छपी-अनछपी: नीतीश फरवरी में निकलेंगे देश यात्रा पर, 22 जिलों में कोल्ड डे-बर्फीली हवा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय राज्य में समाधान यात्रा पर हैं और फरवरी में वे देशव्यापी यात्रा पर होंगे। आज के अखबारों में यही खबर सबसे ऊपर है। कांग्रेस ने बिहार में अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है जिसे अच्छी कवरेज मिली है। इस आलेख में तस्वीर उसी कार्यक्रम की है। बिहार के 22 जिलों में सर्दी से बुरा हाल है और इसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

जागरण की पहली खबर है: नीतीश की समाधान यात्रा शुरू, फरवरी में करेंगे देशव्यापी यात्रा। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी भी इसी तरह की है: बजट सत्र के बाद देश की यात्रा पर निकलेंगे नीतीश। हालांकि भास्कर ने थोड़ी अलग सूचना दी है: भारत यात्रा पर बोले नीतीश- आगे देखेंगे; पहले बिहार के सभी पेंडिंग काम करा दूं। नीतीश कुमार ने बगहा के दूरदराज इलाके के गांव दरुआबारी में पैदल घूम कर लोगों से बातचीत की है। वहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा विधानसभा के बजट सत्र के आरंभ होने तक चलेगी। यात्रा के बाद विधानसभा सत्र रहेगा और उसके बाद वह विपक्ष की एकजुटता मुहिम के लिए देश की यात्रा पर निकलेंगे।

22 जिलों में सर्दी से बुरा हाल

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: 22 जिलों में कोल्ड डे, 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली बर्फीली हवा। जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर यही है: कड़ाके की ठंड की चपेट में प्रदेश, दो दिनों तक नहीं है राहत के आसार। बिहार के गया, भागलपुर, पश्चिम चंपारण और पूर्णिया सहित 22 जिलों में गुरुवार को कोल्ड डे की हालत रही। सात दिनों से लगातार तापमान में गिरावट हो रही है। इसके प्रभाव से 17 जिलों में दिन का तापमान 15 डिग्री या उससे नीचे और 20 जिलों में रात का तापमान 10 डिग्री के करीब दर्ज किया गया। इस दौरान उत्तर पश्चिम की तरफ से छह से आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवाओं की वजह से पूरे बिहार में कँपकँपी की स्थिति है। मौसम विभाग के मुताबिक 10 जनवरी तक ऐसी ही स्थिति रहने की अनुमान है।

खड़गे बोले- मोदी ने धर्म के नाम पर लड़ाया

भास्कर ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर सुर्खी लगाई है: खड़गे बोले- मोदी के 8 साल बीत गए पर किया क्या? देश को कमजोर किया, महंगाई में झोंका और धर्म के नाम पर लड़ाया। हिन्दुस्तान ने लिखा है: कांग्रेस ने लोकतंत्र को बचाया तो मोदी पीएम बन पाए: खड़गे। जागरण ने उनके बयान का दूसरा पहलू लिया है: महागठबंधन में सबके स्वाभिमान की हो रक्षा, सबको जगह मिले: खरगे। इन सुर्ख़ियों से यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि कौन अखबार किस पहलू को महत्व दे रहा है। हिन्दुस्तान ने लिखा है: बांका जिले के मंदार से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार दोपहर दो बजे यात्रा को हरी झंडी दिखायी। इस मौके पर मंदार में आयोजित जनसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र की भाजपा की सरकार महंगाई और बेरोजगारी बढ़ा रही है। देश में नफरत फैला रही है। सरकार के द्वारा फैलायी गयी नफरत, डर और खौफ को दूर भगाने तथा देश को जोड़ने के लिए यह यात्रा शुरू की गई है।

परीक्षा रद्द कराने की ‘साज़िश’

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: BSSC परीक्षा को रद्द कराने की साजिश का पर्दाफाश, केस दर्ज। जागरण की जानकारी है: बीएस कॉलेज से बाहर आया था 24 की परीक्षा का प्रश्न पत्र। अखबार लिखता है बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की प्रारंभिक परीक्षा के दोनों दिनों के प्रश्न पत्र साजिश के तहत परीक्षा केंद्र से बाहर भेजे गए थे। पुलिस मुख्यालय के अनुसार 23 दिसंबर की पहली पाली की परीक्षा के प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद अगले दिन 24 दिसंबर को दानापुर के बीएस कॉलेज केंद्र में भी प्रश्न पत्र की तस्वीर खींची गई थी। आर्थिक अपराध इकाई का दावा है कि परीक्षा खत्म होने के बाद प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था ताकि परीक्षा को रद्द करा दिया जाए।

भाजपा भगाओ, देश बचाओ: भाकपा

हिन्दुस्तान में एक छोटा सा बयान है: भाकपा चलाएगी भाजपा भगाओ देश बचाओ अभियान। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 27 से 29 मार्च तक जन सत्याग्रह अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान भाजपा भगाओ, देश बचाओ अभियान के तहत सभी जिला मुख्यालयों पर विशाल जन सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा। आम जनता के बीच केंद्र की नीतियों का भंडाफोड़ किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बैंकों, जीवन बीमा निगम सहित तमाम नवरत्न कंपनियों को कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है।

सम्मेद शिखर का मामला

सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने पर रोक लगाए जाने की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। केंद्र सरकार ने झारखंड के गिरिडीह जिले में जैन तीर्थ स्थल ‘सम्मेद शिखरजी पवर्त’ क्षेत्र में पर्यटन और ईको पर्यटन से जुड़ी सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। पर्यावण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को जैन समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया। पर्वत की रक्षा के लिए आसपास के क्षेत्र को 2019 में पारिस्थिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) घोषित किया गया था। जैन समुदाय के विरोध प्रदर्शन के चलते ही केंद्र ने ईएसजेड अधिसूचना के प्रावधान पर रोक लगाई है।

अन्य सुर्खियां

  • रांची का सुषमा बड़ाईक गोलीकांड: आरा कोर्ट में हाजिरी देकर बाहर निकल रहे हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान को झारखंड पुलिस ने उठाया
  • उत्तर भारत ठंड से कंपकंपाया, फिलहाल राहत के आसार नहीं
  • तैयारी: देश के सभी जिलों में अमृत सरोवर पानी की कमी दूर करेंगे
  • चूहे ने ट्रेन में फायर अलार्म बजाया, यात्री कूद भागे
  • जल संरक्षण को स्वच्छ भारत जैसा अभियान चले: मोदी
  • राम मंदिर 1 जनवरी को तैयार होगा: शाह

अनछपी: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 82 साल की उम्र में बात तो युवाओं की तरह कर रहे हैं लेकिन क्या उनकी पार्टी के युवा उनकी ही बातों को बिहार के सभी जिलों और पंचायतों में पहुंचाने के लिए तैयार हैं? भारत जोड़ो यात्रा के लिए यहां पहुंचे श्री खड़गे उम्र की वजह से पैदल यात्रा तो नहीं कर सके और दिल्ली वापस भी हो गए लेकिन उन्होंने अपनी बात जोरदार ढंग से रखी है जिसे मीडिया में भी लगभग ढंग की कवरेज मिली है। मोदी सरकार के बारे में उन्होंने जो बातें की हैं उनमें यह बात भी शामिल है कि पिछले 8 सालों में लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाया गया है। कांग्रेस पार्टी के लिए सवाल यह है कि अगर मोदी सरकार ने धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाया तो कांग्रेस ने इस लड़ाई को बंद कराने की कितनी कोशिशें कीं। इस तरह किसी एक नेता का आना, जनसभा को संबोधित करना और दिल्ली वापस चले जाना तो कोई उपाय नहीं माना जा सकता। देखना यह है कि भारत जोड़ो यात्रा के प्रणेता राहुल गांधी बिहार आते हैं या नहीं। फिलहाल राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में है और यह बात निश्चित है कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा मेहनत उत्तर प्रदेश में ही करनी पड़ेगी। जहां तक बिहार की बात है तो ऐसा लगता है कि कांग्रेस के नेता बिना मेहनत महागठबंधन में अधिक से अधिक भागीदारी चाहते हैं। यही कारण है कि जागरण अखबार ने उस पहलू को उजागर किया है जिससे महागठबंधन में फूट की बात ज्यादा हो। बिहार में महागठबंधन की मजबूती सिर्फ आरजेडी और जेडीयू के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम है और इस बात को कांग्रेस के शीर्ष नेता राज्य के नेताओं को जितनी जल्दी समझा सकें उसका उतना ही अच्छा असर होगा।

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