छपी-अनछपी: कटिहार प्रशासन का दावा- मौत किसी और की फायरिंग से, भाजपा को ‘इंडिया’ बोलने से परहेज़

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कटिहार के बारसोई में बिजली की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग में हुई दो लोगों की मौत के बारे में कटिहार प्रशासन का कहना है कि मौत किसी और की गोली से हुई है। इस खबर को सभी जगह महत्व दिया गया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया मणिपुर के दौरे पर है। इधर, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ‘इंडिया’ के जगह विपक्ष बुलाने की रणनीति बनाई है। इससे जुड़ी खबरें भी पहले पेज पर हैं।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: कटिहार में पुलिस की गोली से नहीं हुई मौत। अख़बार लिखता है कि कटिहार में बारसोई में 26 जुलाई को बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 2 प्रदर्शनकारियों की मौत पुलिस फायरिंग से नहीं हुई थी। दोनों की मौत बाहरी व्यक्ति की गोली मारने से हुई। शुक्रवार को मौके पर दोबारा जांच करने गए डीएम रवि प्रकाश और एसपी जितेंद्र कुमार ने कुछ वीडियो फुटेज के आधार पर यह दावा किया।
डीएम ने स्पष्ट कहा कि साजिश के तहत भीड़ का फायदा उठाते हुए माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। पुलिस के हाथ लगे एक फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि एक लड़का तेजी से आता है और कमर से पिस्तौल निकालकर सोनू और नियाज को गोली मारकर वहां से भाग जाता है। हमलावर लड़का उसी दिशा से आ रहा होता है, जहां खुर्शीद की लाश मिली है। संभावना है कि खुर्शीद को भी उसी ने गोली मारी है। सोनू और नियाज को गोली मारते हुए वह दिख ही रहा है। डीएम ने कहा, जिस जगह से पुलिस ने गोली चलाई थी और जहां पर मौत हुई है, दोनों के बीच काफी दूरी है।
मणिपुर के दौरे पर ‘इंडिया’
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के करीब 20 सांसद शनिवार को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। उनका कहना है कि वे वहां की स्थिति का जायजा लेंगे और सरकार को उपयुक्त सलाह देंगे। हालांकि इस दौरे को लेकर सरकार कुछ आशंकित है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि हमें उनके दौरे से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वहां के हालात को देखते हुए उन्हें संयम बरतने की जरूरत है।
‘इंडिया’ कहने से परहेज़
भास्कर की सुर्खी है: इंडिया बनाम एनडीए से बचने का तोड़; अब विपक्षी गठबंधन को ‘इंडिया’ की जगह विपक्ष कहेगी भाजपा। इंडिया बनाम एनडीए के चक्रव्यूह में फंसी भाजपा ने इसका तोड़ निकाल लिया है। यह तय हुआ है कि भाजपा विपक्षी गठबंधन के लिए इंडिया शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव हो या पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव इसमें विपक्ष का इंडिया नैरेटिव नहीं चलेगा। विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखने से भाजपा असहज थी। इंडिया कहकर आलोचना करने में दिक्कत हो रही थी। करीब एक हफ्ते के मंथन के बाद तय हुआ कि विपक्षी गठबंधन को इंडिया कहने की जरूरत नहीं। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी दल या विपक्षी गठबंधन कहा जाए।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण श्रेणियों में बंटेगा
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: तीन से चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण। आरक्षण के बाद भी इसके लाभ से वंचित अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की कई जातियों को अब अपने हक से जुड़े लाभ के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। करीब 6 वर्ष की लंबी जद्दोजहद के बाद जस्टिस रोहिणी आयोग ने ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर अपना काम पूरा कर लिया है। इस रिपोर्ट को गोपनीय रखा गया है और अगले एक-दो दिन में सरकार को सौंपने की तैयारी है। लेकिन जो जानकारी मिली है उसके तहत ओबीसी आरक्षण को तीन से चार श्रेणियों में बांटने की सिफारिश की गई है। पहली प्राथमिकता में ऐसी उन सभी जातियों को रखने की सिफारिश की गई है जिन्हें अब तक इसका एक बार भी लाभ नहीं मिला है।
सृजन घोटाले में बड़ी कार्रवाई
सृजन घोटाले के मुख्य अभियुक्तों की फेहरिस्त में शामिल भागलपुर की तत्कालीन एडीएम जयश्री ठाकुर समेत 5 अभियुक्तों की संपत्ति अंतिम रूप से जब्त होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन 5 में जयश्री के पति, बेटा और बेटी भी शामिल हैं। ईडी ने इनकी संपत्ति जब्त करने के लिए पटना स्थित विशेष न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। इस पर कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। इनके खिलाफ 13 करोड़ 98 लाख 38 हजार रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इन सभी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला दर्ज करते हुए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 2013 में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कुछ और सुर्खियां
● भीमा कोरेगांव केस में वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फ़रेरा को 5 साल के बाद जमानत
● यूनिफॉर्म सिविल कोड पर 80 लाख सुझाव मिले अब सुनवाई शुरू होगी
● बिहार दरोगा भर्ती पीटी में 1280 सफल, सितंबर में होगी मुख्य परीक्षा
● नवादा में स्टंट के दौरान दो बाइक में भिड़ंत एक की मौत
● टेकऑफ और लैंडिंग के मामले में गड़बड़ी मामले में इंडिगो पड़ 30 लाख रुपये का जुर्माना
● बिहार की सरकारी बिजली कंपनियों को 200 करोड़ का मुनाफा
अनछपी: कटिहार जिला प्रशासन ने फायरिंग में हुई मौत के बारे में यह दावा किया है कि किसी और ने गोली चलाई है लेकिन इससे उसके जिम्मेदारी कम नहीं होती है। पुलिस फायरिंग के बाद अक्सर यह देखा जाता है कि प्रशासन यह बात तुरंत मानने को तैयार नहीं होता कि उसकी गोलियों से किसी को कोई नुकसान पहुंचा है। इसलिए उसने शुरू में यह तो माना कि पुलिस ने फायरिंग की है लेकिन मौत किस की गोली से हुई इस पर प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी। 2 दिन के बाद प्रशासन ने वीडियो फुटेज के सहारे यह बताने की कोशिश की है कि कम से कम 2 लोगों पर जो फायरिंग हुई उसमें पुलिस का कोई हाथ नहीं बल्कि किसी बाहरी व्यक्ति ने ऐसा किया है। हालांकि उन दो लोगों में खुर्शीद आलम शामिल नहीं है जिनकी भी फायरिंग से मौत हुई है। ध्यान रहे कि इस फायरिंग में दो लोगों खुर्शीद आलम और सोनू कुमार की मौत हुई है जबकि नियाज़ गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने जिस वीडियो फुटेज में बाहरी के फायरिंग की बात का दावा किया है उसके शिकार सोनू कुमार और नियाज हुए हैं। ऐसे में प्रशासन इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया कि खुर्शीद की मौत पुलिस फायरिंग में हुई है या नहीं। पुलिस- प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ वीडियो फुटेज दिखाने से खत्म नहीं होती बल्कि उस वीडियो फुटेज में जिस व्यक्ति को पुलिस आरोपी मान रही है उसकी गिरफ्तारी भी जरूरी है। यह पता लगाना बिल्कुल जरूरी है कि वह व्यक्ति कौन है और कैसे वहां हथियार लेकर पहुंचा और क्या उसका हथियार लाइसेंसी है या अवैध है। पुलिस अगर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर इन बातों का जवाब देती है तो उसकी बात को विश्वसनीयता मिलेगी। लेकिन अगर वह सिर्फ वीडियो फुटेज के आधार पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहती है तो ऐसा संभव नहीं है। पुलिस को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि उसकी गुप्तचर व्यवस्था क्यों फेल हुई और क्यों वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं किया गया।

 

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