छ्पी-अनछपी: हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर 320 रॉकेट दागे, बिहार की आधी वक़्फ़ संपत्ति पर अवैध कब्जा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। लेबनान पर इसराइल के हमले के बाद हिज़बुल्लाह ने इसराइल पर 320 से अधिक रॉकेट दागे हैं। बिहार की पचास प्रतिशत संपत्ति पर गैर कानूनी कब्जा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महिलाओं से अपराध अक्षम्य पाप है। बिहार के 4000 से अधिक स्कूलों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

प्रभात खबर के अनुसार इसराइली सेना ने 100 से अधिक लड़ाकू विमान से शिया मिलिशिया हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना कर रविवार तड़के लेबनान में हवाई हमले किए। इसके तुरंत बाद ही हिज़बुल्लाह ने 320 से अधिक रॉकेट और ड्रोन दाग कर इसराइल पर जवाबी कार्रवाई की। हिज़बुल्लाह का दावा है कि उसने उत्तरी इसराइल और इसराइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में स्थित 11 सैनिक ठिकानों को निशाना बनाया है। इस हमले में इजरायल के कई बैरक और आयरन डोम तबाह हो गए हैं। हिज़बुल्लाह के हमले के बाद इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने 48 घंटे के लिए देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी।

50 फ़ीसद वक़्फ़ संपत्ति पर अवैध क़ब्ज़ा

हिन्दुस्तान की खास खबर के अनुसार बिहार में वक्फ बोर्ड की 50 फीसदी से अधिक जमीन अतिक्रमण की शिकार है। राज्य में दो वक्फ बोर्ड संचालित हैं- बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड एवं बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड। इनमें शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 5 हजार बीघा तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 24 हजार बीघा जमीन है। इन जमीनों में शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की जमीनें शामिल हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सूत्रों के अनुसार शिया वक्फ बोर्ड के पास 1672 परिसंपत्तियां हैं, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 6480 परिसंपत्तियां हैं। वक्फ एस्टेट की संख्या सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 2700 है तो शिया वक्फ बोर्ड के पास 327 वक्फ एस्टेट है। इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा है कि सभी जिलों के डीएम को वक़्फ़ की संपत्ति को क़ब्ज़े से मुक्त कराने के लिए कहा गया है।

महिलाओं के विरुद्ध अपराध अक्षम्य पाप: मोदी

प्रभात खबर और जागरण में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लीड की जगह मिली है। जागरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी कोलकाता के आईजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या तथा महाराष्ट्र के बदलापुर में 4 वर्षीय दो स्कूली लड़कियों के यौन शोषण से देश भर में योग्य आक्रोश की पृष्ठभूमि में आई है। उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार को लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।

4000 स्कूलों में बाढ़ का पानी

भास्कर की खास खबर के अनुसार बिहार के 27 जिलों में पिछले दो महीनों से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गंगा, पुनपुन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक और कोसी सहित एक दर्जन से अधिक नदियों का पानी खतरे के निशान के करीब या ऊपर है। राज्य के 4000 से अधिक स्कूलों में बाढ़ का पानी घुसा है। दो दर्जन ज़िलों के 4000 से अधिक स्कूलों में तीन से 12 फीट तक जल जमाव है। 9000 से अधिक स्कूलों के रास्ते डूबे हुए हैं। 1700 से अधिक स्कूलों में पढ़ाई बाधित है। डीएम द्वारा शिक्षा विभाग के निर्देश पर अब तक 120 से अधिक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया जा चुका है।

तय समय पर फ्लैट नहीं दिया तो लगेगा जुर्माना

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में बिल्डर ने निर्धारित अवधि में फ्लैट नहीं सौंपा तो उसे 20 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ेगा। बिहार भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) बिहार ने प्रोजेक्ट में देरी करने वाले बिल्डरों पर आर्थिक दंड लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा समय अवधि विस्तार के लिए भी उसे निर्धारित शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। आमतौर पर रेरा को अक्सर शिकायत मिलती है कि बिल्डर ने बुकिंग के समय किए गए एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित अवधि के बाद भी फ्लैट नहीं सौंपा है। कई बार चार-पांच साल या उससे अधिक देरी भी होती है। एग्रीमेंट में निर्धारित अवधि बीतने के छह माह तक फ्लैट सौंपने पर चार लाख रुपये जुर्माना लगेगा। 6 से 10 माह तक 10 लाख रुपये और एक साल से अधिक की देरी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।

चिराग पासवान अपनी पार्टी के अध्यक्ष बने

रांची में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को फिर से पांच वर्ष के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का अध्यक्ष चुन लिया गया। बैठक में हरियाणा, जम्मू कश्मीर और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा की गयी। अध्यक्ष चुने जाने के बाद चिराग पासवान ने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। साथ ही कहा कि लोजपा ने झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने का विकल्प खुला रखा है।

करंट से मौत, बिजली कंपनी पर 19 लाख का जुर्माना

प्रभात खबर के अनुसार पूर्वी चंपारण जिला उपभोक्ता आयोग ने बिजली के तार की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत के मामले में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड की सेवा में कमी बताते हुए 19 लाख 47000 का जुर्माना लगाया है। दो महीने में मुकदमा करने वाली को मुआवज़े के रूप में 2,47,750 रुपये का भुगतान करने और उसके साथ आश्रित लड़के व लड़कियों के नाम पर 16 लाख 99, 250 की फिक्स्ड डिपॉजिट करने का निर्देश दिया है। आयोग ने मुकदमा संख्या 111/2021 लवंगी देवी पति स्वर्गीय उपेंद्र मुखिया, मजुरहा, वार्ड नंबर 5 बनाम कार्यपालक विद्युत आपूर्ति अभियंता, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड मोतिहारी की सुनवाई की। मुकदमे के अनुसार उपेंद्र मुखिया बिजली की आटा चक्की मशीन लगाए हुए थे। मशीन खुद चलाते थे। आमदनी से परिवार का भरण पोषण करते थे।

कुछ और सुर्खियां

  • सिमुलतला आवासीय विद्यालय में छात्रों के 300 मोबाइल फोन जब्त
  • हज के लिए ₹300 का रजिस्ट्रेशन फीस खत्म, सुविधा शुल्क ₹1000 की जगह ₹2000
  • बिहार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 13000 पदों पर दिवाली तक बहाली होगी
  • टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव फ्रांस में गिरफ्तार
  • यूनिफाइड पेंशन स्कीम में महंगाई राहत जोड़कर कम से कम 15000 की पेंशन बनेगी
  • सेल्फी लेने के दौरान पूर्वी चंपारण की छात्रा बनारस में गंगा में गिरी, बचाने गए दो छात्र भी डूबे, एक का शव बरामद

अनछपी: पूर्वी चंपारण जिले के एक आटा चक्की मलिक की बिजली के तार की चपेट में आने से हुई मौत के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है। जो बात सबसे उल्लेखनीय है वह यह है कि बिजली के तार के जमीन पर गिरे रहने को उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी की श्रेणी में रखा। आमतौर पर उपभोक्ता आयोग के निष्क्रिय रहने की शिकायत मिलती है लेकिन 3 साल के अंदर पूर्वी चंपारण जिला उपभोक्ता आयोग ने जो फैसला दिया है उसके लिए उसे बधाई देने की जरूरत है। हालांकि मुआवजे की राशि पर्याप्त नहीं है लेकिन इस दौर में ऐसा फैसला आना ही कम बड़ी बात नहीं है। कानून की निगाह से देखा जाए तो ऐसी मौत पर सेवा देने वाली कंपनी पर जो जुर्माना लगाया जाता है उसकी एक न्यूनतम राशि तय होनी चाहिए। इस मामले में बताया गया कि पीड़ित उपेंद्र मुखिया ने बिजली विभाग को यह जानकारी दी थी कि बिजली का तार गिरा हुआ है और जब वह डीजल इंजन से गेहूं पीसकर 10 बजे रात को निकले तो इस टूटे हुए तार की चपेट में आकर गिर गए और बिजली का झटका लगने से उनकी मौत हो गई। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आए दिन हम सुनते हैं कि बिजली का तार गिरने से या बिजली का तार गिरने से उसकी चपेट में जाकर लोगों की मौत हो जाती है लेकिन उनके घरवालों मुआवजा नहीं मिलता है। अगर मुआवजा मिलने की व्यवस्था रहती तो उपभोक्ता अदालत नहीं जाना पड़ता। यहां यह सवाल भी महत्वपूर्ण है कि क्या हर आदमी उपभोक्ता अदालत जा सकता है और क्या हर उपभोक्ता अदालत से ऐसे फैसले आ सकते हैं? बिजली का तार टूट कर गिरने और उसकी चपेट में आने वाली हर मौत के लिए बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। इस फैसले से बिजली कंपनी को भी यह सीख मिलनी चाहिए कि सूचना मिलने पर तत्काल बिजली काटे या टूटे हुए तार को ऐसे रखे जिससे कोई उसकी चपेट में ना आए। फिलहाल उपभोक्ता आयोग के इस फैसले को एक नजीर मानना चाहिए और बिजली कंपनी को अपना कामकाज ठीक करना चाहिए।

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