छपी-अनछपी: तमिलनाडु में हिंदी बोलने वाले मजदूरों पर हमले, कोर्ट से मिली सज़ा- पेड़ लगाएं, नमाज़ पढ़ें
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। तमिलनाडु में हिंदी बोलने वाले मजदूरों पर हमले की खबर प्रमुखता से छपी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराई है जिसे अखबारों ने पहले पेज पर जगह दी है। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़कर ₹1201 होने की खबर भी पहले पेज पर है। त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा के चुनाव परिणाम आज आ रहे हैं जिसकी खबर हर जगह है। साथ ही यह खबर भी कि सड़क पर झगड़े के मामले में एक अदालत ने दोषी करार दिए गए व्यक्ति को हर दिन पेड़ लगाने और पांच बार नमाज पढ़ने की सजा दी है।
हिन्दुस्तान की पहली खबर है: बर्बर: तमिलनाडु में हिंदीभाषी मजदूरों पर कातिलाना हमले। नवादा से लिखी इस खबर में बताया गया है कि तमिलनाडु में काम कर रहे हिंदीभाषी मजदूरों पर कातिलाना हमले किये जा रहे हैं। चुन-चुन कर बिहार समेत हिंदीभाषी मजदूरों पर चाकू व कुल्हाड़ी से स्थानीय लोग वार कर रहे हैं। सप्ताहभर पहले त्रिपुर से शुरू हुई हिंसा राजधानी चेन्नई तक पहुंच गई है। नवादा से वहां काम करने गए लोगों के अनुसार, अब तक हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
कम पारिश्रमिक पर काम
तमिलनाडु के स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदीभाषी मजदूरों की वजह से उन्हें काम नहीं मिल रहा है। हिंदीभाषी मजदूर कम पारिश्रमिक पर काम कर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों की पूछ कम हो गई है। हमले से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। जानकारी के अनुसार- नवादा, जमुई, लखीसराय, गया, भागलपुर, पटना, दरभंगा, नालंदा, मधुबनी सहित बिहार के कई जिलों के हजारों लोग तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में काम करते हैं। इन हमलों को देखते हुए वहां से मजदूरों का पलायन भी शुरू हो गया है।
विशेष राज्य का दर्जा
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: विशेष दर्जा के लिए एक बार और जो लगाएं। भास्कर में भी यही लीड है: विशेष दर्जा बिहार का हक, इसके लिए हम लड़ते रहे हैं, हर हाल में मिले: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केन्द्र सरकार को बिहार जैसे गरीब राज्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। जो केन्द्र में हैं, उन्हें विकसित राज्य में ही काम करने का अवसर मिला है। नीतीश बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। कहा कि बिहार की विकास दर देश की विकास दर से अधिक है। हम तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन आय के मामले में हम नीचे हैं। हमारी प्रति व्यक्ति आय महज 54 हजार है जबकि देश की प्रति व्यक्ति आय 1.50 लाख है। ऐसे में हमारा तेजी से बढ़ना भी हमें अधिक लाभ नहीं दे पाता। इसीलिए तो हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं।
रसोई गैस की कीमत 8 साल में 200% बढ़ी
सभी अख़बारों में यह खबर पहले पेज पर है कि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत बिहार में अब 1201 रुपये होगी। 2014 में इसकी कीमत लगभग ₹450 थी। उस हिसाब से 8 साल में गैस का दाम अब तक 200% दाम बढ़ चुका है। गैस के दाम में यह यह इजाफा त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के चुनाव के ठीक बाद किया गया है। आज इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग की गिनती हो रही है। घरेलू गैस सिलेंडर के अलावा कमर्शियल गैस सिलेंडरों की कीमत ₹351.50 बढ़ी है। कमर्शियल गैस सिलेंडर अब 2373.50 रुपए में मिलेगा। अखबारों में होशियारी से यह बताया जाता है कि तेल कंपनियों ने यह दाम बढ़ाए हैं ताकि सरकार पर कोई आंच न आए।
जी 20 की बैठक से पहले मतभेद
हिन्दुस्तान के देश दुनिया पेज की सबसे बड़ी खबर है: बैठक से पहले यूक्रेन युद्ध पर मतभेद उभरे। भारत की अध्यक्षता में गुरुवार को जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक होने जा रही है। इसमें आतंकवाद, ऊर्जा, सुरक्षा और आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा होनी है, मगर इस बात के आसार नजर आ रहे हैं कि बैठक में रूस-यूक्रेन जंग का मुद्दा हावी हो सकता है। विदेश मंत्रालय ने नतीजों को लेकर अभी कोई अटकल लगाने से इनकार कर दिया है मगर बैठक से पहले मतभेद उभरते नजर आ रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने साफ कर दिया है कि वह रूसी और चीनी समकक्षों से मुलाकात नहीं करेंगे।
बीजेपी को बढ़त
पूर्वोत्तर के 3 राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव के परिणामों के रुझान आने लगे हैं। एग्जिट पोल में बीजेपी को आगे दिखाया गया था और 2 मार्च की सुबह साढ़े नौ बजे तक नागालैंड और त्रिपुरा में बीजेपी और उसके गठबंधन को बढ़त हासिल थी। मेघालय में एनपीपी को 60 में 22 जबकि बीजेपी और टीएमसी को 10-10 सीटों पर बढ़त दिखाई गई। नागालैंड में 34 से अधिक सीटों पर बीजेपी-एनडीपीपी और त्रिपुरा में बीजेपी 39 सीटों पर आगे दिखाई जा रही थी।
ऐसी सज़ा किस बात के लिए!
हिन्दुस्तान ने मुंबई से खबर दी है: रोज पेड़ लगाएं और पांच बार नमाज अदा करें। महाराष्ट्र के नासिक में मालेगांव की एक अदालत ने सड़क हादसे के बाद हुई मारपीट के एक मामले में दोषी करार दिए गए मुस्लिम युवक को 21 दिनों तक रोजाना दो पेड़ लगाने और दिन में पांच बार नमाज अदा करने का आदेश दिया है। 27 फरवरी को पारित आदेश में मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने कहा कि अपराधी परिवीक्षा अधिनियम के प्रावधान एक मजिस्ट्रेट को किसी दोषी को फटकार लगाकर या उचित चेतावनी देकर रिहा करने का अधिकार देते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि वह अपराध को दोहराएगा नहीं। मजिस्ट्रेट ने कहा मौजूदा मामले में केवल चेतावनी देना ही काफी नहीं होगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि दोषी अपनी दोषसिद्धि को याद रखे, ताकि वह अपराध को दोहराए नहीं। 30 वर्षीय रऊफ खान के खिलाफ 2010 में सड़क हादसे को लेकर हुए झगड़े के दौरान एक व्यक्ति पर हमला करने और उसे चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने खान को दोषी ठहराते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान खान ने कहा था कि वह नियमित रूप से नमाज नहीं पढ़ता है। इसे देखते हुए अदालत ने उसे 28 फरवरी से अगले 21 दिनों तक रोजाना दिन में पांच बार नमाज अदा करने, सोनापुरा मस्जिद परिसर में दो पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल करने का आदेश दिया है।
कुछ और सुर्खियां
- विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ किया रुख़, बीबीसी को करना ही होगा देश के कानून का पालन
- सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का विदेशी चंदा लेने का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित
- शिक्षक भर्ती के लिए 17, 18 व 19 को काउंसलिंग
- अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव: अब पहले एंट्रेंस एग्जाम फिर होगा फिजिकल टेस्ट
- न्याय में देरी: 50 साल से ज्यादा लंबित मामलों में बिहार का देश में दूसरा स्थान
अनछपी: यह सोचकर ताज्जुब लगता है कि 8 साल में रसोई गैस की कीमत 200% बढ़ गई है लेकिन इस मुद्दे को वैसी चर्चा नहीं मिल रही जैसी आज से 8 साल पहले मिलती थी। यानी आज किसी भी सामान के दाम में इजाफा लोगों के लिए मुद्दा नहीं बन पा रहा तो क्या इसके लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए? मनमोहन सिंह की सरकार के समय जब एलपीजी सिलेंडर का दाम बढ़ता था तो भारतीय जनता पार्टी का विरोध प्रदर्शन सबकी नजर में आ जाया करता था। यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए कि क्या कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को रसोई गैस के दाम बढ़ने के बारे में कोई अंदाजा भी है। विपक्षी दलों के लिए सोचने की बात यह भी है कि ऐसे ही मुद्दे को जनता के सामने लाकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से सरकार छीन सकती है तो यह काम उनके लिए क्यों संभव नहीं हो पा रहा? शायद यह कहना सही होगा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के ऐसे अलोकप्रिय कदमों को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल सही से मुद्दा बनाने में बिल्कुल नाकाम हैं। कांग्रेस के पक्ष में बस एक बात कही जा सकती है मीडिया में दाम बढ़ने का सवाल जैसे 2014 से पहले कवर किया जाता था वैसे अब नहीं किया जाता है। कांग्रेस को मीडिया का रोल मालूम है इसलिए उसे इस बारे में जो कुछ करना है वह तो करना ही चाहिए लेकिन जनता के बीच जाकर यह बात समझाने की है कि आखिर कीमतों में 100%- 200% इजाफा करने वाली सरकार लोकप्रिय कैसे हो सकती है।
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