके से इंसान पास करने का नहीं सोचे।

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