छपी-अनछपी: जातीय गिनती को हाई कोर्ट की हरी झंडी, हरियाणा की हिंसा में सीतामढ़ी निवासी इमाम की हत्या

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जातीय गणना पर हाई कोर्ट की लगी रोक हट गई है और इसे जारी रखने की हरी झंडी मिल गई है। यह सभी अखबारों की पहली खबर है। हरियाणा के नूंह से फैली सांप्रदायिक हिंसा में गुड़गांव की एक मस्जिद पर हमला किया गया जिसमें सीतामढ़ी के रहने वाले एक इमाम की हत्या कर दी गई। इसकी जानकारी भी अखबारों में है। मणिपुर हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वहां के डीजीपी को तलब किया है। इसकी खबर भी पहले पेज पर है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: हाईकोर्ट ने कहा- सरकार की दलील सही, बिहार में जारी रहेगा जाति आधारित सर्वे। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: हाईकोर्ट की हरी झंडी, आज से फिर जाति आधारित गणना। बिहार में जातीय गणना (सर्वेक्षण) जारी रहेगी। पटना हाईकोर्ट ने रोक हटाते हुए राज्य में जाति आधारित गणना की वैधता को चुनौती देनेवाली सभी छह रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने मंगलवार को 101 पन्नों का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार योजनाएं तैयार करने के लिए सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में रख गणना करा सकती है। गणना व्यक्तिगत परिवारों की होनी है और इससे उनकी जाति की पहचान करना संभव होता है। जातिगत पहचान पर आधारित वर्ग या समूह, जो पिछड़े हैं उनकी गणना करने से भविष्य में सरकारी योजना का लाभ देना आसान होगा।

जाति सर्वेक्षण के अधिकार

कोर्ट का मानना है कि जनगणना करना संसद का विशेष अधिकार है, जिसके आधार पर संसद ने जनगणना अधिनियम तैयार किया है। लेकिन राज्य सांख्यिकी संग्रह अधिनियम, 2008 के तहत राज्य सरकार जाति सर्वेक्षण कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि करीब 80% सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और एक भी उदाहरण सामने नहीं आया है जहां कोई शिकायत आई हो कि सर्वेक्षण में मांगे गए विवरण को उजागर करने के लिए दबाव डाला गया हो।

इमाम की हत्या

जागरण ने अपने आखिरी पेज पर खबर दी है: गुरुग्राम में निर्माणाधीन मस्जिद में लगाई आग, सीतामढ़ी के इमाम की मौत। अखबार लिखता है कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के पहरे में तनावग्रस्त नूंह मंगलवार को शांत रहा लेकिन यहां से निकली हिंसा की आग गुरुग्राम पलवल और रेवाड़ी जिलों तक पहुंच गई। गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित एक निर्माणाधीन मस्जिद में सोमवार रात 12:30 बजे उपद्रवियों ने तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। यहां मौजूद दो नायब इमाम पर भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ ने गोलियां चलाने के साथ चाकू से भी हमला किया। इसमें एक इमाम मोहम्मद साद की मौत हो गई। साद मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले थे। वहीं, नूंह की हिंसा में घायल दो और व्यक्तियों की मंगलवार को मौत हो गई। इनकी पहचान बजरंग दल कार्यकर्ता अभिषेक सिंह और शक्ति सैनी के रूप में हुई है।

मणिपुर के डीजीपी सुप्रीम कोर्ट में तलब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है। हिन्दुस्तान के अनुसार शीर्ष न्यायालय ने हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रहने पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस ने कानून-व्यवस्था पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया है। कोर्ट ने यह टिप्पणी मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को तलब करते हुए की है। उन्हें सोमवार को कोर्ट में उपस्थित होकर हालात बताने को कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि पुलिस द्वारा की जा रही जांच सुस्त और लचर है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इतना समय बीतने के बाद बयान दर्ज किए जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि वहां कानून व्यवस्था नहीं थी और संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो गया।

मोदी, रक्षा बंधन और मुस्लिम महिलाएं

जागरण की खबर है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह, रक्षाबंधन पर मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचें। अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए सांसदों को मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचने की सलाह दी है। पीएम मोदी ने कहा है कि तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने के उनके सरकार के फैसले से मुस्लिम महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। उन्होंने भाजपा नेताओं से रक्षाबंधन के आगामी त्यौहार के दिन मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचने के लिए कहा है। सूत्रों के हवाले से दी गई इस खबर में कहा गया है कि मोदी ने सोमवार रात बंगाल, ओडिशा और झारखंड के एनडीए के सांसदों की एक बैठक में यह टिप्पणी की।

वैशाली में बैंक से एक करोड़ की लूट

लालगंज के तिनपुलवा चौक स्थित एक्सिस बैंक से सशस्त्रत्त् लुटेरों ने एक करोड़ रुपये लूट लिए। हिन्दुस्तान के अनुसार मंगलवार सुबह बैंक खुलने के कुछ देर बाद ही दो बाइक से पहुंचे पांच लुटेरों ने 10 मिनट में वारदात को अंजाम दिया। सूचना पर स्थानीय पुलिस के अलावा एसपी रविरंजन और मुजफ्फरपुर से आईजी पंकज सिन्हा बैंक पहुंचे और जांच-पड़ताल की। लूट के वक्त बैंक में मात्र चार ग्राहक थे। सुबह 10:56 बजे लुटेरे पहुंचे। चार बैंक में घुस गए। वहीं एक लुटेरा बाहर आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था। अंदर दाखिल चारों लुटेरों ने हथियार के बल पर बैंक के कैशियर से बोल्ट खुलवाया। इस दौरान बैंक में मौजूद निहत्थे गार्ड और चारों ग्राहकों को किनारे खड़े रहने की हिदायत दी। बोल्ट खुलने के बाद तीन बैग में रुपये भरकर 11:05 बजे लुटेरे आराम से भाग गए।

कुछ और सुर्खियां

  • महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान क्रेन गिरने से बक्सर निवासी समेत 20 लोगों की मौत
  • हीरो मोटर कॉर्प प्रमुख पवन मुंजाल के ठिकानों पर ईडी के छापे
  • ओबीसी के उप वर्गीकरण के लिए गठित रोहिणी आयोग ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
  • मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी राजेंद्र प्रसाद समेत 20 पर केस चलाने की अनुमति
  • सूबे में तैयार होगा सुधा का दूध पाउडर
  • बिहार में मोटे अनाज का रोड मैप बनेगा
  • अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 21 से 23 जनवरी के बीच

अनछपी: पटना हाईकोर्ट से जातीय गणना को हरी झंडी मिलने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन की राजनीति मजबूत हो सकती है। इससे पहले जब हाईकोर्ट ने जातीय गणना की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी तो भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को निशाने पर लिया था और उनकी सरकार के बारे में कहा था कि उसकी लापरवाही से कोर्ट में सही दलील नहीं पेश किए गए जिसकी वजह से कोर्ट ने जाति गणना पर रोक लगा दी। सच्चाई तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने जातीय गणना का यह कहकर विरोध किया था कि इससे जातीय विद्वेष फैलने का खतरा है। हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पास उसका स्वागत करने के अलावा और कोई चारा नहीं था। यही वजह है कि उसके सभी नेताओं ने हाईकोर्ट के इस ताजा फैसले का स्वागत किया है। यह देखना दिलचस्प होगा के जिन याचिकाकर्ताओं ने जातीय गणना की रोक की अर्जी लगाई थी वह अब क्या करेंगे। महागठबंधन के नेताओं ने इन याचिकाकर्ताओं पर भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। जिस समय जातीय गणना पर रोक लगाई गई थी उस समय सरकार ने कहा था कि इसका 80% काम पूरा हो गया है। सरकार चाहेगी कि सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने से पहले बाक़ी बचे 20% काम को पूरा कर वह जातीय गणना के परिणामों को सबके सामने लाए। राज्य सरकार का कहना है कि जातीय गणना से उसे योजनाएं बनाने और आरक्षण देने के फैसलों में आसानी होगी। कई लोगों का मानना है कि जातीय गणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ साथ महागठबंधन के लिए एक राजनीतिक हथियार है जिससे वह हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला कर सकते हैं। इस घटना से यह पता चलेगा कि किस जाति का नौकरी और अन्य संसाधनों पर कितना कब्जा है। इसकी भी संभावना है कि महागठबंधन अब जातीय गणना को राष्ट्रीय स्तर पर कराने के लिए अपनी आवाज को और बुलंद करे।

 

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