छ्पी-अनछपी: चुनावी आंकड़े के बारे में अर्ज़ी मानने से इनकार, छठे फेज की वोटिंग शुरू

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। चुनावी आंकड़े को 48 घंटे के भीतर अपलोड करने के लिए दी गई अर्जी को मानने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए आज यानी शनिवार को वोटिंग हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरा में चुनावी सभा के दौरान कहा कि बिहार में इंडिया गठबंधन का खाता नहीं खुलेगा। उधर तेजस्वी यादव ने एक इंटरव्यू में कहा कि बिहार में इंडिया गठबंधन की लहर है और इसी की सरकार बनेगी। आज के अखबारों में इन खबरों को अच्छी जगह मिली है।

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: मतदान के आंकड़े में देरी के आरोप वाली याचिका पर अंतरिम आदेश देने से इनकार। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को केंद्रवार मतदान प्रतिशत के आंकड़े वेबसाइट पर जारी करने के बारे में कोई भी अंतरिम आदेश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। कोर्ट ने मांग ठुकराते हुए कहा कि चुनाव चल रहे हैं, अभी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। मतदान के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और दो चरण बचे हैं। चुनाव आयोग के लिए बीच प्रक्रिया में मानव संसाधन जुटाना मुश्किल होगा। इसके अलावा शीर्ष कोर्ट ने 2019 के लंबित याचिका में की गई मांग को 2024 में नई अर्जी दाखिल कर अंतिम आदेश के लिए इस मांग को दोबारा रखे जाने पर भी सवाल उठाया। जस्टिस दीपांकर दत्ता एवं जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि जमीनी हकीकत को समझने की जरूरत है। चुनाव के बीच प्रक्रिया में दखल नहीं दिया जा सकता। गैर सरकारी संगठन संगठन का डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुनाव आयोग द्वारा मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी और बाद में उनमें काफी अंतर होने को लेकर सवाल उठाया था।

बिहार की आठ सीटों पर मतदान

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है बिहार में सख्त सुरक्षा के बीच लोकसभा चुनाव के छठे चरण में आठ सीटों पर शनिवार को मतदान होगा। इन सीटों में सीवान, गोपालगंज (सु), महाराजगंज, वैशाली, वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और शिवहर शामिल हैं। इस चरण के सभी 14,872 बूथों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गयी है। करीब 60 हजार अर्धसैनिक बल एवं 18 हजार से अधिक गृहरक्षकों की डॺूटी लगायी गयी है। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों के लिए मतदान होगा। इस चरण में कुल 889 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री और तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

मुस्लिम आरक्षण खत्म कराएंगे: शाह

जागरण के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरा में एक चुनावी सभा के दौरान कहा कि हमें 400 पारर करा दें मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर पिछड़ा समाज को दे देंगे। शाह ने विपक्ष पर निशाना चाहते हुए कहा कि बिहार में विपक्षी गठबंधन का खाता नहीं खुलेगा। उन्होंने कहा कि यादव समाज मुगालते में है कि लालू यादव के हक में काम करेंगे, वह केवल परिवार के हक में काम करते हैं, समाज के हक में नहीं।

इंडिया की लहर: तेजस्वी

प्रभात खबर से इंटरव्यू में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार ने जिस गर्मजोशी से उनके चुनाव प्रचार को अपनाया है, रैलियों में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, मेनिफेस्टो को लेकर मतदाताओं में जिस तरह का उत्साह है वह सब यही बता रहा है कि राज्य में इंडिया गठबंधन की लहर तगड़ी है। उन्होंने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि अगली सरकार हमारी ही बनेगी।”

मोदी हार चुके: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक लड़ाई हार चुके हैं। इसलिए वह उनके परिवार पर निजी हमले कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने प्रधानमंत्री पर दुष्प्रचार के सहारे चुनाव लड़ने का आरोप लगाया। चुनावी व्यस्तता के बीच ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी दस वर्षों से सरकार में हैं, पर रोजगार और महंगाई पर जवाब देने की बजाय मंगलसूत्र, भैंस और बिजली चुराने की बात कर लोगों को भटकाने की कोशिश रहे हैं। विपक्ष के तौर पर हम जिम्मेदारी निभाते हुए जनता के सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं।

ग्रेजुएशन की कॉपी जांच की रील बनाई

प्रभात खबर की सुर्खी है: कॉपी की जांच करते रील्स बनाई, अब शिक्षिका की नौकरी संकट में। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में बीए पार्ट 2 के मूल्यांकन का रील्स बना इंस्टाग्राम पर डालना एक शिक्षिका को महंगा पड़ गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज करा दी। शिक्षिका एपीएस कॉलेज, नदौल में जूलॉजी विभाग में बताई जा रही हैं। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत संबंध महाविद्यालय के शासी निकाय को संबंधित शिक्षिका को निलंबित करने की सिफारिश की है। साथी मामले में विस्तृत जांच का निर्देश दिया है।

आईपीएल के फाइनल में केकेआर-सनराइजर्स

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 17वें संस्करण का फाइनल कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेला जाएगा। शुक्रवार को दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में हैदराबाद ने राजस्थान रॉयल्स को 36 रन से हराकर 2018 के बाद फाइनल में जगह बनाई। हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए हेनरिच क्लासेन के अर्धशतक से 20 ओवर में 9 विकेट पर 175 रन बनाए। जवाब में राजस्थान 20 ओवर में सात विकेट पर 139 रन बना सकी। ध्रुव जुरेल 56 रन पर नाबाद रहे। फाइनल रविवार को चेन्नई में होगा।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के डेढ़ सौ से अधिक एमबीबीएस छात्रों को लगा ईयर बैक, विरोध में यूनिवर्सिटी के सामने प्रदर्शन
  • पीएम नरेंद्र मोदी की आज बिक्रम, बक्सर और डेहरी में चुनावी सभा
  • राहुल गांधी की 27 मई को पटना में दो चुनावी सभाएं होंगी
  • छपरा गोली कांड में राबड़ी देवी का एक और अंगरक्षक वीडियो वायरल करने के आरोप में सस्पेंड
  • शेखपुरा में खेत में फसल देखने गए किसान पति-पत्नी की करंट लगने से मौत
  • रोड शो में रुपए बांटने के आरोप में साहिबगंज विधायक राजू सिंह पर एफआईआर
  • अब पटना से दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन की तैयारी, 9 घंटे में पूरा होगा सफर

अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार यह कह रहे हैं कि मुसलमानों को मिलने वाला कथित आरक्षण खत्म करेंगे। आरा की चुनावी सभा में शुक्रवार को अमित शाह ने यहां तक कहा कि मुसलमानों को मिलने वाला आरक्षण पिछड़े वर्ग और अति पिछड़े वर्ग को दिया जाएगा। वैसे तो इस चुनावी माहौल में मोदी और शाह ने मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे बयान देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर जो बात वह कह रहे हैं वह एक बेहद खतरनाक राजनीतिक संकेत है। ऐसा इसलिए भी कि कोलकाता हाई कोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में ओबीसी में शामिल 77 मुस्लिम जातियों को उससे हटाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट केस के इस फैसले को हालांकि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और यह तब पता चलेगा कि हाई कोर्ट का फैसला टिकता है या सुप्रीम कोर्ट से खारिज होता है। लेकिन जो राजनीतिक बात नरेंद्र मोदी और अमित शाह कह रहे हैं इसका मतलब क्या है? इस सिलसिले में पहला सवाल तो यह पूछा जाना चाहिए कि मुसलमानों को मिलने वाले किस आरक्षण की बात दोनों कर रहे हैं? क्या मुसलमान को बतौर मुसलमान केंद्र से कोई आरक्षण मिल रहा है? स्पष्ट है कि केंद्र स्तर पर ऐसा कोई आरक्षण मुसलमान को नहीं मिल रहा है। तो फिर यह दोनों मुसलमानों को मिलने वाले किस आरक्षण की बात कर रहे हैं? कहीं उनका इशारा उस ओर तो नहीं जिसमें मुसलमान को एसटी और ओबीसी के तहत आरक्षण दिया जाता है? क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह यह कह रहे हैं कि मुसलमानों को ओबीसी से निकाल दिया जाएगा? उनके बयान का अगर यही मतलब है तो यह बेहद खतरनाक है और पसमांदा मुसलमानों की राजनीति करने वालों के लिए जागने का समय है। ध्यान रहे कि ओबीसी के तहत पसमांदा मुसलमानों को ही आरक्षण मिलता है और अगर यह आरक्षण खत्म होता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पसमांदा समुदाय के लिए दिखाई जाने वाली हमदर्दी की असलियत सामने आती है। कहीं मोदी और शाह इस बात की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं कि मुसलमानों को ओबीसी से निकल जाए या मुसलमानों के एक बड़े हिस्से को ओबीसी के आरक्षण से वंचित किया जाए?

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