छपी-अनछपी: ‘इंडिया’ में अब सीटों के बंटवारे पर बात होगी, भारत का सोलर मिशन शुरू

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विपक्षी इंडिया गठबंधन में अब सीटों की बंटवारे की बात शुरू हो गई है। इस बारे में नीतीश कुमार के बयान को पहले पेज पर अच्छी जगह मिली है। भारत के सोलर मिशन की शुरुआत की खबर भी पहले पेज पर छाई हुई है।

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा समस्या नहीं: सीएम। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर कोई समस्या नहीं है। मुम्बई की बैठक में शुक्रवार को हमलोगों की पूरी बात हो चुकी है। सारा कुछ इसी महीने में तय कर लिया जाएगा। अब आपस में बहुत कुछ तय करके बताया जाएगा। बैठक में हमने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय ले लिया है। नीतीश कुमार शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. दारोगा राय की जयंती समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

भारत का सोलर मिशन

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: चंद्र विजय के बाद भारत का सूर्य नमस्कार। भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: भारत अब सूर्य शक्ति। भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य L1 शनिवार को रवाना हो गया। पीएसएलवीसी 57 रॉकेट के जरिए इस प्रक्षेपण के 64 मिनट में तय कक्षा में पहुंचा दिया गया। चार महीने बाद आदित्य एल 1 लैंगरेजियन पॉइंट पर पहुंचेगा तब नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के बाद इसरो यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया की तीसरी स्पेस एजेंसी बन जाएगी। यह सूर्य से आ रहे कणों, रेडिएशन व चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन कर सकेगा। अभी तक एक साथ ऐसा अध्ययन करने वाला कोई भी सेटेलाइट L1 पॉइंट पर नहीं पहुंचा है।

वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए समिति

सरकार ने एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर शनिवार को आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति अधिसूचित कर दी। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे और इसमें गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह सदस्य होंगे। इसकी घोषणा के साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया। उन्होंने गृहमंत्री को पत्र लिखकर तीन आपत्तियां दर्ज की है। पहली, वह ऐसी समिति का सदस्य नहीं बनता चाहते, जिसके नतीजे पहले से तय हैं। दूसरे, चुनावों से ठीक पूर्व इसकी कवायद पर उन्होंने सवाल उठाए हैं। तीसरे, इसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल नहीं करने पर उन्होंने आपत्ति जताई।

अच्छा है पर…: नीतीश

एक देश एक चुनाव से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रस्ताव अच्छा है। लेकिन, जब यह संसद में आएगा तब विस्तार से इसपर बात रखेंगे। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि जो काम केन्द्र को कराना है, वो तो करा नहीं रही और क्या-क्या कर रही है। जनगणना का काम अबतक शुरू नहीं हुआ है जबकि 2021 में ही होना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इनलोगों को विपक्षी दलों की एकजुटता से डर महसूस होने लगा है। ये समय से पहले आम चुनाव करा सकते हैं।

चुनाव की प्रशासनिक तैयारी

हिन्दुस्तान की ख़बर है: आयोग ने जिलों से जल्द मतदान केन्द्रों के गठन का प्रस्ताव मांगा। आगामी लोकसभा आम चुनाव को लेकर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को मतदान केंद्र के गठन का प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा है। मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की बेहतर तरीके से तैयारी करने का निर्देश भी दिया। शनिवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के साथ बैठक की।

राहुल गांधी ने लालू से सीखा मटन बनाना

जागरण की खबर है: राहुल गांधी को लालू ने मटन बनाया सिखाया, राजनीतिक मसाले का ज्ञान दिया। राहुल गांधी पिछले दिनों जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने उनकी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर गए थे। तब उन्हें राजद प्रमुख ने मटन बनाना सिखाया था। लालू ने खुद खड़े होकर राहुल को यह सिखाया कि किस तरह से मटन बनाने के में हल्दी, धनिया पाउडर और प्याज के साथ लहसुन का पेस्ट कितनी मात्रा में डालना है। राहुल गांधी ने मटन बनाने तक लालू से बात की और फिर चपाती के साथ मटन खाया। यही नहीं वह अपनी बहन प्रियंका के लिए मटन साथ लेकर भी गए। राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को डाला है। मटन जब बनकर तैयार हो गया तो लालू प्रसाद ने अपनी बेटी मीसा से पूछा, “घी डाला है ना?” मीसा ने कहा कि हां। इसके बाद राहुल जब साथ बैठे तो पूछ दिया कि राजनीतिक मसला क्या होता है। लालू ने बताया कि राजनीतिक मसाला यह होता है कि आप संघर्ष करें।

राजस्थान में महिला को नंगा कर घुमाया

राजस्थान में प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में 21 वर्षीय आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला सामने आया। इस घटना में पुलिस ने गुरुवार को सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। जबकि चार अन्य को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार दोपहर पीड़िता से मिलकर उसे 10 लाख की आर्थिक सहायता दी और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। साथ ही एसआईटी से जांच कराने की बात कही। प्रतापगढ़ के एसपी अमित कुमार ने बताया कि यह मामला धरियावद थाना क्षेत्र के एक गांव में विवाहिता को वैवाहिक विवाद के चलते उसके ससुराल वालों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने से जुड़ा है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में सिपाही भर्ती के 45667 आवेदन रद्द हुए
  • ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा करने के लिए एएसआई को और 8 हफ्ते चाहिए
  • आरडीडीई, डीईओ और डीपीओ 5-5 स्कूलों को गोद लेंगे
  • एटीएम कार्ड पर दुर्घटना बीमा लाभ दिलाएगा परिवहन विभाग
  • एशिया कप में भारत की पारी के बाद बारिश से पाकिस्तान के साथ मैच रद्द
  • बालासोर ट्रेन हादसे में तीन रेल अधिकारियों पर चार्जशीट
  • झारखंड के चांडिल में तीन बच्चियों की हत्या के बाद मां ने पेड़ से लटक कर दी जान

अनछपी: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक महिला को निर्वस्त्र कर घूम जाने का मामला बेहद गंभीर है। हमारे समाज में किसी भी व्यक्ति से बदला लेने का एक बेहद बराबर तरीका है उसे नंगे कर घुमाने का। यह मामला महिला के पति के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि वह लंबे समय से किसी और के साथ रह रही थी और वापस आने पर ससुराल वालों ने उसके साथ ऐसा जघन्य दुर्व्यवहार किया। आदिवासी समाज में विवाह को लेकर ऐसे विवाद अक्सर सामने आते रहते हैं लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि ससुराल वाले किसी महिला को इस तरह नंगे घुमाकर उससे बदला लेने की बात करें। अच्छी बात यह है कि इस मामले में तत्काल गिरफ्तारी हुई और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उसे गांव का दौरा किया जहां यह घटना हुई थी। इससे पहले मणिपुर में भी दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमने का मामला सामने आ चुका है जो इससे कहीं ज्यादा भयानक था। लेकिन राजस्थान के मामले को मणिपुर की घटना जैसा बताना सही नहीं होगा क्योंकि मणिपुर की घटना एक लंबी हिंसा के परिणाम के रूप में सामने आई थी और उसमें कोई पारिवारिक विवाद नहीं था। विवाद पारिवारिक हो या सांप्रदायिक, महिलाएं सॉफ्ट टारगेट होती हैं। दोनों मामलों में सरकार ने कार्यवाही तब की है जब उसका वीडियो सार्वजनिक हुआ है। ऐसे में एक नैतिक सवाल उठता है कि इस तरह के वीडियो को वायरल किया जाना सही है या नहीं। वीडियो वायरल करने से जाहिर है महिला के साथ अपमान का मामला और गहरा जाता है। दूसरी और यह सच्चाई भी है कि जब तक ऐसे वीडियो को काफी लोग देख ना लें और उस पर तीखी प्रतिक्रिया ना हो सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। मणिपुर और राजस्थान दोनों जगह की सरकारों ने यह फैसला किया कि वीडियो वायरल करने वालों पर भी केस होगा। ऐसे में यह देखना सही होगा की वीडियो वायरल करने के पीछे मकसद क्या महिला को इंसाफ दिलाना है या उसके अपमान को बढ़ाना। अगर मकसद महिला को इंसाफ दिलाना है तो कुछ जरूरी सावधानी के साथ वीडियो वायरल किए जाने पर केस करना सही नहीं मालूम होता है।

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