छ्पी-अनछपी: मनमोहन की समाधि के लिए 1000 गज ज़मीन न दी? पुतिन ने अज़रबैजान से माफी मांगी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का शनिवार को अंतिम संस्कार तो कर दिया गया लेकिन उनके समाधि स्थल को लेकर केंद्र सरकार की काफी आलोचना हुई। बुधवार को एक अज़रबैजानी जहाज के हादसे के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने माफी मांगी है। जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी से हवाई और सड़क यातायात पर असर पड़ा है। सासाराम में जन्मदिन पार्टी में गोली चलने से एक की मौत के मामले में वहां के ट्रैफिक डीएसपी पर केस हुआ है। अफगानिस्तान के हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं।
यह हैं आज के अखबारों की खास खबरें।
हिन्दुस्तान के अनुसार आर्थिक सुधारों के जनक, राजनीति में सादगी और सौम्यता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दिल्ली के निगमबोध घाट पर धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी।
समाधि स्थल को लेकर सरकार की आलोचना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र की आलोचना की। इस पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि केंद्र ने पूर्व प्रधामंत्री के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी है। उन्होंने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों पर किए गए ताकि हर व्यक्ति अंतिम दर्शन करके उन्हें श्रद्धांजलि दे पाए। राहुल ने कहा कि मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र को इस मामले में राजनीति और संकीर्णता से परे सोचना चाहिए था। उधर, आप संयोजक अरविंद केरजीवाल ने कहा कि दस वर्ष प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए भाजपा सरकार एक हजार गज जमीन भी नहीं दे सकी।
जहाज हादसे के लिए पुतिन ने माफी मांगी
जागरण के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को विमान दुर्घटना मामले में अज़रबैजान के राष्ट्रपति से माफी मांगी। बुधवार को हुई उस दुर्घटना में 38 लोग मारे गए थे। पुतिन ने इस दुर्घटना को दुखद करार दिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। एक आधिकारिक बयान में क्रेमलिन ने कहा कि विमान के उतरने के कोशिश के दौरान यूक्रेनी ड्रोन हमले के कारण ग्रोज्नी के पास वायु रक्षा प्रणाली फायरिंग कर रही थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि इनमें से एक ने विमान को निशाना बनाया। पुतिन ने अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियोव से इसके लिए माफी मांगी कि यह दुर्घटना रूसी हवाई क्षेत्र में हुई।
कश्मीर और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी
भारी बर्फबारी से कश्मीर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सामान्य जन जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। हिमाचल का आनंद लेने पहुंचे पर्यटकों के लिए भी बर्फबारी मुसीबत बन रही है। बर्फबारी के कारण कश्मीर घाटी का बाकी देश से हवाई और जमीनी संपर्क कट गया है। हिमाचल प्रदेश में भी चार राष्ट्रीय राजमार्ग और 319 सड़कों को बंद कर दिया गया है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर बर्फबारी और कम रौशनी के कारण 38 उड़ानों का आवागमन प्रभावित हो गया है।
बिहार में भी पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
भास्कर के अनुसार सोमवार से पटना सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में शीत लहर चलेगी। बिहार में अगले तीन दिनों में तापमान 2 से 4 डिग्री गिरेगा और कड़ाके की ठंड पड़ेगी। बेतिया, मोतिहारी, सिवान, सारण, गोपालगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, शिवहर, बांका, जमुई, वैशाली, खगड़िया और भागलपुर में बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। शनिवार की रात पटना समेत पश्चिम विहार में बूंदाबांदी हुई।
सासाराम में बर्थडे पार्टी में एक की मौत, ट्रैफिक एसपी पर केस
हिन्दुस्तान के अनुसार सासाराम कलेक्ट्रेट गेट के पास शुक्रवार की देर रात जन्मदिन पार्टी कर रहे लोगों का पुलिस से विवाद के बाद डीएसपी व उसके अंगरक्षक ने गोलीबारी कर दी। इससे एक युवक की मौत हो गई। दो युवक घायल हो गए। अंगरक्षक के भी घायल होने की सूचना है। मामले में डीएसपी आदिल बिलाल, अंगरक्षक चंद्रमौली नगीना राम, सोनू समेत पांच पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है। मृतक राणा ओम प्रकाश सिंह उर्फ बादल सिंह शिवसागर थाना क्षेत्र के सिलारी निवासी अशोक सिंह का पुत्र था।
अफगानिस्तान के हमले में 19 सैनिक मारे गए
जागरण के अनुसार पाकिस्तानी सैन्य विमान द्वारा अफगानिस्तान के पूर्वी पकतीका प्रांत में की गई बमबारी के बाद काबुल ने जवाबी हमला किया है। पाकिस्तानी सैनिकों के बीच दोनों देशों की सीमा पर भीषण संघर्ष छिड़ा हुआ है इसमें 19 पाकिस्तानी सैनिक और पांच अफगान नागरिक मारे गए। पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त और पकतीका प्रांत में जबरदस्त लड़ाई हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि अफगानिस्तान की सेना ने डूरंड रेखा के पास कुछ पाकिस्तानी सैन्य चौकियों में भी आग लगा दी है।
तत्काल पासपोर्ट के लिए तीन दस्तावेज ज़रूरी
हिन्दुस्तान के अनुसार तत्काल पासपोर्ट बनाना अब आसान हो गया है। अठारह वर्ष से अधिक उम्र वाले को तत्काल पासपोर्ट बनाने में अब तीन दस्तावेज देने होंगे। वहीं 18 साल से कम उम्र वाले आवेदकों को दो दस्तावेज देंगे होंगे। 18 साल और उससे अधिक उम्र वाले आवेदकों को आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो पहचान पत्र देना होगा। वहीं 18 साल से कम आयु वाले आवेदकों को राशन कार्ड, शैक्षणिक संस्थानों द्वारा जारी छात्र फोटो पहचान पत्र अनिवार्य होगा। पहले तत्काल पासपोर्ट बनाने के लिए 13 तरीके के दस्तावेज देने होते थे। ऐसे में काफी संख्या में आवेदक होते थे, जिन्हें तत्काल पासपोर्ट बनाने में कठिनाई होती थी।
कुछ और सुर्खियां
- गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस के करीबी इंजीनियर सुनील कुमार के चार ठिकानों पर ईडी के छापे
- 30 दिसंबर को आएंगे बिहार के नए राज्यपाल, 2 जनवरी को लेंगे शपथ
- अवकाश कुमार बने पटना के नए एसएसपी
- इसराइल ने यमन में एयरपोर्ट को बनाया निशाना, बाल-बाल बचे डब्ल्यूएचओ प्रमुख
- दिल्ली के एलजी ने आम आदमी पार्टी की महिला सम्मान योजना की जांच का आदेश दिया
अनछपी: दुनिया में रूस और यूक्रेन के बीच ही युद्ध नहीं हो रहा है बल्कि कई और इलाके हैं जहां मारकाट मची है। ताजा खबर भारत के पड़ोस के दो देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच होने वाले हमले और इसमें हो रही मौतें हैं। अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान की सेना के जहाजों ने उसके दो सूबों पर हमले किए जिसमें निर्दोष महिलाएं और बच्चे मारे गए। मीडिया में आई खबर के अनुसार इसमें कम से कम 46 लोगों की जान गई थी। अब यह खबर आई है कि अफगानिस्तान ने जवाबी हमला किया है जिसमें 19 पाकिस्तानी सैनिकों की जान गई है। इस हमले और जवाबी हमले के पीछे एक संगठन है जिसका नाम है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी। ध्यान रहे कि कुछ महीने पहले इसी तरह के एक दूसरे संगठन के कारण पाकिस्तान और ईरान के बीच भी मिसाइल से हमला हुआ था। दोनों ओर से कई लोगों की जान गई थी। बहरहाल, पाकिस्तान का यह कहना है कि टीटीपी अफगानिस्तान में रहकर उसकी सेनाओं के खिलाफ हमले करता है। टीटीपी पर पाकिस्तानी सेना पर हमले के आरोप लगते रहते हैं और हाल की कार्रवाइयों की शुरुआत भी उसी के हमले में पाकिस्तानी सेना के जवानों की मौत के बाद हुई है। इस मामले में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार कहती है कि उसे टीटीपी के अफगानिस्तान में होने की जानकारी नहीं है और कुछ लोग यह भी कहते हैं कि दरअसल अफ़ग़ानिस्तान सरकार के लिए टीटीपी पर नियंत्रण रखना भी मुश्किल है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान एक दूसरे के लिए बिरादर मुल्क होने होने का दावा करते हैं। इसके बावजूद दोनों में भरोसे की इतनी कमी है और मारकाट मची हुई है, जिसके लिए वहां की सेना और राजनेता जिम्मेदार माने जाएंगे। दोनों देश की सरकारों ने अगर इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो यह मामला आगे भी चलता रहेगा और इसी तरह मारकाट मचती रहेगी।
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