छ्पी-अनछपी: बिहार के 12 जिले बाढ़ से घिरे, जेपीसी को वक़्फ़ विधेयक पर 1.2 करोड़ प्रतिक्रियाएं मिलीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और लगभग 13 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। वक़्फ़ संशोधन बिल के अध्ययन के लिए बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी को एक करोड़ 20 लाख प्रतिक्रियाएं मिली हैं। ईरान में कोयला खदान में विस्फोट से 51 लोगों की मौत हो गई। अनुरा कुमारा दिसानायके (साथ लगी तस्वीर) श्रीलंका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूछा है कि विधि व्यवस्था की समीक्षा में मुख्य सचिव और डीजीपी ना हों तो इसका क्या मतलब है।

यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में बाढ़ से हालात बिगड़ रहे हैं। गंगा और सहायक नदियों में उफान से 12 जिलों के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण नदी किनारे स्थित बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, भागलपुर और कटिहार के 64 प्रखंडों की 361 ग्राम पंचायतों में करीब 12.67 लाख बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इस बीच मुंगेर में गंगा का पानी निचले इलाकों में घुसने के बाद हालत बिगड़ने लगे हैं। भागलपुर- जमालपुर रेलखंड स्थित बरियारपुर-रतनपुर स्टेशन के बीच पुल संख्या 195 के गर्डर के पास गंगा नदी का पानी पहुंच गया है। सुरक्षा की दृष्टि से मालदा रेल मंडल ने रविवार से भागलपुर कुल के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है। हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार की नदियां अब भी उफान पर हैं। गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, पुनपुन और घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि, गंगा, पुनपुन और सोन का पटना में जलस्तर घटना शुरू हो गया है। लेकिन, गंगा ने मुंगेर और भागलपुर में विकराल रूप धारण कर लिया है। रविवार को भागलपुर शहर में भी पानी घुस गया।

जेपीसी को वक़्फ़ विधेयक पर 1.2 करोड़ प्रतिक्रियाएं मिलीं

प्रभात खबर के अनुसार वक्त संशोधन विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति को 1.2 करोड़ ईमेल प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इस विधेयक के संबंध में अपने-अपने दृष्टिकोण के प्रति समर्थन जुटाया जा रहा है। संसदीय सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति को भी दस्तावेज के साथ 75000 प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इस कारण समिति को लोकसभा सचिवालय से अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग करनी पड़ी है। सूत्रों ने कहा कि हमने ईमेल प्रतिक्रियाओं की जांच करने और उन्हें वर्गीकृत करने और दर्ज करने के लिए 15 अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया है।

ईरान में 51 मजदूरों की मौत

हिन्दुस्तान के अनुसार ईरान के तबास के खुरासान प्रांत में शनिवार देर रात एक कोयला खदान में तेज धमाका होने से 51 श्रमिकों की मौत हो गई। विस्फोट मीथेन गैस लीक होने के कारण हुआ। हादसे में 20 अन्य लोग भी घायल हुए हैं ,जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना राजधानी तेहरान से करीब 335 किलोमीटर दूर दक्षिणपूर्व में तबास में स्थित एक कोयला खदान में घटी। हादसे के वक्त खदान में 70 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे।

अनुरा कुमारा बने श्रीलंका के राष्ट्रपति

भास्कर के अनुसार मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। दूसरे दौर की मतगणना के बाद रविवार को उन्हें विजयी घोषित किया गया। अनुरा सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। श्रीलंका में पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव दूसरी वरीयता के वोट से हुआ क्योंकि पहले दौर की वोटिंग में किसी भी प्रत्याशी को 50% वोट नहीं मिले थे। जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। उन्होंने समागी जन बलवेगया (एसजेबी) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को हराया। सूची से राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पहले ही बाहर हो चुके थे, उन्हें मात्र 17 फीसदी ही वोट मिले।

विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक में डीजीपी ही नहीं

जागरण के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री हर बार उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करने की सिर्फ औपचारिकता पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी का इकबाल यह है कि प्रदेश में ऐसी प्रत्येक समीक्षा बैठक के बाद अपराध में और अधिक वृद्धि होती है क्योंकि अधिकारी एवं अपराधी भी ऐसी आडंबरपूर्ण बैठकों की असलियत जानते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य जिसमें राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव और एडीजी भी उपस्थित ना रहें।

कोल्डप्ले के कंसर्ट के लिए दीवानगी

भास्कर की खबर है कि ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के कंसर्ट के लिए भारत में बेमिसाल दीवानगी दिखी। ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म बुक माई शो पर रविवार को उनकी बुकिंग शुरू हुई। वेबसाइट ने दावा किया कि इस दौरान 1.3 करोड़ फैंस ने ऐप पर लॉगिन किया। इससे सर्वर क्रैश हो गया। कंसर्ट अगले साल 18, 19 और 21 जनवरी को नवी मुंबई के डी वाई पाटिल स्टेडियम में होगा। स्टेडियम की क्षमता महज 45300 लोगों की है। टिकट की कीमतें ढाई हजार से ₹35000 के बीच है। कोल्डप्ले 1997 में लंदन में बना था।

कुछ और सुर्खियां

  • हज 2025 के लिए फॉर्म भरने की आखिरी तारीख आज (23 सितंबर)
  • बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल 543 फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन रद्द करेगी
  • बिहार में कल से फिर शुरू हो सकता है बारिश का दौर
  • भारत ने बांग्लादेश को पहले क्रिकेट टेस्ट में 280 रनों से हराया
  • सीतामढ़ी-अयोध्या के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा
  • बख्तियारपुर-ताजपुर के बीच निर्माणाधीन गंगा महासेतु के संपर्क पथ पर दो पिलरों के बीच का स्पैन धराशायी हो गया

अनछपी: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक गंभीर सवाल उठाया है कि विधि व्यवस्था की बैठक में डीजीपी और मुख्य सचिव ना हों तो यह कैसी बैठक है? अक्सर अखबारों ने उनके इस बयान को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी है लेकिन यह सवाल तो वाजिब लगता है। दो दिन पहले हुई इस बैठक के बारे में अखबारों में बड़ी-बड़ी सुर्खियां छपीं कि अपराध पर काबू करने में कोताही बरतने पर पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इसमें नीतीश कुमार का यह बयान भी छपा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तो सवाल यह है कि इस सर्वोच्च प्राथमिकता वाली बैठक में राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव क्यों नहीं थे? यह बात तो पहले से मानी जाती है कि ऐसी बैठकर अक्सर औपचारिकता निभाने के लिए होती हैं लेकिन उसमें भी इन दो बड़े अधिकारियों का ना रहना बेहद गंभीर मामला लगता है। राज्य के यह दो सबसे बड़े अधिकारी आखिर किस काम में व्यस्त थे कि उन्होंने सर्वोच्च प्राथमिकता वाली बैठक में हिस्सा नहीं लिया? अखबारों में भी मुख्यमंत्री के हवाले से ऐसे निर्देश जारी किए गए जो आमतौर पर एसपी का काम है। उदाहरण के लिए गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने और रात्रि गश्ती तेज करने जैसे दिशा निर्देश क्या मुख्यमंत्री को देने पड़ेंगे? जैसे यह बैठक औपचारिक होती है वैसे ही अखबारों की रिपोर्टिंग भी औपचारिक होती है और राज्य की विधि व्यवस्था की असली हालत नहीं बताई जाती। ऐसा लगता है कि अखबारों का काम अब सरकार की विज्ञप्ति को ही लिख देना रह गया है। कानून व्यवस्था की इस बैठक के बारे में यह खबर नहीं दी गई कि राज्य में कौन अपराध कितनी संख्या में हुआ है? क्या अखबारों की यह जिम्मेदारी नहीं थी कि वह कम से कम राज्य के बड़े अपराधों की सूची और उसका विवरण छापें? विपक्षी दलों में राजद के तेजस्वी यादव आंकड़े जारी कर अपराध के बारे में सवाल खड़े करते हैं लेकिन यह कोई बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता नहीं दिख रहा है। इस समय अगर भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में रहती तो विधि व्यवस्था का मुद्दा जरूर राजनीतिक तौर पर सबसे चर्चित मुद्दा रहता। राज्य में विधि व्यवस्था का क्या हाल है, इसका एक अंदाजा अखबार के पन्नों से लगता है जो लूटपाट और हत्या की घटनाओं से भरे होते हैं। साइबर क्राइम की खबरें भी काफी होती हैं लेकिन विधि व्यवस्था की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा नहीं होती है।

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