छपी-अनछपी: दंगों पर नीतीश बोले- कोई जान बूझकर कर रहा कोई, “केंद वित्तीय दबाव बढ़ा रहा”
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सासाराम और बिहारशरीफ के दंगों के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान महत्वपूर्ण है कि कोई जानबूझकर ऐसा कर रहा है। इस बयान को जागरण ने पहले खबर की जगह दी है। इस बीच बिहारशरीफ में शनिवार को भी दंगा जारी रहा। बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (साथ लगी तस्वीर) ने आरोप लगाया है कि केंद्र वित्तीय दबाव बढ़ाने की नीति अपना रहा है। यह खबर भास्कर की लीड है।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: कोई जानबूझकर कर रहा है इस तरह का काम, होगी सख्त कार्रवाई: सीएम। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बिहारशरीफ व सासाराम की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कोई जानबूझकर इस तरह का काम कर रहा है। अधिकारियों को गड़बड़ी करने वालों का पता लगाने को कहा गया है। सरकार पूरी तरह अलर्ट है। उन्होंने कहा कि बिहार शरीफ व सासाराम की घटना घटी है, वह बहुत ही दुख की बात है। इसमें कोई न कोई जरूर गड़बड़ किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है। पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थीं।
बीपीएससी से भर्ती
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बीपीएससी इसी वर्ष करेगा 46 हजार नियुक्तियां। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से इसी वर्ष 45,892 पदों पर भर्तियां होंगी। कार्रवाई चल रही है। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि हमने राज्य में दस लाख युवाओं को नौकरी और दस लाख लोगों को रोजगार देने को कहा है, इसके लिए तेजी से काम करें। मुख्यमंत्री शनिवार को अधिवेशन भवन में बीपीएससी के 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीपीएससी को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और इसके छह में तीन सदस्यों के पद खाली क्यों हैं? उन्होंने निर्देश दिया कि पांच दिनों के अंदर इन पदों को भरें।
केंद्र का वित्तीय दबाव
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बिहार का बड़ा आरोप- केंद्र वित्तीय दबाव बढ़ाने की नीति अपना रहा। राज्य सरकार ने 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में पहली बार बजट की 99% राशि खर्च करने में कामयाबी पाई है। बजट 2, 37, 892 करोड़ का था और सरकार ने इसमें 2, 35, 000 करोड़ का उपयोग किया है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इन सबके बावजूद केंद्र राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ाने की अवांछित नीति अपना रहा है। केंद्र ना तो विशेष राज्य का दर्जा दे रहा ना कोई विशेष सहायता दे रहा ऊपर से उसने बाजार से ऋण लेने पर भी अब पाबंदी लगा दी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 18% अधिक है। बड़ी बात यह है कि सरकार ने राजकोषीय घाटा की निर्धारित चौहद्दी को लांघे बिना केंद्रीय अनुदान व जीएसटी क्षतिपूर्ति में अनुमान से 5086 करोड़ की कमी के बावजूद यह सब किया है।
बिहारशरीफ का हाल
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: बिहारशरीफ में दूसरे दिन भी उपद्रव, निषेधाज्ञा लागू। शहर में शुक्रवार को हुए उपद्रव के बाद शनिवार को दिनभर स्थिति काबू में रही। पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी गश्त लगाते रहे। लेकिन शाम होते ही फिर कई स्थानों पर दो गुट भिड़ गये। हालांकि, डीएम शशांक शुंभकर व एसपी अशोक मिश्र ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। फिर भी एहतियातन शहर में निषेधाज्ञा (धारा 144) लगा दी गई है। पहड़पुरा, बनौलिया, अलीनगर, बसार बिगहा, खासगंज, कोनासराय व रेलवे स्टेशन के पास आदि मोहल्लों में गोलीबारी व रोड़ेबाजी हुई जिसमें जख्मी पहड़पुरा निवासी की मौत इलाज के लिए पटना ले जाने के दौरान होने की सूचना है। वहीं, तीन अन्य को भी गोली लगने की सूचना है। इसी तरह, बसार बिगहा, अलीनगर व कोनासराय मोहल्ले में भी झड़प हुई है।
पुलिस नहीं पहुंच रही
शहर के कई इलाकों में यहां-वहां उपद्रव के निशान बिखरे पड़े थे। भरावपर मोड़ से लेकर सोगरा कॉलेज मोड़ तक अजीब-सी खामोशी पसरी थी। जले हुए वाहन सड़क पर पड़े थे। आगजनी की शिकार दुकानों से लोग अपना कीमती सामान खोज रहे थे। उपद्रव में दर्जनों लोगों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। एक पीड़ित ने कहा कि उपद्रवियों ने उनके मैरेज हॉल पर हमला बोल दिया। उन्होंने पुलिस को फोन किया। किसी ने रिसीव नहीं किया। करीब 50 बार उन्होंने अलग-अलग अधिकारियों को फोन किया पर पुलिस नहीं पहुंची। अब तक इस मामले में कुल 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीसीटीवी फुटेज व अन्य माध्यमों से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
सासाराम का हाल
सासाराम के बारे में हिन्दुस्तान की खबर है: प्रभावित इलाकों में बढ़ी सख्ती, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च। नगर थाना क्षेत्र के मदार दरवाजा व आस-पास के मोहल्ले में दो गुटों के विवाद को शांत कराने के लिए पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। दो प्राथमिकी दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप कर रही है। शनिवार को जिला पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बल ने फ्लैग मार्च किया। प्रशासन ने पुरानी नगर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक की। उधर शनिवार की दोपहर शहर के शाहजलालपीर मोहल्ले में असमाजिक तत्वों ने फायरिंग की। इसमें एक बच्चा समेत दो लोगों के घायल होने की सूचना है।
अमित शाह का दौरा
जागरण में पहले पेज पर खबर दी है: शाह पहुंचे पटना, सासाराम का दौरा रद्द नवादा में आज करेंगे सभा को संबोधित। अख़बार लिखता है कि बिहार के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार की शाम केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पटना पहुंच गए। अब रविवार को लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने नवादा के हिसुआ जाएंगे। उधर भाजपा ने रामनवमी पर सासाराम में हुए उपद्रव के कारण लागू धारा 144 को देखते हुए सम्राट अशोक जयंती समारोह को स्थगित कर दिया। इस वजह से शाह का सासाराम दौरा रद्द हो गया।
मलियाना नरसंहार, मुल्ज़िम बरी
जागरण में एक छोटी सी खबर है: 36 साल बाद मलियाना नरसंहार के 39 आरोपित साक्ष्यों के अभाव में बरी। हिन्दुस्तान ने लिखा है: मेरठ के मलियाना कांड में 40 आरोपी। 1987 के मेरठ के मलियाना कांड मामले में शनिवार को अपर जिला जज, कोर्ट-6 लखविन्दर सूद की अदालत ने 40 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान 23 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान 30 आरोपियों का पता नहीं चल सका। इनके खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा। 23 मई 1987 को मलियाना होली चौक पर यह घटना हुई थी, जिनमें वादी याकूब अली पुत्र नजीर निवासी मलियाना ने 93 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। करीब 63 लोग मारे गए थे और 100 से भी ज्यादा घायल हुए थे।
कुछ और सुर्खियां
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- भारत और मलेशिया के बीच रुपए में होगा कारोबार
- बेउर जेल से ट्रैक्टर के कचरे के ढेर में छिप कर भागा कैदी 3 घंटे बाद पकड़ाया, 5 जवान नपे
- पुनपुन में कुदाल से बालक को काटा आरोपी की भी हत्या
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- क्रिकेटर नवजोत सिद्धू 1 साल की कैद के बाद जेल से बाहर, कहा- पंजाब में राष्ट्रपति शासन की साजिश
अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कहना कि सासाराम और बिहारशरीफ की घटनाएं जानबूझकर अंजाम दी गई हैं बेहद गंभीर मामला है। अफसोस की बात यह है कि बिहारशरीफ में तीसरे दिन भी हिंसा जारी रही और पुलिस व प्रशासन के हाथ से मामला निकला रहा। हालांकि बिहारशरीफ के अधिकारी वहां स्थिति को शांतिपूर्ण बता रहे हैं लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जब आगजनी और मारपीट हो रही हो तो शांति का दावा कैसे किया जा सकता है। अब इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार शरीफ में प्रशासन पूरी तरह फेल हो गया है। अफसोस की बात यह है कि पटना से सीनियर ऑफिसर्स भेजे जाने के बावजूद शनिवार की शाम वहां ऐसी घटनाएं हुई जिन्हें रोका जा सकता था। बिहारशरीफ में डिजिटल दुनिया नाम की जिस दुकान को जलाया और लूटा गया उसके मालिक हैदर रजा भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र के पदाधिकारी हैं। उन्होंने इस मामले को नीतीश कुमार सरकार पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल किया है लेकिन वह भी जानते हैं कि लूटपाट और आगजनी करने वाले लोग कौन हैं। उनकी भी यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं ना कि सियासी बयानबाजी में हिस्सा लेते रहे। ध्यान रहे कि यह हिंसा ऐसे समय में हो रही है जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो भाजपा के नम्बर 2 नेता माने जाते हैं, बिहार के दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री के लिए यह पता लगाना आवश्यक है कि आखिर जानबूझकर किसने ऐसी हरकत की है। हालात सुधरने के साथ वहां के डीएम और एसपी का तबादला भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के पास डैमेज कंट्रोल के लिए अब बहुत कम समय बचा है।
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