छपी-अनछपी: म्युनिसिपल चुनाव कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट में फंसा, उम्मीदवारों की मेहनत बेकार; बीजेपी-जदयू में घमासान
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मंगलवार को पूजा की धूम थी और पूरा बिहार छुट्टी मना रहा था लेकिन पटना हाईकोर्ट ने उस दिन एक ऐसा आदेश पारित किया कि पूरे राज्य में म्युनिसिपल चुनाव को लेकर हड़कंप मच गया। इस आदेश के बाद सत्ता से हाल ही में बाहर की गई भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड में घमासान मचा गया।
नगर निकाय चुनाव मैं पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर हाई कोर्ट में केस चल रहा था। 29 सितंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था लेकिन किसे पता था कि यह आदेश छुट्टी के दिन पारित होगा। कोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग में नगर निकाय चुनाव स्थगित कर दिया है। इसका सबसे बड़ा नुकसान उम्मीदवारों को होगा जिन्होंने प्रचार पर काफी पैसे खर्च किए। छुट्टी के कारण अखबार तो नहीं छपे हैं लेकिन अखबारों की वेबसाइट पर बिहार की सबसे बड़ी खबर यही है।
हिंदुस्तान की सुर्खी है: नहीं होगा 10 व 20 अक्टूबर को नगर निकाय चुनाव। इसके अनुसार पटना हाईकोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य सरकार द्वारा घोषित पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण को अवैध बताया है। कोर्ट ने इसका आधार सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित ट्रिपल टेस्ट को बताया है।
‘हिन्दुस्तान’ के अनुसार ट्रिपल टेस्ट के तहत:
- किसी राज्य में आरक्षण के लिए स्थानीय निकाय के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की जांच के लिए आयोग की स्थापना की जानी चाहिए।
- इसके बाद आयोग की सिफारिशों के मुताबिक आरक्षण का अनुपात तय करना जरूरी है।
- साथ ही किसी भी मामले में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग के पक्ष में कुल आरक्षित सीटों का प्रतिशत 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
प्रभात खबर ने लिखा है: Bihar Municipal Corporation Elections: 10 और 20 अक्टूबर को नहीं होगा चुनाव, राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला। इसमें बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 8 घंटे लंबी बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने यह फैसला लिया है।
प्रभात खबर की एक और सुर्खी है: हाई कोर्ट के फैसले पर भड़के उपेंद्र कुशवाहा, आंदोलन की दी चेतावनी।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कोर्ट का ये फैसला केंद्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का परिणाम है.
जागरण के अनुसार नगर निकाय चुनाव पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद से भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल, बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है।
सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश को घेरते हुए कहा कि ये चुनाव नीतीश की जिद की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से पहले ही कहा था कि आप ट्रिपल टेस्टिंग के मामले पर आयोग गठन करें। अति पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करें। लेकिन नीतीश ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह को धता बता दिया।
बिहार से बाहर की खबर में जागरण की वेबसाइट पर यह खबर प्रमुख है: Uttarakhand Bus Accident: पौड़ी में बरातियों से भरी बस खाई में गिरी, 25 लोगों की मौत; करीब 45 लोग थे सवार।
प्रभात खबर में यह खबर होम पेज पर है:
क्वांटम साइंस में तीन वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार, फोटोन के टूटे कणों को जोड़ने का तरीका किया ईजाद।
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने ‘क्वांटम सूचना विज्ञान’ के लिए फ्रांस के एलै एस्पै, अमेरिका के जॉन एफ क्लाउसर और ऑस्ट्रिया के एंतन साइलिंगर को यह पुरस्कार देने की घोषणा की।
अनछपी: बिहार नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की घोषणा के बाद से ही इस बात का शक हो गया था यह अदालती झगड़े में फंस जाएगा। कोर्ट ने जो फैसला दिया है उससे अति पिछड़ा वर्ग को नुकसान होगा। वैसे, एक नुक़सान तो उन सभी को होगा जो अब तक प्रचार प्रसार में काफी पैसा खर्च कर चुके हैं। सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट का रास्ता बचा है लेकिन हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर ही अपनी बात कही है इसलिए वहां से भी बिहार सरकार को राहत मिलेगी इसकी उम्मीद कम लग रही है। जिस काम के लिए हाईकोर्ट ने आरक्षण की घोषणा को रद्द किया है उसके विभाग के मंत्री 9 अगस्त से पहले भाजपा कोटे के ही थे। एक और बात यह कह जा रही है कि जातीय जनगणना नहीं होने के कारण जो जानकारी मांगी गई है वह उपलब्ध नहीं है। जाति जनगणना बिहार सरकार करा रही है हालांकि देश कुमार और तेजस्वी यादव की यह मांग रही है कि केंद्र सरकार इसे कराए। ऐसी आशंका है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद नगर निकाय चुनाव लंबे समय के लिए टल सकता है। इस बीच भाजपा बिहार सरकार पर हमलावर होने की कोशिश करती रहेगी।
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