छपी-अनछपी: बीपीएससी से भर्ती टीचरों की तनख्वाह होगी 40-50 हज़ार, नीतीश से बोले लालू- सब ठीक हो जाई
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बीपीएससी के जरिए बहाल होने वाले टीचरों की तनख्वाह 40-50 हज़ार रुपये होगी। आज के अखबारों की अहम खबर यही है। 9 माह बाद पटना लौटने वाले लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार से विपक्षी एकता के मुद्दे पर कहा है कि सब ठीक हो जाई। इस खबर को भी काफी अहमियत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में हेट स्पीच के मामले में सभी राज्यों को बिना शिकायत भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह खबर पहले पन्ने पर है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर आखिरकार एफआईआर दर्ज होने की खबर भी प्रमुख है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बीपीएससी से भर्ती होने वाले शिक्षकों का वेतनमान तय। जागरण ने लिखा है: नई नियुक्ति: 25 हज़ार होगा पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों का मूल वेतन। भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: BPSC से भर्ती होने वाले शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह 40-50 हज़ार होगा। बीपीएससी से नियुक्त होने वाले शिक्षकों का वेतन तय हो गया है। राज्य सरकार कक्षा एक से 12 वीं तक 1.78 लाख 26 शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है। प्रशासी पदवर्ग समिति की उच्चस्तरीय बैठक में चार श्रेणी में शिक्षकों के मूल वेतन पर मुहर लग गई है। राज्यकर्मी के रूप में नियुक्त होने वाले इन नए शिक्षकों का प्रारंभिक मूल वेतन 25 हजार से लेकर 32 हजार तक तय किया गया है। नए वेतन निर्धारण से राज्य सरकार को सालाना 106 अरब 23 करोड़ 45 लाख 31 हजार 920 रुपए का भार पड़ेगा।
सब ठीक हो जाई: लालू
जागरण ने इस खबर को प्रमुखता दी है: विपक्षी एकता पर नीतीश से बोले लालू, सब ठीक हो जाई। अखबार लिखता है कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार पटना आए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने विपक्षी एकता की पहल में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उत्साह बढ़ाते हुए कहा- घबराए के जरूरत नईखे, सब ठीक हो जाई। नीतीश उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर पहुंचे थे। हिन्दुस्तान ने सुर्खी लगाई है: लालू प्रसाद से मिले नीतीश कुमार, बोले- भीड़ से बचिए और मास्क ज़रूर पहनिए।
नफरती भाषण पर सुप्रीम कोर्ट
नफरती भाषण पर तुरंत कार्रवाई करें राज्य, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश हिन्दुस्तान में पहले पेज पर है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नफरती भाषण के मामलों में सभी राज्यों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई ऐसा भाषण देता है तो सरकारें बिना किसी शिकायत के ही एफआईआर दर्ज करें। जस्टिस केएम जोसफ की पीठ ने नफरत फैलाने वाले भाषणों को गंभीर अपराध बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश के धार्मिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच सकता है। मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी। पीठ ने कहा कि उसका 21 अक्तूबर, 2022 का आदेश तीन राज्यों से आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों के लिए प्रभावी रहेगा।
अतीक की परेड क्यों कराई: सुप्रीम कोर्ट
जागरण की खबर है: सुप्रीम कोर्ट का सवाल अतीक व अशरफ की मीडिया के सामने परेड क्यों कराई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि प्रयागराज में पुलिस हिरासत में मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाते समय गैंगस्टर एवं राजनीतिज्ञ अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया के सामने परेड क्यों कराई गई। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ वकील विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अतीक और अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह सवाल भी किया कि हत्या आरोपितों को इस बात की जानकारी कैसे हुई कि उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि उन्हें एंबुलेंस में अस्पताल के प्रवेश द्वार तक क्यों नहीं ले जाया गया, उनकी परेड क्यों कराई गई?
बृजभूषण पर एफआईआर
हिन्दुस्तान की हेडलाइन है: कार्रवाई: बृजभूषण सिंह पर आखिरकार एफआईआर। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें एक पोक्सो एक्ट के तहत है। प्राथमिकी सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में दर्ज की गई है। सुप्रीम कोर्ट में पुलिस की ओर से यह जानकारी शुक्रवार को दी गई। दूसरी ओर, जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने कहा कि वे तब तक यहां डटे रहेंगे, जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हो जाती। शुक्रवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ को बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। ऐसे में अब याचिका का निस्तारण कर दिया जाए। मेहता ने कहा, वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आ गए हैं, जबकि उन्हें एफआईआर दर्ज नहीं होने पर मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाना चाहिए था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने पास रखने का फैसला किया और अगली सुनवाई पांच मई तक स्थगित कर दी।
सूडान में संभल नहीं रहे हालात
जागरण की सुर्खी है: सूडान में नहीं संभल रहे हालात, हजारों विदेशी फंसे। कई दिनों की शांति के बाद शुक्रवार सुबह सूडान की राजधानी खार्तूम और पड़ोसी शहर ओमदरमन विस्फोटों और गोलीबारी की आवाज से गूंज उठे। दो शीर्ष जनरलों की प्रभाव की लड़ाई में यह अफ्रीकी देश 2 हफ्ते से हिंसा की आग में झुलस रहा है। इस दौरान सैकड़ों लोग मारे गए हैं। दसियों हजार विदेशी नागरिक भी वहां फंसे हुए हैं, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं। सेना और अर्धसैनिक बल के बीच हुई लड़ाई में खार्तूम युद्ध के मैदान में बदल गया है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर जली इमारतें और बर्बाद नागरिक सुविधाएं बदतर हालात की कहानी बता रही हैं। इस बीच सूडान से 754 और भारतीयों को वापस लाया गया है।
कुछ और सुर्खियां
- गया के मैगरा में पति-पत्नी में झगड़ा हुआ तो महिला ने 3 बच्चों को पहले फांसी पर लटकाया, फिर खुद झूल गई
- पटना में बीमारी पर आ रहे खर्च से परेशान पिता ने ही की थी ढाई माह की बच्ची की हत्या
- सत्यपाल मलिक से सीबीआई ने की पूछताछ
- टाडा बंदियों की रिहाई के लिए माले विधायकों ने धरना दिया
- जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाई कोर्ट जाएं
- राज्य सरकार कराएगी फुटपाथी बच्चों का सर्वे
- बंपर बहाली: पहली बार 21391 सिपाही एक साथ होंगे बहाल
- कर्नाटक में भाजपा की 17, कांग्रेस की 13 तो जेडीएस की 1 सीट पर मुसीबत बढ़ा रहे बागी
- नीतीश ने मोदी व आनंद की फोटो दिखाई, कहा तब रिहाई को बोले अब विरोध क्यों
- उर्दू, अरबी व फारसी के 26500 शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी
- अब शहरों में भी बनेंगे जीविका समूह
अनछपी: अखबार खबरों में कैसे डंडी मारते हैं इसका एक उदाहरण भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण सिंह का मामला है। बृजभूषण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी हैं। उन पर बड़ी भारतीय महिला एथलीट सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाती रही हैं लेकिन लंबे समय तक भाजपा सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने दोबारा धरना देना शुरू किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने जब सख्ती दिखाई तो दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बात बताई जिसमें कम उम्र की लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर पोक्सो ऐक्ट भी लगाया गया है। इस मामले में बृजभूषण सिंह का नाम जब भी लिया गया तो सिर्फ भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष लिखा गया जबकि उनका भारतीय जनता पार्टी का सांसद होना भी कम महत्वपूर्ण सूचना नहीं है। उनके खिलाफ आंदोलन कर रही एथलीटों का कहना है कि जब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी उनका आंदोलन जारी रहेगा। अखबारों के साथ-साथ बड़े बड़े भारतीय खिलाड़ियों जैसे सचिन तेंदुलकर आदि ने भी इस मामले में उनका साथ नहीं दिया। अलबत्ता दो-तीन दिनों में कुछ दूसरे खिलाड़ियों ने उनके समर्थन में बयान जरूर जारी किया है। खबरों के मामले में पार्टी के हिसाब से कवरेज का यह भेदभाव पहली बार नहीं हुआ है। दो दिन पहले जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जहरीले सांप से की थी तो सभी अखबारों ने उसे आपत्तिजनक बयान बताकर प्रमुखता दी थी। उसके बाद भाजपा के एक एमएलए ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को विषकन्या बताया तो यह खबर अखबारों में दबा दी गई। मीडिया में पार्टी के लिहाज से खबरों की कवरेज पर ध्यान दिलाना जरूरी है और इसके प्रति जागरूक रहना भी बेहद जरूरी है।
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