छपी-अनछपी: नोटबन्दी पर एक जज ने क्यों जताई असहमति, बिहार में पॉलिटिक्स का पारा चढ़ेगा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने 4-1 के बहुमत से सही ठहराने की खबर सभी जगह सुर्खियों में है। बिहार में वैसे तो सर्दी काफी बढ़ रही है लेकिन तीन राजनीतिक यात्रा के कारण सियासी पारा चढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा राजद के पूर्व मंत्री विधायक सुधाकर सिंह के बयान पर भी काफी गर्मा गर्मी चल रही है जिसे अखबारों ने अहम जगह दी है।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: सही था नोटबंदी का निर्णय प्रक्रिया में भी कोई दोष नहीं। भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है नोटबंदी का फैसला वैध था, लक्ष्य पूरे हुए या नहीं, इस बात के अब मायने नहीं: सुप्रीम कोर्ट। हिन्दुस्तान ने लिखा है: नोटबंदी का निर्णय सही उच्चतम न्यायालय। उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने वर्ष 2016 में पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के केंद्र सरकार के फैसले को सोमवार को 4-1 के बहुमत से सही ठहराया। पीठ ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया महज इसलिए त्रुटिपूर्ण नहीं थी कि इसकी शुरुआत सरकार ने की थी। वहीं, पीठ में शामिल एक न्यायमूर्ति ने सरकार के फैसले को लेकर सवाल उठाए। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने अल्पमत के फैसले में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 26 (2) के तहत केंद्र की शक्तियों के संबंध में बहुमत के फैसले से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट कानून बनाकर ही रद्द किए जा सकते थे, न कि एक अधिसूचना के जरिए। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि केंद्र के कहने पर सभी सीरीज के नोटों को चलन से बाहर करना गंभीर मुद्दा है, जिसका अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों पर व्यापक प्रभाव पड़ा। संसद में नोटबंदी कानून लाने को लेकर चर्चा होनी चाहिए थी।
सर्दी का सितम
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: दिन का पारा 8 डिग्री तक गिरा, एक दर्जन जिलों में शीत दिवस, कोहरे ने थामी रफ्तार। हिन्दुस्तान में दूसरी सबसे बड़ी खबर है: प्रदेश में नौ डिग्री तक गिरा पारा शीतलहर जैसे हालात। जागरण ने लिखा है: अभी जारी रहेगा सर्दी का सितम। मौसम विभाग की मानें तो अभी राज्यभर में मध्यम से घने कोहरे की स्थिति तीन दिन बनी रहेगी। आज तक घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी है। यातायात के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पटना में सुबह साढ़े नौ बजे तक मात्र 600 मीटर की दृश्यता रही।
सियासी पारा
हिन्दुस्तान में पहले पेज पर सुर्खी है: कड़ाके की ठंड में तीन यात्राओं से चढ़ेगा बिहार का सियासी पारा। अखबार लिखता है: वर्ष 2024 की चुनौतियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से पक्ष-विपक्ष की सियासी गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। नीतीश कुमार जहां सालभर बाद 5 जनवरी से बेतिया से यात्रा आरंभ कर रहे हैं, वहीं, भाजपा अध्यक्ष नड्डा मंगलवार को भाजपा का मिशन 2024 वैशाली के पारू से जबकि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे गुरुवार को बिहार के दौरे पर होंगे इसकी शुरुआत बांका से होगी
महागठबंधन में गर्मा गर्मी
भास्कर में पहले पेज पर सुर्खी है: सुधाकर ने सीएम के लिए कहे आपत्तिजनक शब्द तो उपेंद्र ने तेजस्वी को चेताया- यह आपके लिए ठीक नहीं, शिवानंद ने भी कहा- कार्रवाई कराएं जगदानंद भाई। हिन्दुस्तान की हेडिंग है: सुधाकर सिंह में देखी जा रही महा गठबंधन में दरार की तस्वीर। सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और कृषि रोड मैप को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मतभेद होने की बात कहकर मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इस मामले में भाजपा सांसद सुशील मोदी कहते हैं कि सुधाकर सिंह लालू प्रसाद के इशारे पर नीतीश कुमार के बारे में ऐसी बातें कह रहे हैं जबकि जदयू के नेता कह रहे हैं कि भाजपा ने सुधाकर को ट्रैप कर लिया है। विधायक सुधाकर सिंह का दावा है कि उन्होंने वही बात कही जो राष्ट्रीय जनता दल कहता रहा है।
दाखिल खारिज और सीएम की चेतावनी
हिंदुस्तान की पहली खबर है दाखिल खारिज में गड़बड़ी की तो अंचलाधिकारी नपेंगे। सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान अपने प्रधान सचिव को बुलाया और उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज में अनियमितता की कई शिकायतें आ रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा।
कुछ और सुर्खियां
- कोर्ट ने नोटबंदी को उचित नहीं ठहराया: जयराम रमेश
- चिंता: बोधगया में थाईलैंड के पांच नागरिक कोरोना संक्रमित मिले
- ऑनलाइन गेमिंग कंपनी पर सट्टेबाजी के नियम लागू होंगे, हर खिलाड़ी का केवाईसी कराना अनिवार्य
- खाद की कालाबाजारी में 106 दुकानदारों के लाइसेंस रद्द
- जम्मू: हिंदुओं के घरों पर फायरिंग कर आईईडी दबाकर गए थे, आतंकी अगले दिन, ब्लास्ट दो बच्चे मरे
- एमबीबीएस में नेक्स्ट यानी नेशनल एग्जिट टेस्ट अनिवार्य होगा
अनछपी: सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों की मुलाकात की खबर टुकड़े टुकड़े में छपी है। सोमवार को ही भास्कर अखबार ने ऐसी मुलाकात होने की सूचना दी थी जिसमें कई संगठनों के नाम शामिल थे। इस संबंध में जो खबरें छपी है उनके अनुसार मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों से सतर्क रहने को कहा। मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए जिन संगठनों के नाम प्रकाशित हुए थे उनमें से कितने की मुलाकात मुख्यमंत्री से हुई यह स्पष्ट नहीं है। ऐसा लगता है कि जनता दल से जुड़े जिस व्यक्ति ने भी इस मुलाकात का आयोजन कराया था उसका संपर्क उन संगठनों से सही तरीके से नहीं हो पाया। इसीलिए जो सूची प्रकाशित हुई थी उनमें से कम से कम एक संगठन के प्रतिनिधि का कहना है कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया। लगभग ढाई घंटे चली इस मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा और एआईएमआईएम से भी सतर्क किया कहा कि इसमें दो राय नहीं कि भाजपा के इशारे पर एआईएमआईएम काम करती है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की मुस्लिम बुद्धिजीवियों से यह मुलाकात वास्तव में यह संदेश देने के लिए था कि वह एमआईएम के खिलाफ माहौल बनाएं। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि धार्मिक संगठनों से क्या ऐसी राजनीतिक उम्मीद लगाना सही होगा?
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