छ्पी-अनछपी: कोसी-गंडक में उफान से सहमा सीमांचल, इसराइली हमले में हसन नसरुल्लाह की मौत

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कोसी और गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से सीमांचल के इलाके में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसराइली हमले में हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरुल्लाह की मौत की पुष्टि हुई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार नेपाल में भारी बारिश और दोनों बराजों से रिकार्ड पानी के डिस्चार्ज से बिहार के सीमांचल में कोसी-गंडक ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इनमें पानी लबालब है। इसके कारण चंपारण से किशनगंज और सुपौल से कटिहार तक के 20 से अधिक जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। निचले इलाके में तेजी से पानी फैलने भी लगा है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 13 जिलों के करीब 1.41 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी से शनिवार देर शाम सीतामढ़ी में बैरगनिया के रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव शुरू हो गया।

बाढ़ से नेपाल में 66 की मौत

नेपाल में शुक्रवार से शुरू हुई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया। देर रात अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से 66 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हैं। नेपाल पुलिस के उप प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में 34 काठमांडू के हैं। वहीं 79 लोग लापता भी हैं। देश के 63 स्थानों पर मुख्य राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।

हसन नसरुल्लाह की मौत

भास्कर के अनुसार इसराइल ने लेबनान में एयर स्ट्राइक कर हिज़्बुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह को मार गिराया। वह बेरूत में हिज़्बुल्लाह के हेडक्वॉर्टर में थे और इसराइली हमले का शिकार हो गए। इसराइली हमले में नसरुल्लाह के साथ ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर अब्बास की भी मौत हो गई। इसराइली एयर फोर्स ने 30 मिनट के भीतर लगभग 80 बम जिसमें हिज़्बुल्लाह मुख्यालय की इमारत तबाह हो गई। पहले इसराइली सेना ने नसरुल्लाह को मारने का दावा किया था और बाद में हिज़्बुल्लाह ने मौत की पुष्टि की। शीर्ष नेता हसन नसरुल्लाह की इसराइली हमले में मौत के बाद हाशेम सैफीद्दीन को समूह का नया प्रमुख बनाया जा सकता है। लेबनान में इसराइली हमले के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर ख़ामेनई को सेफ हाउस में शिफ्ट किया गया है। ख़ामेनई ने मुस्लिम देशों से इसराइल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। नसरुल्लाह की मौत के विरोध में ईरान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। कश्मीर घाटी में भी प्रदर्शन हुआ श्रीनगर-बारामूला मार्ग एक घंटे तक जाम रहा।

इराक में हुई थी पढ़ाई

बेरूत के शारशाबूक इलाके में नसरुल्लाह का जन्म 1960 में एक गरीब शिया परिवार में हुआ था। हसन नसरुल्लाह ने इराक के नजफ के मदरसों में 3 साल तक धार्मिक पढ़ाई की। इराक में उनकी मुलाकात राजनीतिक गुरु अब्बास अल मूसवी से हुई। मूसवी ने इसराइल से लड़ने के लिए लेबनान में 1982 में हिज़्बुल्लाह का गठन किया। 1992 में एक हेलीकॉप्टर हमले में मूसवी की मौत के बाद नसरुल्लाह ने हिज़्बुल्लाह की बागडोर संभाली।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ केस

प्रभात खबर के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी के अधिकारियों तथा राज्य और राष्ट्रीय स्तर के भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारी की खिलाफ तिलक नगर थाने में बेंगलुरु के विशेष कोर्ट के आदेश पर शनिवार को प्राथमिक की दर्ज की गई। इन पर इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए जबरन वसूली का आरोप है। केस में कहा गया है कि आरोपियों ने चुनावी बॉन्ड्स की आड़ में जबरन वसूली कर 8000 करोड़ से अधिक का फायदा उठाया। शिकायत में कहा गया है कि ईडी अधिकारियों ने आरोपियों को हजारों करोड़ की वसूली में मदद की। यह आदेश जन अधिकार संघर्ष परिषद के आदर्श अय्यर की शिकायत पर दिया गया था। इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।

जमीन मालिकों को डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए समय दिया जाए: मुख्यमंत्री

जागरण के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने यह निर्देश दिया कि भू धारकों को डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए अधिक समय दिया जाए। इससे कार्यालय में गैर जरूरी भीड़ नहीं होगी। उन्होंने विशेष सर्वेक्षण के काम को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का भी निर्देश दिया।

बिहार के युवाओं में बढ़ रहा हृदय रोग

विश्व हृदय दिवस पर अपनी खबर में हिन्दुस्तान ने बताया है कि अनियमित जीवनशैली, असंतुलित खानपान, तनाव, मोटापा, उच्च रक्तचाप के कारण हृदय रोग से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे पीड़ित होकर लाखों लोग पटना के अस्पतालेां में इलाज कराने पहुंचते हैं। पीड़ितों में युवाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पटना के हृदय अस्पतालों में पहुंचने वाले कुल मरीजों में से लगभग 15 फ़ीसद की आयु 40 वर्ष से कम होती है। निष्क्रिय जीवन शैली, तनाव, कोकिन, तंबाकू का नशा, धूम्रपान,फास्ट फूड और बाजारू खाना युवाओं में इस बीमारी का बड़ा कारण बन गया है। साथ ही कम सोना और स्मार्ट फोन एडिक्शन (सोते समय देर रात तक फोन का इस्तेमाल) युवाओं के दिल को कमजोर बना रहा है। विश्व हृदय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर यह आंकड़ा कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की बिहार शाखा द्वारा जारी किया गया। राज्यभर में हृदय रोगियों की संख्या लगभग 70 से 80 लाख है। इसमें युवाओं की संख्या लगभग 12 से 15 लाख हो सकती है।

कुछ और सुर्खियां

  • एक अक्टूबर से ऑनलाइन हाजिरी नहीं बनाने वाले शिक्षकों का वेतन रुकेगा
  • बालू के अवैध खनन के धंधे से जुड़े माफिया अजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया
  • कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, पांच सुरक्षाकर्मी घायल
  • अमेरिका में तूफान से 52 लोगों की जान गई
  • पिन कोड ही नहीं 10 अंकों के डिजिपिन से भी जाना जाएगा पता
  • एयर इंडिया की दिल्ली न्यू यॉर्क उड़ान में आमलेट में मिला कॉकरोच

अनछपी: बिहार में पुलिस कैसे कमजोर आदमी की मदद की बजाय उसके लिए मुसीबत साबित होती है इसका ताजा उदाहरण कैमूर जिले से सामने आया है। कैमूर जिले के चैनपुर के निमियाटांड़ गांव में राम लखन बिंद नाम के एक व्यक्ति को सांप ने काटा तो वह दौड़कर इलाज के लिए जा रहे थे। आरोप है कि जो डायल 112 की गश्ती पुलिस लोगों की मदद के लिए बनाई गई है, उसी के सदस्यों ने उन्हें पकड़ लिया और पैसों की मांग की। राम लखन के परिवार वालों का कहना है कि भगवानपुर पुलिस की डायल 112 की गाड़ी ने उन्हें पकड़ लिया और कहा कि तुम शराब के नशे में हो और पुलिस को देखकर भाग रहे हो। उन्हें छोड़ने के बदले उनसे ₹2000 की मांग की जाती रही। जब राम लखन के बड़े भाई ने ₹700 दिए तब जाकर उन्हें रात बारह बजे छोड़ा गया। परिवार वालों का आरोप है कि उन्हें पकड़े रहने और उनके अस्पताल में देर से पहुंचने की वजह से सांप के ज़हर से उनकी मौत हो गई। अब भभुआ की पुलिस ने अपनी जांच में भी इस आरोप को सही पाया है। इस बारे में एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि मोबाइल फोन के कॉल डिटेल से आरोपों की पुष्टि होती है। जो पुलिस वाले इस मामले में दोषी पाए गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करते हुए एसपी को रिपोर्ट भेजी जा रही है। मीडिया में इस खबर की थोड़ी चर्चा हुई लेकिन इसे जैसी कवरेज मिलनी चाहिए शायद नहीं मिल पाई। सोचने की बात यह है कि आजादी के 75 साल के बाद भी हमारी पुलिस का रवैया अंग्रेजों के जमाने की पुलिस जैसी क्यों है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुशासन का लाख दावा करें लेकिन घूसखोरी की समस्या हर जगह है और इससे पुलिस विभाग भी बचा हुआ नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जब पुलिस ने अपने ही लोगों के खिलाफ आरोप को सही पाया है तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और यह बाकी लोगों के लिए मिसाल बनेगी। बिहार के मानवाधिकार आयोग को भी इस मामले का नोटिस लेना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

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