छपी-अनछपी: झरखंड में सियासी ‘एटम बम’, बिहार में उपचुनाव के लिए वोटिंग आज
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। क्या झारखंड में सियासी एटम बम फूटने वाला है? वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की तरफ से समन भेजने की खबर पर सियासत काफी गर्म हो गई है। इससे पहले राज्यपाल रमेश बैस कह चुके हैं कि कोई बम फूट सकता है। जवाब में हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि महामहिम लिफाफे में एटम बम लेकर बैठे हैं। यह खबर पटना के अखबारों में भी प्रमुखता से छपी है। आज बिहार के 2 विधानसभा क्षेत्रों गोपालगंज और मोकामा में उप चुनाव हो रहे हैं जिसकी खबर पहले पेज पर है।
हिन्दुस्तान की पहली खबर है: मोकामा व गोपालगंज में कड़ी सुरक्षा, वोटिंग आज। वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी। निर्वाचन विभाग के अनुसार उपचुनाव को लेकर दोनों क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। गोपालगंज में 3,31,469 मतदाता और मोकामा में 2,81,251 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। गोपालगंज में 330 मतदान केंद्रों का गठन किया गया है। ये 193 मतदान क्षेत्रों में गठित किए गए है। वहीं, मोकामा में 289 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। ये मतदान केंद्र 174 मतदान क्षेत्रों में गठित किए गए है। मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा। प्रभात खबर की लीड है: कड़ी सुरक्षा में मोकामा और गोपालगंज में आज पड़ेंगे वोट।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: अवैध खनन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में पूछताछ के लिए ईडी ने हेमंत को बुलाया। इसके साथ ही यह जानकारी दी गई है कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जाने की तैयारी में है। श्री सोरेन ने आरोप लगाया है कि विपक्ष के अनुरोध पर ईडी ने उन्हें बुलाया है लेकिन वह घबराने वाले नहीं हैं, माकूल जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक रूप से पराजित होने के बाद संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। हिन्दुस्तान ने हेमंत सोरेन की यह बात लिखी है: हमारे महामहिम दो-तीन महीने से एटम बम का लिफाफा लेकर बैठे हैं। लिफाफा तो नहीं खोलते, लेकिन मुंह से बम फटने की बात जरूर करते हैं। ये लोग सब षडयंत्र में शामिल हैं। खूंटी के मनरेगा घोटाले की जांच साहिबगंज तक पहुंची क्योंकि यहां से हम चुनाव जीते हैं। विपक्ष के लोग दिन भर षड्यंत्र रचने में लगे रहते हैं। भास्कर की हेडलाइन है: अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने भेजा समन लेकिन पेशी पर संशय।
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: दुनिया को भारत से काफी उम्मीद; प्रधानमंत्री। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्वेस्ट कर्नाटक-2022 को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए यह बात कही।
जागरण ने देश में विपक्ष की सियासी गठजोड़ से संबंधित यह महत्वपूर्ण खबर दी है: कांग्रेस ने खींची सियासी लाइन, भाजपा व संघ के खिलाफ वैचारिक दृढ़ता पहली शर्त। कांग्रेस के नए व पूर्व अध्यक्षों ने अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ और तेलंगाना के मुख्यमंत्री कैसी राव की ‘बीआरएस’ की भाजपा के खिलाफ नरम नीति पर करारा हमला करते हुए यह बात कही है।
मुजफ्फरपुर की एक अदालत में पिस्तौल के साथ जज के कोर्ट में पहुंचे वकील को गिरफ्तार करने की खबर सभी अखबारों में है।
हिन्दुस्तान में पहले पेज पर सुर्खी है: किशनगंज में पाकिस्तानी महिला गिरफ्तार। हालांकि खबर में वह पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी महिला बताई गई है। भारत-नेपाल सीमा स्थित गलगलिया बॉर्डर पर किशनगंज पुलिस और एसएसबी की टीम ने संयुक्त रूप से एक संदिग्ध पाकिस्तानी मूल की अमेरिकन नागरिकता वाली महिला को हिरासत में लिया है। महिला को फिलहाल किशनगंज महिला थाना में रखा गया है। महिला पर भारतीय सीमा से नेपाल में बिना वैध दस्तावेज के पार करने का आरोप है।
हिन्दुस्तान में एक रोचक खबर है: चिंपांजी को खाने में खीर तो भालू को मिलेगा अंडा। पटना के चिड़ियाघर के जानवरों को ठंड से बचाने की तैयारी के तहत यह इंतज़ाम किया जा रहा है। छोटे जानवरों के कमरे में भी हीटर लगाए जाएंगे
पक्षियों के खाने में बाजरा, सत्तू और लहसुन दिया जाएगा। शेर, चीता और बाघ के लिए मांस की मात्रा गर्मी की तुलना एक से दो किलो बढ़ जाएगी। इनके केज में फूस के टाट लगाए जाएंगे और गर्म हवा वाले ब्लोअर लगाए जाएंगे। चिम्पांजी को च्यवनप्राश और खीर दिया जाएगा। चिंपांजी को जाड़े से बचने के लिए कंबल भी दिए जाएंगे।
एक और रोचक खबर: ढाई फीट के अजीम-बुशरा की रब ने बना दी जोड़ी। हापुड़ की इस खबर में बताया गया है कि ‘मेरा निकाह करा दो’ यह गुहार कहां-कहां नहीं लगाई अजीम मंसूरी ने। तीन मुख्यमंत्री, तमाम अफसर-थाने, जो भी मिला उससे यही गुहार..निकाह करा दो। खुशखबरी है। अल्लाह ने अजीम मंसूरी की सुन ली। ढाई फीट के अजीम के सिर पर बुधवार को सेहरा बंधा। कैराना से बारात लेकर हापुड़ पहुंचे और तीन फीट की दुल्हन बुशरा से निकाह करके घर लौट गए। अनोखी शादी को देखने इतनी भीड़ उमड़ी कि पुलिस को बुलाना पड़ गया।
प्रभात खबर ने पहले पेज पर खबर दी है: प्रारंभिक व मध्य स्कूलों में 14000 उर्दू शिक्षकों की बहाली की तैयारी। इस खबर में बताया गया है कि हालिया प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षक नियोजन में उर्दू के अच्छे खासे पद खाली रह गए हैं। इसकी वजह यह है कि उर्दू भाषा में अपेक्षित संख्या में टीईटी और एसटीइटी अभ्यर्थी ही नहीं हैं। शिक्षा विभाग यह भी पता लगा रहा है कि असल में सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कितनी है। 14000 रिक्त पदों के हिसाब से प्रदेश के प्रारंभिक स्कूलों में सवा चार लाख विद्यार्थी होने चाहिए।
अनछपी: एक वक्त था जब बिहार में उर्दू की पढ़ाई काफी बेहतर मानी जाती थी। सभी जानते हैं कि उर्दू बिहार की दूसरी राजकीय भाषा है। लेकिन पिछले कई सालों में उर्दू पढ़ने में दिलचस्पी कम होने की शिकायत मिलती रही है। कॉलेज में उर्दू की सीटों का भरना मुश्किल काम हो रहा है। इसके लिए जरूरी है कि स्कूली स्तर से उर्दू के छात्र पर्याप्त संख्या में सामने आएं। सरकार ने 14000 शिक्षकों की बहाली का एलान कर उर्दू पढ़ने वालों को एक अच्छा मौका दिया है। हालांकि सरकार पर उर्दू की उपेक्षा के आरोप लगते रहे हैं और शिक्षकों की बहाली में भी यह आरोप लग चुका है। अब शिक्षा विभाग को यह देखना है कि शिक्षकों की बहाली के हिसाब से स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले छात्र हैं या नहीं। इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि जो छात्र उर्दू पढ़ना चाहते हैं उनकी इच्छा को दरकिनार ना किया जाए। दूसरी सरकारी भाषा होने की वजह से उर्दू का इतना हक तो बनता ही है। साथ ही उर्दू पढ़ने वाले और उर्दू की चिंता करने वाले लोगों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए कि स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले छात्र मिलें।
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