छ्पी-अनछ्पी: तीन राज्यों में भाजपा तय नहीं कर पाई मुख्यमंत्री, इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर छूट
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव तो जीत लिए हैं लेकिन अभी वहां मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं कर पाई है। दूसरी तरफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी (साथ लगी तस्वीर) के नाम पर मुहर लगा दी है। इससे जुड़ी खबर सभी अखबारों में है। बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर छूट की खबर को काफी प्रमुखता मिली है। दिल्ली में आज होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक टाले जाने की खबर भी सभी जगह है।
हिन्दुस्तान की खबर है: रेवंत रेड्डी कल शपथ लेंगे, तीन राज्यों पर अभी मंथन। तेलंगाना में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी नए मुख्यमंत्री होंगे। वह गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। रेड्डी की अध्यक्षता में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। इस बीच, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों के नाम पर भाजपा में मंथन जारी है। इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि नड्डा ने राज्यों से मिला फीडबैक साझा किया।
कौन हैं रेवंत रेड्डी
तेलंगाना के लिए नामित मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी फिलहाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी। वे तेलंगाना में कांग्रेस के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी छोड़कर 2017-18 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।
इलेक्ट्रिक गाड़ी पर छूट
हिन्दुस्तान, जागरण और प्रभात खबर में इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने पर छूट की खबर को लीड की जगह मिली है। प्रभात खबर ने लिखा है कि राज्य सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 की स्वीकृति दी है। इसके तहत राज्य में दुपहिया सहित सभी प्रकार के वाहनों की खरीद और निबंध में सरकार सब्सिडी देगी। पहले दस हज़ार इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने पर सरकार ₹5000 प्रति गाड़ी और रोड टैक्स में 75% की सब्सिडी देगी। एससी और एसटी के लिए छूट ₹7500 की होगी।
बिहार के सात मज़दूरों की मौत
कर्नाटक के विजयपुरा के अलियाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित निजी खाद्य प्रसंस्करण इकाई के गोदाम में सोमवार की शाम विशाल मशीन (चिमनी) क्षतिग्रस्त हो गई। इस कारण 100 टन मक्का का ढेर वहां काम कर रहे मजदूरों पर जा गिरा। इस ढेर में दबने से बेगूसराय के तीन समेत बिहार के सात मजदूरों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य मजदूर समेत चार लोग घायल हो गए। मजदूरों के शव विमान से बुधवार सुबह पटना लाए जाएंगे। बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की।
इंडिया गठबंधन की बैठक टली
प्रभात खबर की खबर है: नीतीश अस्वस्थ, स्टालिन चक्रवात से घिरे व ममता व्यस्त, बैठक टली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया की बुधवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक टल गई। बताया जा रहा है कि घटक दलों के प्रमुख नेताओं की अनुपलब्धता के कारण बैठक स्थगित हुई है। बैठक अब इस महीने तीसरे सप्ताह में होगी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के अनुसार यह बैठक 17 दिसंबर को हो सकती है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु के सीएम द्रमुक के नेता एमके स्टालिन चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सकते थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार में कार्यक्रम है।
हिन्दी पट्टी को गोमूत्र राज्य कहा, विवाद
जागरण की खबर है: द्रमुक सांसद के बिगड़े बोल, हिंदी पट्टी के राज्यों को कहा गोमूत्र राज्य। भाजपा को हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में मिली जीत पर तंज करते हुए द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार ने उन राज्यों को गोमूत्र राज्य की संज्ञा दी। यही नहीं दक्षिण के राज्यों में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन का मजाक उड़ाते हुए चुनौती दी कि वह दक्षिण भारत में नहीं आ सकती। लोकसभा में मंगलवार को जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधायक पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार ने जम्मू कश्मीर को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर प्रश्न खड़े किए। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली जीत पर कहा कि भाजपा केवल हिंदी पट्टी वाले राज्यों में ही जीत दर्ज कर सकती है। “देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि भाजपा की ताकत केवल उन्हीं राज्यों में जीतने की है जिन्हें हम आम तौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं।”
तमिलनाडु में बाढ़ से 12 मरे
उत्तरी तटीय तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ के कारण चेन्नई और आसपास के जिलों में सोमवार को बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। इससे राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इसके साथ ही मंगलवार को चेन्नई और उसके आसपास के जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए नौकाओं और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया। चेन्नई के अधिकांश इलाकों में मंगलवार को सुबह से बारिश का असर कम रहा। इससे अधिकारियों को बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए समय मिल गया है।
आईपीएस आदित्य का सरेंडर, जेल गए
फरार आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने मंगलवार को पटना के आर्थिक अपराध इकाई के विशेष कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने नियमित जमानत अर्जी दायर की। आर्थिक अपराध इकाई की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सारिका वहालिया ने उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी। न्यायिक हिरासत में लेते हुए उन्हें 14 दिनों के लिए 18 दिसंबर तक बेऊर जेल भेज दिया गया। आदित्य को बऊर जेल के आमद वार्ड में रखा गया है। उन पर कई गंभीर आरोप हैं। इनमें पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के नाम पर बिहार के डीजीपी रहे एसके सिंघल को फोन कराने का मामला भी शामिल है।
हर दिन 85 साइबर ठगी
भास्कर की खबर है: हर दिन 85 लोगों से साइबर ठगी, इस साल पटना में 617 केस दर्ज, गिरफ्तारी सिर्फ 19। बिहार में साइबर फ्रॉड की घटनाएं 24 गुना तक बढ़ गई है। साल 2019 में राज्य में ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के 761 केस दर्ज हुए थे। इस साल जुलाई तक 7 महीने में ही 18380 केस दर्ज हो चुके हैं। यह आंकड़ा सामान्य व साइबर थानों में दर्ज साइबर फ्रॉड का है। राज्य में रोजाना औसतन 85 लोगों से लाखों की साइबर ठगी हो रही है लेकिन बड़ी कार्रवाई शून्य है। सिर्फ पटना के साइबर थाने में पिछले 6 महीने में 617 केस दर्ज किए गए लेकिन महज 19 को गिरफ्तार किया गया है। कोई बड़ा जालसाज या गिरोह नहीं पकड़ा गया।
कुछ और सुर्खियां
- श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में गोली मारकर हत्या
- मानहानि केस में शिवानंद तिवारी को एक वर्ष की सजा
- दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती के लिए 8.41 लाख परीक्षार्थी
- यूको बैंक के 41000 खातों में अचानक आ गए 820 करोड़ रुपए, सीबीआई जांच शुरू
अनछ्पी: विपक्षी इंडिया गठबंधन की हालत ठीक नहीं लगती है और इसकी काफी हद तक ज़िम्मेदारी कांग्रेस पर जाती है। तीन राज्यों में हर के बाद कांग्रेस ने आनन फानन 6 दिसंबर को इंडिया की बैठक बुलाने की बात कही लेकिन उसने यह नहीं सोचा कि इतनी जल्दी सभी बड़े नेताओं के लिए आना मुमकिन होगा या नहीं। कांग्रेस पार्टी को यह समझना चाहिए कि उसके साथ आए सभी दलों के नेता कांग्रेस से यह उम्मीद करते हैं कि वह इसकी बैठकों का संचालन करे। कांग्रेस ने पहली गलती तो यह की कि राज्यों के चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की बैठकों का सिलसिला खत्म कर दिया और चुनाव के दौरान प्रचार या समर्थन के लिए इंडिया गठबंधन के अन्य दलों की मदद नहीं ली। इस दौरान यह बात उभर कर सामने आई कि जब तक इस गठबंधन का कोई मुखिया नहीं होगा इसे सही तरीके से चलाना मुश्किल होगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में यह एक बुनियादी फर्क है कि भाजपा जहां दूसरे दल को समन्वयक का पद देती है वहीं कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार नहीं होती है। चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को पहले सभी नेताओं से संपर्क करना चाहिए तब तारीख की घोषणा करनी चाहिए थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और नतीजे में उसकी किरकिरी हो रही है। अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इंडिया गठबंधन की बैठक 17 दिसंबर को होने की बात कही है लेकिन तारीख की इस तरह घोषणा भी सही नहीं मालूम होती। अगर इंडिया गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है तो इस तरह की बातों को ध्यान में रखना होगा। यह सही है कि तमिलनाडु में इस समय तूफान के कारण वहां के मुख्यमंत्री स्थानीय समस्याओं में घिरे हैं लेकिन उनसे अगली बैठक के लिए बात तो की ही जा सकती थी। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब यह कहा कि उन्हें तारीख़ के बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया तो यह भी इंडिया गठबंधन के समन्वय में कमी का सबूत था। लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए दिन अब तेजी से कम हो रहे हैं और ऐसे में समन्वय की यह कमी इंडिया गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है।
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