छ्पी-अनछपी: ज़मीन सर्वे के लिए जुलाई 2026 तक का वक़्त, चंद्रबाबू सबसे अमीर मुख्यमंत्री
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जमीन सर्वे के लिए समय सीमा एक बार फिर बढ़ाकर अब जुलाई 2026 कर दी गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं जबकि ममता बनर्जी के पास सबसे कम केवल 15 लख रुपए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस लोकुर ने कहा है कि भारत में हिंदू राष्ट्र की बात करने पर रोक नहीं लेकिन संविधान इसकी इजाजत नहीं देता। भारत स्पेडेक्स स्पेस मिशन के साथ दुनिया के प्रमुख देशों में शामिल हो गया है।
यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।
हिंदी के चारों प्रमुख अखबारों ने जमीन सर्वे के लिए समय बढ़ाए जाने की खबर को सबसे अहम जगह दी है। प्रभात खबर ने लिखा है बिहार सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए भूमि सर्वे की समय सीमा फिर बढ़ा दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य अगस्त 2025 से बढ़कर जुलाई 2026 किया गया है। पहले इस कार्य को पूरा करने की अंतिम तिथि जुलाई 2025 थी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को स्वघोषणा जमा करने की तिथि मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग का अगला कदम सभी जमाबंदियों को आधार से जोड़ने का है। आधार से जमाबंदी को जोड़ने के बाद भू स्वामियों को कृषि संबंधित लाभ और बैंक से क़र्ज़ लेने सहित अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास 25 करोड़ 35 लाख रुपये की संपत्ति है।
चंद्रबाबू सबसे अमीर सीएम
जागरण के अनुसार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उनकी कुल संपत्ति 931 करोड़ रुपए से अधिक है। दूसरी तरफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे कम संपत्ति वाली सीएम हैं। उनकी कुल संपत्ति 15 लाख रुपए है। सोमवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपए है। वैसे देश भर के 31 मुख्यमंत्री की कुल संपत्ति करीब 1630 करोड़ रुपए है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास एक करोड़ 64 लाख रुपए की संपत्ति है।
संविधान हिन्दू राष्ट्र की इजाज़त नहीं देता: जस्टिस लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन भीमराव लोकुर को अब यूएन इंटरनल जस्टिस काउंसिल का चेयरमैन चुना गया है। वहां उनका कार्यकाल 2028 तक का है। इससे पहले वह फिजी की सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले पहले भारतीय जज भी बने थे। भास्कर के साथ अपने एक इंटरव्यू में जस्टिस लोकुर ने कहा कि कोई कहे कि हिंदू राष्ट्र होना चाहिए तो वह उसकी विचारधारा है लेकिन संविधान इसकी इजाजत नहीं देता। क्योंकि कोई कह रहा है ऐसा होना चाहिए इसका यह मतलब नहीं कि उसे जेल में डाल दिया जाए। अगर लोग भड़काने का काम कर रहे हैं तब गलत है। बहस के लिए कह रहे हैं तो वह हो सकती है।
स्पेडेक्स मिशन के साथ भारत ने किया कमाल
जागरण के अनुसार स्पेडेक्स मिशन के साथ भारत ने फिर कमाल किया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार रात दस बजे 44.5 मीटर लंबे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) c60 रॉकेट ने दो छोटे अंतरिक्षयानों चेज़र और टारगेट के साथ सफलता की उड़ान भरी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने कहा दोनों अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं। चेज़र और टारगेट को ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है। मिशन निदेशक एम जय कुमार ने कहा कि मिशन सफल रहा। इस मिशन के साथ ही भारत डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमता प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बनेगा। इस समय दुनिया में केवल तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में डॉक करने में सक्षम हैं।
किसानों ने बंद रखा पंजाब
हिन्दुस्तान के अनुसार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के समर्थन में किसानों के आह्वान पर सोमवार को पंजाब बंद रहा। इस दौरान पूरे राज्य में जनजीवन प्रभावित रहा। 106 ट्रेनों का परिचालन रद्द रहा, जबकि सड़कों पर भी यातायात प्रभावित रहा। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसानों की मांग पर कार्रवाई नहीं करने पर एक सप्ताह पहले राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।
नीतीश के लिए दरवाज़े बंद: तेजस्वी
जागरण के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को सीतामढ़ी के राजपट्टी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टायर्ड हैं, बिहार उनसे संभल नहीं रहा है। रिटायर्ड और भ्रष्ट अधिकारी सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई सवाल ही पैदा नहीं होता कि वह फिर महागठबंधन में शामिल हों। उनके लिए दरवाजा बंद है, मतलब बंद है।
कुछ और सुर्खियां
- बिहार के सरकारी स्कूलों में नवीं से 12वीं क्लास के बच्चों को मिलेगी मुफ्त किताबें
- बीपीएससी के उम्मीदवारों का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिला, पीटी रद्द करने की मांग की
- छात्र संगठनों ने पीटी रद्द कराने के लिए पूरे बिहार में किया प्रदर्शन
- आम आदमी पार्टी का ऐलान, दिल्ली में पुजारी व ग्रन्थी को सम्मान निधि के तौर पर हर माह देगी ₹ 18000
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन
अनछपी: बिहार के अखबारों और अन्य मीडिया में सरकार की घोषणाएं पहले पन्ने पर छपती हैं लेकिन उसका हश्र क्या होता है यह अंदर बताया जाता है। ताजा जानकारी यह दी गई है कि बिहार के सरकारी आईटीआई में छह हज़ार सीटें खाली रह गई हैं। सरकार की घोषणाओं पर ध्यान दिया जाए तो आईटीआई खोलने और उसे सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने के बारे में बड़े-बड़े प्रचार किए गए हैं। इससे पहले बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी सीटें खाली रहने की खबर आ चुकी है। बिहार के 151 आईटीआई में 41 ट्रेड हैं जिसमें 32828 का नामांकन होना था लेकिन 26300 का ही दाखिला हो पाया। ऐसा नहीं है कि पहली बार सीटें खाली रही हैं। पिछले कई वर्षों से यही हाल है। यह हाल सरकारी आईटीआई का है जबकि इसके अलावा हजारों की संख्या में प्राइवेट आईटीआई भी चल रहे हैं। सरकार की ओर से बस इतनी कोशिश की गई है कि कुछ रिजर्व्ड सीटों को अनरिजर्व्ड किया गया है ताकि वह भर सकें। लेकिन जरूरत इस बात की है कि सरकार यह जाने कि आखिर छात्र वहां कम संख्या में एडमिशन क्यों ले रहे हैं। एक वजह तो यह बताई जाती है कि रेलवे सहित कई सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों में वैकेंसी कम आ रही है इसलिए लोगों की दिलचस्पी आईटीआई से कोर्स करने में कम हुई है। लेकिन एक बड़ी वजह यह भी है कि प्रचार के लिए चाहे जितना तामझाम किया जाए पढ़ाई सही से नहीं होती और प्लेसमेंट के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। सरकारी दावों को अखबारों में चाहे जितनी जगह मिले लेकिन आम छात्रों को यह पता होता है कि जब प्लेसमेंट नहीं होना है तो एडमिशन क्यों लिया जाए। इसलिए बेहतर यह होगा कि आईटीआई की संख्या कम कर उन्हें बेहतर आईटीआई बनाया जाए और पढ़ाई की ऐसी व्यवस्था हो कि छात्रों को नौकरी मिल सके।
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